देश की बीमा कंपनियों ने प्रीमियम बढ़ाने की उठाई मांग
वाहन बीमा हर कोई चाहता है। यह बहुत जरूरी भी है लेकिन इस दौर में हर तरफ महंगाई बढ़ रही है। यहां बता दें कि भारत के करीब 25 बीमा कंपनियां थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम को बढ़ाने की जुस्तजू में हैं। इसके लिए कंपनियों ने आईआरडीएआई को प्रपोजल देकर वाहनों के थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में वृद्धि करने की मांग की है। यदि इन कंपनियों की बात मानी गई तो इसका सीधा असर देश के करोड़ो वाहन मालिकों और नये वाहन खरीदने वालों पर पड़ेगा। यहां जानते हैं कि बीमा कंपनियों का यह पैंतरा वाहन मालिकों पर कितना भारी पड़ सकता है।
थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम 15 से 20 प्रतिशत बढ़ सकता है
बता दें कि यदि बीमा विनियामक व विकास प्राधिकरण को बीमा कंपनियों की ओर से भेजे गए प्रपोजल में कोरोना के कारण कंपनियों को हो रहे नुकसान को देखते हुए थर्ड पार्टी इंश्यारेंस में 15 से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की मंजूरी देने की मांग की गई। यदि कंपनियों की मांग पूरी होगी तो इसका असर देश भर के लाखों वाहन मालिकों पर पड़ेगा।
प्रीमियम बढ़ाने के लिए दिया प्रपोजल
यहां बता दें कि भारत में लगभग 25 जनरल इंश्योरंस कंपनियां हैं। इन कंपनियों को आईआरडीएआई से उम्मीद है कि थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि के लिए उन्हे हरी झंडी मिल जाएगी। कंपनियों का तर्क है कि कोरोना के कारण उनको काफी नुकसान हो रहा है। इसी को देखते हुए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मौजूदा प्रीमियम ठीक नहीं है और उन्हे घाटा हो रहा है। कुछ कंपनियों की स्थिति ऐसी हो गई है कि उनकी वरदान क्षमता उनकी प्रिंसक्राइब्ड लिमिट से भी नीचे चली गई है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम में भी बढ़ोतरी हुई है। इससे भी कंपनियां पर आर्थिक भार बढ़ा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जरूरी है थर्ड पार्टी बीमा
दोपहिया और चारपहिया वाहन मालिकों के लिए क्यों जरूरी है थर्ड पार्टी बीमा? इस संबंध में बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 2018 के निर्णय के बाद यह अनिवार्य कर दिया गया है कि दोपहिया वाहन खरीदते वक्त ही 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना पड़ेगा। वहीं चौपहिया वाहन (4 wheelers) मालिकों के लिए 3 साल का थर्ड पार्टी बीमा लेना जरूरी है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार जो भी वाहन सडक़ पर चलता है उसका थर्ड पार्टी बीमा होना चाहिए। यह बीमा प्रीमियम आईआरडीएआई तय करता है। प्रीमियम में हर साल बदलाव होता है लेकिन विगत दो सालों से कोरोना के कारण इसमें परिवर्तन नहीं किया गया।
जानें, क्या होता है थर्ड पार्टी बीमा
अनेक वाहनधारी लोग नहीं जानते हैं कि आखिर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है। यहां बता दें कि आपके पास कोई वाहन है जिसे आप चला रहे हैं, यदि उस वाहन से किसी अन्य व्यक्ति को दुर्घटना में नुकसान हुआ तो जिस बीमा पॉलिसी के तहत उसे मुआवजा मिलना चाहिए वह है थर्ड पार्टी बीमा। दूसरे की संपत्ति को या वाहन को नुकसान का मुआवजा भी थर्ड पार्टी बीमा के जरिए ही मिलता है। मुआवजा का निर्धारण अदालती कार्रवाई में होता है। वहीं खुद को होने वाले नुकसान का कोई मुआवजा थर्ड पार्टी बीमा से नहीं मिलता है। स्वयं के वाहन को नुकसान या शारीरिक क्षति पर हर्जाना पाने के लिए आपको कान्प्रेन्हिसिव बीमा पॉलिसी लेनी पड़ती है। इसी प्रकार खुद को या अपने वाहन में सवार व्यक्तियों के मुआवजे के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा अलग से लेना होत है। अब थर्ड पार्टी बीमा के साथ 15 लाख रुपये का अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा लेना जरूरी हो गया है।
ये हैं बीमा पॉलिसी का नियम
बीमा पॉलिसी के अंतर्गत निर्धारित नियम होते हैं। इनमें प्रथम पक्ष वह होता है जो बीमा करवाता है यानि वाहन का मालिक, दूसरा पक्ष जो बीमा करता है अर्थात बीमा कंपनी। तीसरा पक्ष वह है जो अन्य व्यक्तियों में आता है जिसे थर्ड बीमा का लाभ मिलता है।
कहां से खरीदें थर्ड बीमा पॉलिसी
थर्ड पार्टी बीमा के लिए पॉलिसी कहां से खरीदें? इसके संबंध में बता दें कि सामान्यतया वाहन बेचने वाली कंपनियां आजकल किसी ना किसी बीमा कंपनी से गठबंधन रखती हैं। इनके शोरूम पर ही यह सुविधा होती है कि आप बीमा खरीद सकते हैं। इसके अलावा जनरल इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय में जाकर अपने लिए वाहन बीमा खरीद सकते हैं। इन कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी बीमा करवा सकते हैं।
थर्ड पार्टी बीमा के ये हैं फायदे
आप यदि थर्ड पार्टी बीमा कराते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसके पीछे कारण यह है कि किसी भी समय वाहन से होने वाली दुर्घटना में यदि तीसरे पक्ष को नुकसान होता है तो उसके भुगतान की जिम्मेदारी संबंधित बीमा कंपनी की हो जाती है। सरकार की ओर से इसके नियम बने होत हैं। यहां तक कि आपके वाहन से यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाए तो उसका मुआवजा बीमा कंपनी ही देगी।
थर्ड पार्टी बीमा के लिए अधिकृत कंपनियां
बता दें कि थर्ड पार्टी बीमा के लिए सरकार की ओर से जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को अधिकृत कर रखा है। ये कंपनियां इस प्रकार हैं-
- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी लि.
- द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लि.
- आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि.
- एचडीएफसी एग्र्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि.
- बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि.
- टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि.
- रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि.
- चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी
उद्योगों और व्यवसायों में भी होता है थर्ड पार्टी बीमा
यहां बता दें कि थर्ड पार्टी बीमा उद्योगों और कई व्यावसायिक उपक्रमों में भी होता है जैसे कि इंजीनियरिंग या निर्माण संबंधी गतिविधियां या रासायनिक उत्पादों की निर्माण इकाइयां आदि। इनमें थर्ड पार्टी ऐसे लोग होते हैं जो उस निर्माण क्षेत्र के दायरे में आते हैं। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के मामलों में क्लेम का भुगतान और स्थितियां संबंधित देशों की बीमा पॉलिसियों और सरकार के बनाए गए कानूनों के मुताबिक होता है।
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