भारत के ग्रीन ट्रांसपोर्ट मिशन को मिला बूस्ट, 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की दिशा में मजबूत कदम
देश में पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार लंबे समय से इलेक्ट्रिक, सीएनजी, एलएनजी, हाइड्रोजन ईधन चलित वाहनों को प्रोत्साहन दे रही है, जिसके परिणाम अब धीरे-धीरे सामने आने लगे हैं। हाल ही में परिवहन क्षेत्र में हरित क्रांति को बढ़ावा दे रही ब्लू एनर्जी मोटर्स ने घोषणा की कि उसके एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) से चलने वाले ट्रकों ने भारतीय राजमार्गों पर 50 मिलियन किलोमीटर (5 करोड़ किलोमीटर) की दूरी तय कर ली है। इस सफर के दौरान 14,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की बचत की गई, जो कि 5.6 लाख पेड़ों के सालाना कार्बन अवशोषण के बराबर है।
यह उपलब्धि भारत के 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की दिशा में एक मजबूत कदम है, खासकर ऐसे समय में जब भारी वाणिज्यिक वाहन कुल सड़क परिवहन CO₂ उत्सर्जन का करीब 40% योगदान करते हैं, जबकि उनकी हिस्सेदारी कुल वाहन संख्या में सिर्फ 4% है। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में ब्लू एनर्जी के एलएनजी ट्रकों की खासियत जानें।
ब्लू एनर्जी एलएनजी ट्रक : डीजल वाहनों की तुलना में 30 प्रतिशत कम उत्सर्जन
ब्लू एनर्जी मोटर्स के एलएनजी ट्रक पारंपरिक डीजल वाहनों की तुलना में 30% तक कम उत्सर्जन करते हैं। इनसे पार्टिकुलेट मैटर और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे हानिकारक तत्वों में भी बड़ी कटौती होती है। ये ट्रक लंबी दूरी की परिवहन जरूरतों के लिए आदर्श हैं, जहां क्लीन फ्यूल का असर सबसे ज्यादा नजर आता है।
एनएनजी ट्रकों से ऑपरेशनल कॉस्ट में भी कमी
ब्लू एनर्जी मोटर्स का कहना है कि उसके ट्रक प्रदूषण घटाने के साथ-साथ ऑपरेशनल कॉस्ट में भी कमी लाते हैं। इससे लॉजिस्टिक्स कंपनियों को न सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से बल्कि आर्थिक रूप से भी फायदा हो रहा है। कंपनी के ट्रक उच्च प्रदर्शन के साथ क्लीन ऑपरेशंस की गारंटी देते हैं।
जल्द लॉन्च होगा इलेक्ट्रिक हेवी ड्यूटी ट्रक
ब्लू एनर्जी मोटर्स ने अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए जल्द ही इलेक्ट्रिक हेवी-ड्यूटी ट्रक भी लॉन्च करने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता कर चुकी है, जिसके तहत कंपनी राज्य में एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक ट्रक निर्माण संयंत्र स्थापित करेगी। इस परियोजना में करीब ₹3,500 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इस संयंत्र में प्रति वर्ष 30,000 इलेक्ट्रिक ट्रकों का निर्माण किया जाएगा। इससे कंपनी की डुअल टेक्नोलॉजी रणनीति जैसे एलएनजी से तत्काल कार्बन कटौती और ईवी से दीर्घकालिक स्थिरता को बल मिलेगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर पूरा ध्यान
कंपनी ने एलएनजी ट्रकों के संचालन के लिए जरुरी इंफ्रस्ट्रक्चर के विकास पर हमेशा फोकस रखा है। कंपनी ने हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता किया है, ताकि राज्यभर में एलएनजी ईंधन स्टेशनों और ग्रीन लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा सके। यह साझेदारी भारत में हरित वाणिज्यिक परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है।
उपलब्धि पर सीईओ के बयान
ब्लू एनर्जी मोटर्स के सीईओ अनिरुद्ध भुवालका ने कहा "यह सिर्फ एक माइल स्टोन नहीं है, बल्कि भारत में ट्रकिंग इंडस्ट्री के लिए एक नए युग की शुरुआत है। हम न केवल वैकल्पिक ईंधन विकल्पों को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि एक ऐसा भविष्य बना रहे हैं जो स्वच्छ, टिकाऊ और लाभदायक हो।"
संपूर्ण समाधान वाला बिजनेस मॉडल
ब्लू एनर्जी मोटर्स एक ऐसा व्यवसाय मॉडल अपना रही है जिसमें वैकल्पिक ईंधन ट्रकों के साथ-साथ ईंधन आपूर्ति, रखरखाव और लॉजिस्टिक सेवाएं भी शामिल हैं। कंपनी उद्योग जगत में एक होलिस्टिक ग्रीन ट्रांसपोर्ट लीडर बनकर उभर रही है।
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