टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड और वीईसीवी की बिक्री में 16 प्रतिशत की वृद्धि
भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में कठिन दौर को पार कर वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियां मुनाफे की डगर पर चलने लगी हैं। मार्च 2022 की तिमाही में कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में देश की प्रमुख सीवी निर्माता कंपनियों ने बिक्री में एक साल पहले की तुलना में दो अंकों की वृद्धि की है। इससे इन कंपनियों का बिजनेस बढ़ रहा है। बता दें कि टाटा मोटर्स लिमिटेड, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने प्रत्येक कॉमर्शियल सेगमेंट बिक्री में 16 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको बताते हैं किस सीवी निर्माता कंपनी की साल दर साल के हिसाब से कितनी- कितनी बिक्री बढ़ी?
कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में बिक्री वृद्धि के ये रहे कारण
यहां आपको बता दें कि वाणिज्यिक वाहनों की सेल में जिस तरह से मार्च तिमाही तक अच्छी बढ़त देखी गई उसके पीछे कुछ कारण रहे हैं वहीं सीवी सेगमेंट कठिन राह को तेजी से हो रहे बदलावों के कारण पार करता दिखाई दे रहा है। मार्च तिमाही में सीवी सेगमेंट में दो अंको की वृद्धि रही है। इस वृद्धि के पीछे सेमीकंडक्टर्स के सीमित उपयोग के अलावा मार्केट शेयर फिर से हासिल करना रहा है। यही कारण है कि टाटा मोटर्स लिमिटेड, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने प्रत्येक सीवी में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है जबकि अशोक लेलैंड, वीईसीवी ने कमर्शियल वाहनों की बिक्री 17 और 25 प्रतिशत तक देखी।
विश्लेषकों को वित्त वर्ष 2023 में भी वॉल्यूम बढऩे की उम्मीद
जहां तक कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री और मांग में तेजी आने का सवाल है तो इसमें कोई दोराय नहीं है कि निकट भविष्य में भी इन वाहनों की मांग में वॉल्यूम आएगा। इस संबंध में विश्लेषकों की मानें तो महिंद्रा एंड महिंद्रा की ऊंची वृद्धि के दो कारण हो सकते हैं। एक सेमिकंडक्टर्स के सीमित उपयोग के कारण कंपनी का फोकस सीवी की ओर शिफ्ट होना वहीं दूसरा मार्केट शेयर फिर से हासिल करना। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों के अनुसार टाटा मोटर्स को वित्त वर्ष 2023 में कमर्शियल वाहन वॉल्यूम में 25 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने का अनुमान है वहीं अशोक लेलैंड को मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों में 43 प्रतिशत की वृद्धि देखने की उम्मीद है।
सीवी सेगमेंट में वर्तमान में मांग का परिदृश्य अच्छा
वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियों को खुशी इस बात की है कि वर्तमान में इन वाहनों की मांग का परिदृश्य अच्छा है लेकिन उच्च इनपुट लागत और आपूर्ति की बाधाओं से कई तरह के दबाव चल रहे हैं। इनमें डीजल की कीमतों में उछाल आदि हैं। इससे कमर्शियल वाहनों की बिक्री पर कुछ हद तक असर पड़ सकता है।
सीएनजी वेरिएंट की बढ़ सकती है मांग
यहां बता दें कि सीवी उद्योग में लगातार सुधार और मांग में वृद्धि देखी जा रही है। इस बीच ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण सीएनजी वेरिएंट के हल्के कमर्शियल वाहनों की मांग बढ़ सकती है। मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने 29 मार्च को एक रिपोर्ट में कहा कि अशोक लेलैंड के सीएनजी वाहनों के इंटरमीडिएट सीवी पोर्टफोलियो जो हाल ही में लांच किए गए थे उनमें तेजी देखी जा रही है।
फरवरी 2022 में भी कमर्शियल वाहनों का प्रदर्शन रहा शानदार
यहां बता दें कि मार्च 2022 के अलावा इससे पहले फरवरी 2022 तक की साल दर साल रिपोर्ट भी कमर्शियल वाहनों (Commercial Vehicle) की शानदार रही है। कमर्शियल वाहन इंडस्ट्री में वित्त वर्ष 2022 में अब तक कई परिवर्तन देखे गए हैं। इन बदलावों के चलते सीवी उद्योग ने पिछले कुछ महीनों में बेहतर प्रदर्शन कर वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। अब तक वाणिज्यिक वाहन उद्योग में कई प्रकार का उतार-चढ़ाव का दौर चला। इसके बावजूद यह उद्योग लाभप्रदता की स्थिति में आ गया।
इस कम समय के बाद भी अब सीवी उद्योग का क्या भविष्य होगा?
