बजट 2024 में सीवी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दिए बड़े फंड
केंद्रीय बजट 2024-25 बड़ी घोषणाओं में कमर्शियल वाहन उद्योग को देखते हुए कई लॉन्ग टर्म योजनाएं पेश की गई है। सरकार ने ₹11.11 लाख करोड़ रुपए का बजट ऑटो वर्ल्ड की कई मद में आवंटित किए हैं। सरकार का उद्देश्य कमर्शियल वाहनों को बढ़ावा देने के साथ 2047 तक भारत को एक मजबूत आर्थिक महामहाशक्ति बनाना है। इस इंडस्ट्री का भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में एक बड़ा योगदान रहेगा। जानें कैसे सीवी इंडस्ट्री का इस बजट से कायाकल्प होने वाला है…
1) एग्रीकलचर बूस्ट
बजट में एग्रीकल्चर को लेकर पर्याप्त फंड अलॉट किए गए हैं जो ऑटो इंडस्ट्री को काफी सपोर्ट करेगी। हाल ही में कमर्शियल वाहनों की सेल में एक बड़ी गिरावट देखी है जिसका कारण खेती में कम उपज और किसानों की धीमी आर्थिक वृद्धि है। इस बजट से कृषि क्षेत्र का विकास होगा जिससे कमर्शियल वाहनों की मांग में भी तेजी आएगी।
2) इंडस्ट्री ओरिएंटेड कौशल प्रशिक्षण
भारत सरकार मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च डेवलपमेंट, सूचना प्रौद्योगिकी और ई-कॉमर्स के लिए एक ग्लोबल हब बनने की तैयारी कर रहा है। यही वजह है कि ऑटो इंडस्ट्री को उच्च स्तर का स्किल प्रदान करने के लिए देश के युवाओं को तकनीकी शिक्षा देना जरूरी है। अगले पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाने, शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर खोलने और 1000 आईटीआई में सुविधाओं का उन्नयन करने के लिए भारत सरकार इस बजट में पर्याप्त कदम उठा रही है ताकि युवा पीढ़ी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में रोजगार पाने के लिए तैयार हो।
3) ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश
हमारी जैसी बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सावधानीपूर्वक कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण है। वित्त वर्ष 2024 में सौर परियोजनाओं के लिए 7327 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और वित्त वर्ष 2025 में ऊर्जा के लिए 68,769 करोड़ रुपये का नया आवंटन किया गया है। साथ ही परमाणु रिएक्टरों की स्थापना की दिशा में सरकार का यह शुरुआती कदम सही दिशा में हैं। इसके अलावा एक करोड़ घरों में सौर ऊर्जा लाना, सूर्य घर योजना से 300 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करना आदि ऐसे कदम हैं तो ऑटो इंडस्ट्री को भविष्य में लाभ प्रदान करेंगे।
4) आवास योजना के लिए भी बड़ा आवंटन
शहरी और ग्रामीण आवास के लिए सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया है। यह कदम CV उद्योग के लिए भी काफी सकारात्मक होगा। निर्माण, खनन और अन्य हेवी ड्यूटी जरूरतों के लिए कमर्शियल वाहनों की जरूरत पड़ती ही है। जिससे देश में कमर्शियल वाहनों की जरूरतों के लिए कमर्शियल वाहनों की मांग में तेजी आएगी और बिक्री में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। तो ये वो सब फैक्टर हैं जो सीवी उद्योग को भविष्य में और आगे ले जाएंगे।
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