जानें, क्या है कैशलैस ट्रीटमेंट स्कीम, दुर्घटना स्थल से अस्पताल तक खर्च सरकार उठाएगी
भारत में सड़क दुर्घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। इन सड़क दुर्घनाओं में अनेक लोग जान भी गंवा देते हैं वहीं अधिकांश लोग वाहन दुघटना के कारण गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंंचाया जाता तो उपचार से पहले ही दम तोड़ देते हैं। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इनकी सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा अब सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायलों के निशुल्क इलाज के लिए राष्ट्रीय कैशलैश ट्रीटमेंट योजना शुरू की है। इस योजना से सड़क हादसों से अनेक लोगों का समय रहते मुफ्त इलाज हो सकेगा। यहीं नहीं सरकार ने घायलों के फ्री में इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी सुविधा प्रदान कर दी है। योजना का संचालन केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से किया जाएगा। आइए, जानते हैं क्या है केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की यह राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट योजना।
कैशलैस ट्रीटमेंट योजना हेल्पलाइन नंबर पर कॉल से मिलेगी तुरंत मदद
यदि नेशनल हाइवे या अन्य सड़क मार्गों पर कोई व्यक्ति वाहन से टकरा कर घायल हो जाता है और वाहन चालक वाहन लेकर फरार हो जाता है तो उसे समय रहते अस्पताल पहुंचाने में कई बार काफी विलंब होने के कारण उसकी जान चली जाती है। राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट योजना में अब ऐसे घायल व्यक्तियों की जान बचाई जा सकेगी। इसके लिए एनएचएआई ने हेल्प लाइन बनाई है। इसके नंबर 1033 है। इस नंबर पर कॉल कर घायल को तुंरत निकटतम अस्पताल में पहुंचाया जाएगा और उसका मुफ्त में इलाज होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने घायलों को दुर्घटना होने के एक घंटे यानि गोल्डन ऑवर के भीतर मदद पहुंचाने की योजना सरकार ने बनाई है। इसके तहत सरकारी अस्पतालों के अलावा 21,000 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम्स को सूचीबद्ध किया गया है। यही नहीं सरकार ने राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट योजना ( cashless treatment scheme ) में दुर्घटना का शिकार होने वालों को केंद्र की ओर से तय नियमों के अनुसार वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
कैशलैस योजना : विकलांगता पर मिलेगा 5 लाख रु. का मुआवजा
बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पिछले सप्ताह दुर्घटना में घायलों के लिए जो राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट स्कीम ( National Cashless Treatment Scheme ) बनाई है उसमें एक्सप्रेस-वे ग्रीन फील्उ एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट राज मार्ग, जिले की सड़कें और अन्य सड़क मार्गों पर होने वाले हादसों में घायलों को फ्री इलाज की सुविधा देने का फैसला लिया है। सड़क दुर्घटना के कारण विकलांगता की स्थिति में पांच लाख रुपये के मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है। यदि घायल की मौत हो जाती है तो मुआवजे की राशि उसके आश्रित परिजन को मिलेगी। इससे मृत व्यक्ति के आश्रित परिजनों को भी आर्थिक राहत मिल पाएगी।
विदेशी पर्यटकों को भी मिलेगा लाभ
राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट योजना में विदेशी पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को भी शामिल किया गया है। योजना के प्रावधानों के अनुसार एक्सप्रेस वे, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे, नेशनल हाइवे, प्रदेश राजमार्ग और जिले सहित अन्य सड़कों पर हाने वाले हादसों में यदि कोई विदेशी पर्यटक घायल हो जाता है तो उसे भी नियमानुसार मुफ्त इलाज मिलेगा। अनुमान के अनुसार इस योजना से हर साल करीब 4.5 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। सबसे ज्यादा मदद हिट एंड रन सड़क हादसे के घायलों को मिलेगी।
राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट योजना की प्रमुख बातें
केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट योजना के अंतर्गत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस योजना मोटर वाहन दुर्घटना फंउ से जोड़ा है। इसमें दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सहायता मिलने के अलग-अलग नियम हैं जो इस प्रकार हैं-:
- बीमा वाले वाहनों के जरिए- आपको बता दें कि कैशलैस ट्रीटमेंट योजना के लिए जनरल इंश्योरेंस व्यवसाय करने वाली सभी बीमा कंपनियां सड़क हादसों में घायलों के लिए एक निश्चित राशि अलग से रखेंगी। ऐसा नियम योजना में लागू किया गया है।
- गैर बीमित वाहन से दुर्घटना या हिट एंड रन- राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट योजना में प्रावधान किया गया है कि गैर बीमित वाहन से हुई दुर्घटना प्रकरण में वसूली जाने वाली राशि टोल टैक्स के तहत होती है। इसका अंश दुर्घटना फंड में जमा कराया जाएगा।
- हिट एंड रन मामले में मुआवजा- सड़क दुर्घटना में स्थायी विकलांगता या मौत होने पर पांच लाख रुपये का प्रावधान है। इसके लिए थर्ड पार्टी के लिए प्रीमियम की कुल राशि का 0.1 प्रतिशत इस फंड में जमा कराना होगा।
ये हैं हर साल होने वाले सड़क हादसों के आंकड़े
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में सड़क हादसों से हर साल होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए इन हादसों को रोकने के लिए महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय कैशलैस ट्रीटमेंट योजना लांच की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल अनुमानित 5 लाख सड़क हादसों में करीब डेढ लाख लोगों की जान चली जाती है। इसके अलावा 4.69 लोग घायल हो जाते हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की साल 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, उस वर्ष देश में 4.49 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 1 लाख 51 हजार लोगों की मौत हो गई थी। सड़क हादसों के कई कारण हो सकते हैं। आम तौर पर लोगों की यह भी शिकायत होती है कि खराब सड़क के कारण ऐसा हुआ। इसके अलावा यातायात नियमों का उल्लंघन, तेज गति से गाडी चलाना, नशे में ड्राइविंग करना, ड्राइविंग करते हुए मोबाइल पर बात करना आदि के कारण भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
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