अशोक लेलैंड ने आईसीवी बाजार में हिस्सेदारी खोने के बाद उठाया यह कदम
वाणिज्यिक वाहन निर्माण में प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड ने जल्द ही मध्यवर्ती वाणिज्यिक वाहनों (ICV) की बिक्री को सीएनजी वेरिएंट के जरिए 40 प्रतिशत बढ़ाने का इरादा किया है। अशोक लेलैंड ने यह कदम आईसीवी बाजार में अपनी हिस्सेदारी खोने के बाद उठाया है। बता दें कि वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में सबसे बड़ा वॉल्यूम जनरेटर है क्योंकि सीएनजी लांच को टाल दिया है। वहीं दूसरी ओर अशोक लेलैंड ने अपनी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शाखा स्विच मोबिलिटी के अंतर्गत अपने इलेक्ट्रिक वाहन और ई मोबिलिटी ए-ए सर्विस विस्तार जारी रखा है। इसमें कंपनी का लक्ष्य एक वर्ष में 200 मिलियन डॉलर से 300 मिलियन डॉलर जुटाना है। कंपनी को ओर से भविष्य में और अधिक पूंजी जुटाने की जरूरत पड़ सकती है। आइए, जानते हैं अशोक लेलैंड की सीएनजी के माध्यम से आईसीवी (ICV) की बिक्री के 40 प्रतिशत लक्ष्य के लिए क्या और कदम उठाए जा सकते हैं?
कंपनी के एम एंड एचसीवी प्रमुख ने यह कहा
अशोक लेलैंड की ओर से कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में सीएनजी सेगमेंट में आईसीवी की बिक्री बढ़ाने का लक्ष्य क्यों तय करना पड़ा इस संबंध में कंपनी के एम एंड एचसीवी संजीव कुमार ने कहा है कि हमारी प्रतिस्पर्धा तेजी से आई जब मध्यवर्ती ट्रक बाजार सीएनजी में स्थानांतरित होने लगा। अन्य कंपनियां बस इंजनों के आधार पर सीएनजी पर जल्दी स्विच कर सकते थे लेकिन हम विशेष रूप से ट्रकों के लिए इंजन बनाना चाहते थे। वहीं कुमार ने कहा है कि हम एक ऐसा इंजन लेकर आए हैं जिसमें इस सेगमेंट में सबसे अधिक हॉर्सपावर और टॉर्क है। यह अशोक लेलैंड के लिए एक बड़ा अंतर होगा। इसलिए हमने समय लिया और हमारा विचार पूर्ण उत्पाद बनाने का था।
अगले दो महीने में 11 टन ट्रक बनाने की योजना
यहां बता दें कि अशोक लेलैंड ने अगले दो महीनेे में 11 टन के ट्रकों को 14 से 16 टन में बदलने की घोषणा की है। वहीं मल्टी एक्सल वाहनों के लिए भी लगभग यही योजना रहेगी। कंपनी का कहना है कि हम कई अनुप्रयोगों से सकारात्मक संकेत देख रहे हैं। ई कॉमर्स और स्टील बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। पिछले छह महीनों में कंपनी कोयले और लोह अयस्क पर भी काम कर रही है। कंपनी का कहना है कि सरकार ने 2022-23 का जो बजट पेश किया है, उससे हमें पूंजीगत खर्च पर काफी कार्रवाई देखने को मिली।
सीएनजी वेरिएंट में जाने का निर्णय इसलिए
यहां बता दें कि अशोक लेलैंड इंटरमीडिएट और हल्के वाणिज्यिक वाहन बाजार में फ्लीट ऑपरेटर डीजल पर सीएनजी (CNG) का पक्ष इसलिए भी लेती है कि इन वाहनों की चलने की लागत काफी कम होती है। कंपनी के एम एंड एचसीवी (HCV) प्रमुख संजीव कुमार का कहना है कि सीएनजी ईंधन भरने वाले स्टेशनों की तेजी से बढ़ती संख्या और डीजल आधारित कमर्शियल व्हीकल्स को इलेक्ट्रिक करने में तेजी लाई जा रही है। सीएनजी पहले से ही आईसीवी बाजार का 35 से 40 प्रतिशत है और वर्तमान में पूरे वाणिज्यिक वाहन बाजार का 10 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा इसका है।
अन्य ईंधन विकल्पों को अपनाने में भी झिझक नहीं
अशोक लेलैंड कंपनी ना सिर्फ सीएनजी वेरिएंट वाले वाणिज्यिक वाहनों के उत्पादन एवं बिक्री पर फोकस कर रही है बल्कि किफायत वाले अन्य ईंधन विकल्पों की भी तलाश और इनके अपनाने पर कोई झिझक नहीं है। कंपनी के एम एंड एचसीवी प्रमुख संजीव कुमार की मानें तो फ्लीट ऑपरेटर्स के साथ ट्रकों की जो कमी चल रही है उससे तरलकृत प्राकृतिक गैस एलएनजी जैसी वैकल्पिक ईंधन प्रोद्योगिकी भी विकास कर रही हैं। इन्हे अपनाया जा सकता है। कंपनी पारिस्थितिकी संतुलन के लिए ईंधन के नये विकल्प अपना सकती है।
स्विच मोबिलिटी शुरू करेगी ई मास योजना
अशोक लेलैंड की स्विच मोबिलिटी जल्द ही भारत में ई मास शुरू करने की योजना बना रही है। कंपनी के वित्तीय अधिकारी गोपाल महादेवन के अनुसार निजी इक्विटी निवेशकों के साथ 200 मिलियन डालर से 300 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रही है।
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