अशोक लेलैंड के सभी ट्रक अब AC कैबिन के साथ मिलेंगे, नया नियम अक्टूबर 2025 से होगा लागू
देश की प्रमुख ट्रक निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड ने घोषणा की है कि वह अक्टूबर 2025 से सभी मध्यम और भारी कमर्शियल वाहनों (M&HCVs) में एयर-कंडीशन (AC) केबिन को अनिवार्य करने वाले नियमों को पूरा करने के लिए तैयार है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि "हमारी सभी फैक्ट्रियों में अब AC केबिन वाले ट्रक बनाए जा रहे हैं।"
एसी केबिन के कारण ट्रकों की कीमतों में 1 से 1.5 प्रतिशत की वृद्धि
ट्रकों में ऐसी केबिन का नियम लागू होने के बाद ट्रकों की कीमत में 1% से 1.5% की बढ़ोतरी होगी। केंद्र सरकार ने ट्रक चालकों की सुविधा के लिए इसे लागू किया है। यह नियम पहले 2016 में प्रस्तावित हुआ था, लेकिन ट्रकों की कीमतें बढ़ने की चिंता के कारण लागू नहीं किया गया था। अब ये नियम अक्टूबर 2025 से लागू होगा। 7.5 से 55 टन के बीच के ट्रक एसी केबिन के साथ बिकेंगे।
भारत में एसी ट्रक लगातार हो रहे लोकप्रिय
संजय कुमार ने बताया कि ट्रैक्टर और टिपर ट्रकों में पहले ही 15-20% तक एसी का इस्तेमाल हो रहा है। माइनिंग ट्रकों में भी एसी का इस्तेमाल और भी तेजी से बढ़ा है।
अब Performance AC और HVAC भी मिलेगा
अशोक लेलैंड सिर्फ साधारण एसी नहीं, बल्कि उससे भी बेहतर विकल्पों पर काम कर रही है। कंपनी अपने ट्रकों में ‘परफॉर्मेंस AC’ और HVAC सिस्टम देने की तैयारी में है। HVAC का मतलब होता है – हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कूलिंग। ये सिस्टम सिर्फ गर्मी में ठंडी हवा ही नहीं देते, बल्कि सर्दी में गर्म हवा भी दे सकते हैं। यह खासतौर पर बहुत ठंडे इलाकों में काफी फायदेमंद होता है। इससे साफ है कि कंपनी हर मौसम में ड्राइवर को आराम देने की सोच रही है।
FY26 में बेहतर ग्रोथ की उम्मीद
अशोक लेलैंड के अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि FY25 में करीब 3% गिरावट जरूर आई थी, लेकिन यह कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है। उम्मीद है कि वित्तवर्ष 26 में हालात सुधरेंगे। उनका मानना है कि इस साल ट्रकों और बसों की मांग में धीरे-धीरे बढ़त होगी। खासकर सरकार के निर्माण और ढांचागत विकास जैसे सड़क, सीमेंट, स्टील पर खर्च बढ़ाने और ई-कॉमर्स सेक्टर की मजबूत मांग से बाजार को सपोर्ट मिलेगा।
कंपनी के टिपर ट्रकों की मांग काफी अच्छी
संजीव कुमार के अनुसार, FY25 की दूसरी तिमाही में सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स थोड़े धीमे हुए थे, लेकिन साल के आखिरी चरण में इसमें काफी तेजी आई। इसी कारण अभी कंपनी के टिपर ट्रकों की मांग काफी अच्छी बनी हुई है। FY26 के शुरुआती दो महीनों में ही बिक्री के अच्छे संकेत मिल रहे हैं।
इस साल बस सेगमेंट में 3-5% की ग्रोथ संभव
कंपनी ने यह भी बताया कि स्कूल और कर्मचारियों को लाने-ले जाने वाली बसों की मांग भी बनी हुई है। ये मांग कोरोना काल के बाद धीरे-धीरे वापस आई है और इस साल बस सेगमेंट में 3-5% की ग्रोथ हो सकती है। राज्य परिवहन निगमों की तरफ से भी लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं।
आरबीआई की ब्याज दर में कटौती से राहत
इसके अलावा, RBI यानी भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में ब्याज दरों में कटौती की है, जिससे कर्ज सस्ता होगा। इससे ट्रक और बस खरीदने वालों को राहत मिलेगी और बिक्री बढ़ने की संभावना है। कुमार ने इसे "एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम" बताया।
कुल मिलाकर, सरकार की नीतियों, बाजार की मांग और कंपनी की तैयारियों को देखते हुए अशोक लेलैंड FY26 में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है।
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