डेमलर इंडिया को मिला नया नेतृत्व : व्यावसायिक दिशा में परिवर्तन के लिए नई उम्मीदें
भारत के प्रतिस्पर्धी वाणिज्यिक वाहन (CV) बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए, डेमलर इंडिया कमर्शियल व्हीकल्स (DICV) ने राजीव चतुर्वेदी को अपना नया अध्यक्ष और मुख्य व्यवसाय अधिकारी (CBO) नियुक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस नई जिम्मेदारी की घोषणा करते हुए डेमलर ट्रक की भारतीय शाखा में नेतृत्व परिवर्तन की पुष्टि की। चतुर्वेदी ने श्रीराम वेंकटेश्वरन के कार्यकाल के बाद यह पद संभाला है, जिन्होंने अगस्त 2023 से मार्च 2025 तक CBO के रूप में कार्य किया और भारतबेंज ब्रांड की रणनीति को दिशा दी।
नई चुनौतियों के बीच चतुर्वेदी को मिली बड़ी जिम्मेदारी
भारत का वाणिज्यिक वाहन सेक्टर इस समय बदलते लॉजिस्टिक्स ट्रेंड्स और तीव्र प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में राजीव चतुर्वेदी की नियुक्ति डीआईसीवी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। चतुर्वेदी परिचालन रणनीति, बिक्री और ग्रोथ स्केलिंग में सिद्धहस्त माने जाते हैं।
हुंडई कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट इंडिया में उनके नेतृत्व में कंपनी ने 2022-2024 के बीच 20% वार्षिक राजस्व वृद्धि और 200% ऑपरेटिंग प्रॉफिट ग्रोथ दर्ज की थी। इससे पहले, उन्होंने टाटा हिताची में लगभग छह वर्षों तक सेवा दी और व्यापक रणनीतिक अनुभव अर्जित किया।
घटती बिक्री, बढ़ता मुनाफा : DICV की वर्तमान स्थिति
डीआईसीवी के लिए 2024 चुनौतीपूर्ण रहा। कंपनी ने 2023 के 25,435 यूनिट्स की तुलना में 2024 में 21,434 यूनिट्स की बिक्री की यानि करीब 23% की गिरावट। इसके बावजूद, कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में पांच गुना अधिक शुद्ध लाभ अर्जित किया। इस मुनाफे की मुख्य वजह उच्च मार्जिन वाले उत्पाद जैसे टिपर्स, ट्रैक्टर-ट्रेलर, और बस पोर्टफोलियो में विस्तार रही। साथ ही, निर्यात बढ़ने से भी परिचालन में सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
यहां उल्लेखनीय है कि डीआईसीवी को भारतबेंज ब्रांड के साथ टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड और वीई कमर्शियल व्हीकल्स जैसी कंपनियों से सीधी टक्कर मिलती है। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में चतुर्वेदी की गहरी समझ DICV को बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद करेगी।
डेमलर ट्रक का नया वैश्विक ढांचा और भारत की भूमिका
डेमलर ट्रक ने अपनी वैश्विक संरचना में बदलाव करते हुए भारत और चीन को डेमलर ट्रक एशिया क्षेत्र से अलग किया है। वहीं, मित्सुबिशी फूसो और हिनो ट्रक्स के विलय से एशिया में कंपनी की रणनीति को नया आकार मिल रहा है।
इस बदले हुए ढांचे में भारत में डीआईसीवी की भूमिका और भी अहम हो जाती है। कंपनी को चतुर्वेदी जैसे अनुभवी नेता की जरूरत थी जो इस संक्रमणकाल में रणनीति को गति दे सकें।
डेमलर के शीर्ष प्रबंधन में और बदलाव
राजीव चतुर्वेदी की नियुक्ति से पहले, माइकल मोबियस को नवंबर 2024 में CPO (Chief Procurement Officer) और Supply Chain Head नियुक्त किया गया था। मोबियस ने जापान में डेमलर ट्रक एशिया के लिए गुणवत्ता प्रबंधन का नेतृत्व किया था।
डेमलर इंडिया कमर्शियल व्हीकल्स के बारे में
जर्मनी की डेमलर ट्रक एजी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी डेमलर इंडिया कमर्शियल व्हीकल्स ने 2009 में अपनी स्थापना के बाद से ही अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। भारतीय सड़कों के लिए खास तौर पर बनाए गए भारतबेंज ब्रांड के लिए मशहूर डीआईसीवी 60 से अधिक वैश्विक बाजारों में FUSO, मर्सिडीज-बेंज और फ्रेटलाइनर ब्रांड के तहत वाहनों का निर्माण और निर्यात भी करती है। कंपनी चेन्नई के ओरागदम में 400 एकड़ की एकीकृत सुविधा संचालित करती है, जिसमें इसके उत्पादन, अनुसंधान और विकास तथा परीक्षण क्षमताएं हैं। ₹9,500 करोड़ से अधिक के निवेश और 4,000 कर्मचारियों के साथ, डीआईसीवी का लक्ष्य डेमलर की वैश्विक आपूर्ति और विनिर्माण श्रृंखला में एक प्रमुख नोड के रूप में काम करना है।
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