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डाबर इंडिया ने की ट्रांसपोर्टेशन के काम में 100 इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करने की घोषणा

News Date 20 Apr 2022

डाबर इंडिया ने की ट्रांसपोर्टेशन के काम में 100 इलेक्ट्रिक वाहन शामिल करने की घोषणा

डाबर इंडिया अंतिम मील उत्पादन वितरण में करेगा इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग 

इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने और ग्रीन मिशन को सफल बनाने के लिए अब कई ऐसी कंपनियां भी आगे आ रही हैं जो अभी तक अपने उत्पादों के वितरण के लिए डीजल और पेट्रोल से संचालित कार्गो वाहनों का प्रयोग करती रही हैं। ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको बता दें कि भारत की प्रमुख व्यापारिक कंपनी डाबर इंडिया ने अपने उत्पादों की अंतिम छोर तक डिलीवरी के लिए 100 इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने बेड़े में शामिल करने का ऐलान किया है। डाबर ने कहा है कि इस कदम से कंपनी को अपने परिचालन में कार्बन की तटस्थता हासिल के लिए अपने मिशन के नजदीक पहुंचने में कामयाबी मिलेगी। इसके परिणामस्वरू वार्षिक कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आ सकती है। 

पहले बैच में सोनीपत में डिलीवरी शुरू

यहां बता दें कि घरेलू एफएमसीजी डाबर इंडिया की ओर से हाल ही की गई घोषणा के अनुसार आगामी एक साल में कंपनी अंतिम मील यानि की लास्ट माइल तक उत्पादों की आपूर्ति करने के लिए 100 इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने बेडे में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। पहले चरण में हरियाणा के सोनीपत में डिलीवरी शुरू कर दी है। डाबर इंडिया लिमिटेड के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने अपने एक बयान में कहा है कि अगले 12 महीनों में पूरे देश में सभी 100 वाहनों को शामिल कर लिया जाएगा। डाबर ने कहा  कि इस कदम से कंपनी को अपने परिवहन कार्य में कार्बन तटस्थता हासिल करने के अपने मिशन के करीब पहुंचने में मदद मिलेगी। 

पारंपरिक ईंधन वाहनों को बदलने के लिए आदर्श समाधान 

इलेक्ट्रिक वाहन पारंपरिक ईंधन वाहनों को बदलने के लिए एक आदर्श समाधान हैं क्योंकि वे ऊर्जा कुशल हरित और पर्यावरण के अनुकूल हैं। इस संदर्भ में डाबर इंंडिया लिमिटेड के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से कंपनी को भीतरी इलाकों में भी प्रचार-प्रसार का अवसर मिलेगा। वहीं दूसरी ओर ग्रीन भारत का सपना पूरा करने में डाबर की भी प्रमुख भूमिका बन पाएगी। 

ईवीएस प्रदूषण  स्तर को नियंत्रित करते हैं 

बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन से प्रदूषण स्तर नियंत्रित रहता है। इस संबंध में इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक संचालन शाहरूख खान ने कहा है कि परिवहन एफएमसीजी उद्योग के प्रमुख स्तंभों में से एक है। इसमें सैकड़ों वाहनों का उपयोग देश भर में रोजमर्रा के उपयोग के उत्पादों को वितरित करने के लिए किया जा रहा है। खान का कहना है कि वाहनों का उत्सर्जन प्रदूषण के सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है और ईवीएस ने केवल प्रदूषण के स्तर को कंट्रोल करते हैं बल्कि एक देश के रूप में हमारे कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करता है। खान ने कहा  इलेक्ट्रिक वाहनों के कारण वायु प्रदूूषण पर पूरी तरह से नियंत्रण हो जाता है, इनका चलन जिस एरिये में जितना ज्यादा होगा वहां प्रदूषण की संभावनाएं क्षीण होती जाएंगी। 

देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के 10 लाख रजिस्ट्रेशन कंप्लीट

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के कारण इनकी बिक्री जोरों पर चल रही है वहीं बता दें कि अब तक देश में 10 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) का पंजीयन हो चुका है। वहीं 1700 से ज्यादा सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन कार्यरत हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों  की संख्या में दिनोंदिन इजाफा होता जा रहा है। राज्य सभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए सडक़ एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि राजमार्ग विकासकर्ता द्वारा सडक़ किनारे की सुविधाओं के हिस्से के रूप में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराए जाने हैं। गडकरी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 19 मार्च के वाहन-4 के आंकड़ों के अनुसार 10,60,707 है और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के अनुसार 21 मार्च 2022 तक देश में 1742 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन चालू हैं।

हाइवे पर हर 25 किलोमीटर पर मिलेंगे चार्जिंग स्टेशन 

यहां बता दें कि देश के नेशनल हाइवे पर हर 25 किलोमीटर पर इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी चार्जिंग के लिए स्टेशनों की मंजूरी सरकार ने दे दी है। हाल ही भारी उद्योग मंत्रालय ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इंडिया योजना के दूसरे चरण में 25 राज्यों, केंद्र प्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2877 चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी गई थी। 

ट्राइटन ईवी कंपनी करेगी 10,800 करोड़ का निवेश 

यहां बता दें कि वर्तमान में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है इसे देखते हुए ईवी बाजार में भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों सहित अब विदेशी कंपनियां भी निवेश करने में खासी रुचि ले रही हैं। अमेरिका स्थित ट्राइटन इलेक्ट्रिक व्हीकल एलएलसी ने गुजरात सरकार के साथ कच्छ जिले के भुज में एक कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें कंपनी  कुल 10,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। गौरतलब है कि अमेरिका की एक और ऑटोमेकर एलन मस्क की कंपनी टेस्ला काफी समय से भारत में निवेश करने की इच्छा जता रही है हालांकि अभी इसके प्रस्ताव को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। 

गुजरात में स्थापित होगा ईवी ट्रक निर्माण प्लांट 

ट्राइटन कंपनी की ओर से गुजरात सरकार के सहयोग से ट्राइटन ईवी कंपनी की ओर से स्थापित किए जाने वाले ट्रक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए 645 एकड़ भूमि अधिगृहीत की जाएगी। राज्य सरकार मौजूदा नीति के अनुसार इस संयंत्र की स्थापना के लिए आवश्यक अनुमोदन और पंजीकरण प्रक्रिया प्रदान करने में सहायता करेगी।

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