आने वाले एक साल की उम्मीदों की बात करें तो काफी हद तक इस उद्योग में मांग मजबूत रहेगी। याद रहे कि कोविड के नये वायरस ऑमीक्रोन के संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों के बावजूद सीवी उद्योग का प्रदर्शन संतोषजनक रहा। इस उद्योग से जुड़े उन समूहों के लिए मौजूदा दौर में उत्साह प्रदान कर रहा है जो देश के प्रमुख सीवी निर्माता हैं। बता दें कि अब तक टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड, वीईसीवी, मारुति एवं महिंद्रा ये पांच कंपनियां पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष के बीते कुछ महीनों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली रही हैं।
महीने दर महीने हुई वृद्धि
यहां बता दें कि वाणिज्यिक वाहन उद्योग में लगभग सभी निर्माताओं को वित्त वर्ष 2022 दौरान माह दर माह की वृद्धि प्राप्त हुई। भले ही इस दौरान ऑमीक्रोन का भी असर रहा हो लेकिन कठिन चुनौतियों के बीच सीवी उद्योग ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसमें नवीनतम प्रोद्योगिकियां, उत्पादन जीवन चक्र, गुणवत्ता नियंत्रण के साथ साइबर सुरक्षा आदि प्रमुख कारण रहे हैं।
ये ट्रक निर्माता कंपनियां रहीं चर्चाओं में
इस वित्त वर्ष के बीते कुछ महीनों में ट्रक सेगमेंट में छोटे वाणिज्यिक वाहनों के अलावा मध्यवर्ती और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की निर्माता कंपनियों का अच्छा प्रदर्शन रहा। हालांकि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति बाधित होने के कारण इस वर्ष के कुछ महीनों में एससीवी खंड प्रभावित हुआ था लेकिन वर्ष के अंतिम दो महीनों में फिर से इसके शुरू होने की उम्मीद है। हां, यात्री खंड ने पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि दर्ज की। वहीं भारत की शीर्ष 5 सीवी निर्माताओं का फरवरी 2022 में अच्छा प्रदर्शन रहा। इनमें टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड, वीईसीवी, मारुति और महिंद्रा शामिल हैं।
ऑपरेटर्स की लाभप्रदता उपयोग पर है निर्भर
यदि ट्रक ऑपरेटर्स की लाभप्रदता की बात की जाए तो सीवी उद्योग के अंतर्गत ट्रकों की बिक्री और इनकी लाभप्रदता बाजार में मौजूदा ट्रकों के उपयोग पर निर्भर करती है। वहीं माल के परिवहन और डीजल की कीमतें भी इसमें शामिल हैं। वर्तमान में डीजल का परिचालन व्यय करीब 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक है। उधर फास्टैग संग्रहण में भी 82 प्रतिशत की वृद्धि यह दर्शाती है कि भारत में टोल बूथों पर एकत्र किए गए टोल के विशाल बहुमत में योगदान करते हैं।
सीवी उद्योग में 31 प्रतिशत ज्यादा ई- वे बिल हुए जारी
वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक सीवी उद्योग में 31 प्रतिशत ज्यादा ई-बिल जारी किए गए। पिछले वर्ष के 48 करोड़ से ई-वे बिल 31 प्रतिशत से बढक़र 63 करोड़ रुपये तक बढ़ गए। वहीं इस वर्ष माल के ट्रांसपोर्ट की स्थिति सही रही। इधर जुलाई से दिसंबर 2021 की अवधि में जारी किए गए ई-वे बिलों पर नजर डाली जाए तो साफ दिखाई देता है कि हर महीने 6 करोड़ रुपये के बिल पारित किए गए।
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