ऊर्जा मोबिलिटी का B2C बैटरी लीजिंग कार्यक्रम शुरू, 50 हजार रिक्शा चालकों को मिलेगा लाभ
भारत में इलेक्ट्रिक रिक्शा खरीदने में सबसे बड़ी परेशानी बैटरी की महंगी लागत है। प्रमुख ईवी निर्माता, बैटरी निर्माता और सरकार की नीतियां इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरियों की कॉस्ट कम करने में लिए प्रयास कर रही हैं। एक लेटेस्ट अपडेट के अनुसार ऊर्जा मोबिलिटी ने ई-रिक्शा चालकों के लिए अपना B2C बैटरी लीजिंग कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम के तहत बैटरी के स्वामित्व के वित्तीय बोझ को कम करने का प्रयास किया गया है। ई-रिक्शा चालक इस पहल का लाभ उठाकर बैटरी को किस्तों में खरीद सकते हैं और उन्हें एक साथ एक मुश्त भुगतान करने की जरुरत नहीं होती है। आइए, इस B2C बैटरी लीजिंग कार्यक्रम के बारे में जानते हैं।
देश के दस शहरों में कार्यक्रम शुरू
ऊर्जा मोबिलिटी ने भारत के दस शहरों में ई-रिक्शा चालकों के लिए अपना B2C बैटरी लीजिंग प्रोग्राम शुरू किया है। इसमें किफायती, लचीले लीजिंग मॉडल की पेशकश करते हुए बैटरी स्वामित्व के वित्तीय बोझ को कम करने की पहल की गई है। इसके तहत ड्राइवर उच्च प्रदर्शन वाली लिथियम-आयन बैटरी को मासिक भुगतान योजना के तहत खरीद सकेंगे। उन्हें एक मुश्त बड़ा भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। ड्राइवर अपनी सुविधा के अनुसार 12 से 24 महीने के बाद बैटरी का स्वामित्व हासिल कर सकेंगे। कार्यक्रम के पहले चरण में आगरा, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी, भुवनेश्वर और पुरी जैसे शहरों को चुना गया है, जहां इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने की दर अधिक है और पर्यटकों की आवाजाही भी अच्छी खासी है।
एडिस बैटरियों की जगह मिलेगी लिथियम आयन बैटरी
इस पहल के तहत ई-रिक्शा चालकों को एसिड बैटरियों की जगह उच्च गुणवत्ता वाली लिथियम आयन बैटरी मिलेगी जो लंबे जीवन चक्र, कम रखरखाव लागत और बेहतर थर्मल प्रदर्शन जैसे लाभ प्रदान करती हैं। कार्यक्रम में एडवांस बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) के साथ प्रौद्योगिकी-सक्षम बैटरियां भी शामिल हैं जो बैटरी के स्वास्थ्य की निगरानी करती हैं, संभावित समस्याओं के लिए अलर्ट देती है और मैक्सिमम परफॉर्मेंस एंश्योर करती है। यह प्रणाली बैटरी की रिलायबिलिटी और सेफ्टी बनाए रखने में मदद करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और AI का उपयोग करती है।
चयनित शहरों में सर्विस सेंटर, 50 हजार ई-रिक्शा चालकों को मिलेगा लाभ
उर्जा मोबिलिटी ने अपने कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा ई रिक्शा चालकों को भागीदार बनाने के लिए प्रत्येक चयनित शहर में सर्विस सेंटर स्थापित किए हैं। ये सेंटर बैटरी की स्थापना, रखरखाव और समस्या निवारण का काम संभालेंगे। इस प्रकार की व्यवस्थाएं की जाएंगी कि चालक प्रति माह कम से कम 26 दिनों तक वाहन को चला सकें। कंपनी ने 50,000 ई-रिक्शा चालकों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को लिथियम-आयन बैटरी के लाभों के बारे में शिक्षित करना है।
75 प्रतिशत से अधिक बाजार अभी लीड एडिस बैटरी पर निर्भर
वर्तमान में लिथियम आयन बैटरी की जगह लीड एडिस बैटरी का अधिक उपयोग हो रहा है। 75% से अधिक बाजार लीड एसिड बैटरी पर निर्भर है। अब ऊर्जा मोबिलिटी के B2C बैटरी लीजिंग कार्यक्रम का लक्ष्य नई तकनीक के दीर्घकालिक आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों को सबसे सामने लाना है। यह पहल भारत सरकार के व्यापक विद्युत गतिशीलता और स्थिरता उद्देश्यों, विशेष रूप से 2030 तक कमर्शियल थ्री व्हीलर व्हीकल के 100% इलेक्ट्रिफिकेशन लक्ष्य के अनुरूप है।
जानिए क्या कहते हैं ऊर्जा मोबिलिटी के सीईओ
ऊर्जा मोबिलिटी के संस्थापक और सीईओ पंकज चोपड़ा ने इस शुरुआत पर कहा, "यह पहल ई-रिक्शा चालकों के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम को देश में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में आने वाली कुछ बाधाओं को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।"
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। प्रमुख ईवी मेकर में महिंद्रा, कायनेटिक, बजाज, पियाजियो, ओएसएम, यूलर, अल्टिग्रीन आदि शामिल है। इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल मार्केट में इलेक्ट्रिक टिपर से लेकर इलेक्ट्रिक मिनी ट्रक तक विभिन्न ईवी श्रेणियां शामिल है। अगर आप भी इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर पर बेस्ट ऑफर प्राप्त करना चाहते हैं तो ट्रक जंक्शन पर विजिट करें।
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