अशोक लीलैंड ने हाइड्रोजन से चलने वाले वाणिज्यिक वाहनों की योजना बनाई
ईंधन बचत के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर में कई अभिनव प्रयोग हो रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा अब हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन भी विकसित किए जा रहे हैं। बता दें कि हिन्दुजा समूह की कंपनी अशोक लेलैंड हाइड्रोजन से चलने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर गंभीरता से कार्य करने में जुटी है। इसके लिए कंपनी की एक खास टीम इन वाहनों को विकसित कर रही है। अशोक लेलैंड कंपनी इस वित्तीय वर्ष में पूूंजीगत खर्च योजना शुरू करने के लिए 750 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी। आइए, जानते हैं अशोक लेलैंड की हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को विकसित करने की क्या योजना और इसके बारे मेंं कंपनी के अधिकारियों ने क्या कुछ कहा?
हाइड्रोजन से संचालित किए जाने वाले वाणिज्यिक वाहन
हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन विकसित करने की योजना के बारे में अशोक लेलैंड के सीईओ और एमडी विपिन सौंधी ने मीडिया के समक्ष कहा कि हम हाइड्रोजन से संचालित किए जाने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर बहुत बारीकी से कार्य कर रहे हैं। इस समय हम इसके बारे में विस्तार से नहीं बताना चाहते। हम गहराई से जुड़े हुए हैं। कंपनी की एक टीम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। कंपनी ने सीएनजी से लैस कमर्शियल व्हीकल्स को लांच करने की योजना बनाई है। इन वाहनों को इसी वित्त वर्ष की तिमाही के दौरान सडक़ों पर उतारा जा सकता है।
अशोक लेलैंड 750 करोड़ रुपये का करेगी निवेश
यहां बता दें कि अशोक लेलैंड (Ashok leyland) 750 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने जा रही है। कंपनी के सीएफओ गोपाल महादेवन ने मीडिया को बताया कि निवेश की राशि में कोई संशोधन नहीं होगा यानि फिलहाल 750 करोड़ रुपये का निवेश ही प्रस्तावित है। वहीं निर्यात के बारे में एक सवाल के जवाब में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अफ्रीकी बाजार में कंपनी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि हमारे परंपरागत बाजार सार्क, मध्य पूर्व, नेपाल और श्रीलंका रहे हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढेंगे तो आप अफ्रीका मेंं भी एक बड़ा प्रोजेक्ट साकार होगा। कंपनी के पास एक बड़ा बेड़ा है। इसका उपयोग विस्तार के लिए किया जाएगा। कंपनी के सीईओ और एमडी विपिन सौंधी ने कहा कि अफ्रीकी बाजार में विस्तार करना महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजारों को भी देखेगी। अफ्रीका में हमने एक खुदरा वितरण चैनल तैयार किया है।
सेगमेंट के लिए डिजीटल का उपयोग जरूरी
अशोका लेलैंड सेगमेंट के बारे में पूछे जाने पर कंपनी के शीर्ष अधिकारी महादेवन ने कहा कि सेगमेंट की जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनी डिजीटल प्लेटफार्म का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करेगी। इसमें पुराने वाहनों को खरीदने (Buy Used Vechicles) और बेचने के पारपंरिक तरीकों को नहीं अपनाया जाएगा। कुल कर्ज के बारे में एक अन्य सवाल के जवाब में महादेवन ने कहा कि आज यह 3,112 करोड़ रुपये था और प्रबंधन द्वारा कर्ज स्तर को कम करने के लिए किए गए अनुकरणीय कार्यों के कारण क्रमिक रूप से लगभग 1,000 करोड़ रुपये कम किए गए।
अशोक लेलैंड कंपनी भारत की दूसरी प्रमुख सीवी निर्माता
यहां बता दें कि अशोक लेलैंड कंपनी भारत की दूसरी सबसे बड़ी कमर्शियल वाहन (Commercial Vehicles) निर्माता कंपनी है। यह बसों के निर्माण में भी दुनिया की चौथी एवं ट्रकों के निर्माण के लिए विश्व की शीर्ष 16 कंपनियों में शामिल है। भारतीय ऑटोमोबाइल उत्पादक कंपनी अशोक लेलैंड का मुख्यालय चेन्नई में स्थित है। इसकी स्थापना सन् 1948 में रघुनंदन सरन द्वारा की गई थी।
कैसे कार्य करता है हाइड्रोजन ईंधन सेल
हाइड्रोजन ईंधन सेल क्या है और यह कैसे कार्य करता है? इस संबंध में बता दें कि ईंधन स्त्रोत के तौर पर हाइड्रोजन और एक ऑक्सिकारक के प्रयोग से विद्युत-रासायनिक प्रक्रिया द्वारा विद्युत का निर्माण होता है। ईंधन सेल हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन को मिश्रित कर विद्युत धारा का निर्माण करता है इस प्रक्रिया में जल उत्पादक होता है। पंरपरागत बैटरियों की तरह से ही हाइड्रोजन ईंधन सेल भी रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है लेकिन एफसीईवी लंबे समय तक वहन करने योग्य है और भविष्य के वाहनों के लिए एक आधार है।
भारत में हाइड्रोजन ईंधन का ही भविष्य
यहां बता दें कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें ओर इनसे फैलते प्रदूषण के कारण एक तरफ इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेज हो रही है तो दूसरी ओर हाइड्रोजन को भी सस्ते और प्रदूषण रहित ईंधन के तौर पर अपनाने के लिए भी सरकार एवं वाहन निर्माता कंपनियां इसकी तैयारियों में जुटी हैं। केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक सरकार की हाइड्रोजन नीति के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि भविष्य में हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों की तादाद भले अभी कम है लेकिन आने वाला समय हाईड्रोजन ईधन का ही होगा। यह भी बता दें कि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को बंद नहीं किया जाएगा।
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