अशोक लेलैंड इलेक्ट्रिक और LNG ट्रकों की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिली
अशोक लेलैंड ने हाल ही में इस साल 500 इलेक्ट्रिक और एलएनजी ट्रक की बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया है। गौरतलब है कि अशोक लेलैंड भारत की दूसरी सबसे बड़ी कमर्शियल वाहन निर्माता कंपनी है, और कंपनी को इलेक्ट्रिक और LNG ट्रकों की मांग में बड़ी वृद्धि देखने को मिली है। जिसका बड़ा कारण भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट और बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियां है, जो अपने पर्यावरणीय, सामाजिक और सरकार के जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इन ट्रकों का बड़े स्तर पर उपयोग कर रही हैं।
कंपनी ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक भारत में इलेक्ट्रिक और LNG ट्रकों का मार्केट 4,000 से 5,000 यूनिट तक का होगा। जिसमें अशोक लेलैंड ने इस साल लगभग 500 इलेक्ट्रिक ट्रकों की बिक्री का लक्ष्य निर्धारित किया है।
चुनौतियों के बावजूद मांग में दिखी वृद्धि
इलेक्ट्रिक ट्रकों की सबसे बड़ी चुनौती उनकी कुल स्वामित्व लागत यानी टीसीओ (Total Cost of Ownership) है, जिसको स्थिर बनाए रखना कंपनी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। कीमत की बात करें तो एक इलेक्ट्रिक ट्रक की कीमत डीजल ट्रक से लगभग चार गुना ज्यादा होती है, जिससे इन ट्रकों की कुल ऑपरेटिंग लागत पर भी एक बड़ा प्रभाव देखने को मिलता है। उदाहरण के लिए, अशोक लेलैंड कंपनी का AVTR 55T EV मॉडल में 300kWh LFP बैटरी दिया गया है और जिसकी रेंज 185 किलोमीटर है। लेकिन इसकी कीमत ₹1.39 करोड़ रुपए है, जबकि इसके डीजल वेरिएंट की कीमत मात्र ₹45 लाख रुपए है। इस प्रकार ग्राहकों को इलेक्ट्रिक ट्रकों में कुल स्वामित्व लागत ज्यादा देखने को मिलता है।
इसी प्रकार, अगर अशोक लेलैंड ट्रक का एक और मॉडल Ashok Leyland Boss 14T EV की बात करें तो इसकी रेंज 230 किलोमीटर है, और इसकी कीमत ₹1.01 करोड़ है, जबकि इसके डीजल वेरिएंट की कीमत ₹25 लाख रुपए है। इस तरह डीजल मॉडल की तुलना में 4 गुना कीमतों का होना एक बड़ा कंसर्न है लेकिन इसके बावजूद इस सेगमेंट में धीरे धीरे मांग में वृद्धि देखने को मिल रही है।
अशोक लेलैंड कंपनी के MHCV वाहन सेगमेंट के अध्यक्ष ने क्या कहा, जानिए
कंपनी के एमएचसीवी (Medium and Heavy Commercial Vehicles) सेगमेंट के अध्यक्ष संजीव कुमार ने कहा कि कंपनियां ESG यानी कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों की ओर रूचि दिखा रही हैं। इस सेगमेंट में विशेष ग्राहकों की उपलब्धता है और साथ ही कंपनियां चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी बड़े स्तर पर निवेश कर रही है, ताकि उनके वाहनों के लिए आवश्यक चार्जिंग सुविधाएं उपलब्ध हो सके। अशोक लेलैंड इस सेगमेंट में अपने नए वाहनों के साथ विस्तार करने की योजना पर लगातार काम कर रहा है।
इस तरह, अशोक लेलैंड फ्यूचर में EVs और LNG ट्रकों के बाजार में एक मजबूत प्रजेंस बनाने के क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है और यह ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के ESG लक्ष्यों को पूरा करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम है।
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