शुल्क में कम वृद्धि का विरोध, प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने में परेशानी
देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण प्रमाण पत्र या पीयूसी सर्टिफिकेट बनाना अब मुश्किल हो चुका है क्योंकि पेट्रोल विक्रेताओं और पेट्रोल पंप मालिकों के विरोध प्रदर्शन की वजह से दिल्ली के लगभग 600 पीयूसी केंद्र 15 जुलाई से बंद हो चुके हैं। बता दें कि पेट्रोल पंप एसोसिएशन लंबे समय से पीयूसी सर्टिफिकेट के शुल्क वृद्धि को लेकर आंदोलन कर रही है और सरकार से इस शुल्क के वृद्धि की मांग कर रही है। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) द्वारा प्रदूषण नियंत्रण केंद्र को बंद करने का आह्वान किया गया था। एसोसिएशन का मानना है कि अब पीयूसी केंद्रों को चलाना पूरी तरफ से घाटे का सौदा हो चुका है, सरकार प्रस्तावित शुल्क में वृद्धि नहीं कर रही है जिससे एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। बता दें कि राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पंप की कुल संख्या 400 है, और कुल पीयूसी केंद्रों की संख्या 600 है।
जारी होगी नई दरें, पर नई दरों से भी नाराज हैं पेट्रोल पंप एसोसिएशन
देश की राजधानी नई दिल्ली में पीयूसी सर्टिफिकेट को लेकर जल्द ही नई दरें जारी हो सकती है। दिल्ली सरकार ने पीयूसी सर्टिफिकेट के लिए शुल्क में 40 रुपए तक की बढ़ोतरी की है लेकिन पेट्रोल पंप एसोसिएशन नई दर से भी खुश नहीं है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा की गई ये वृद्धि पीयूसी केंद्र के संचालन के घाटे को कम नहीं करेगी।
13 साल बाद सिर्फ 35% की वृद्धि
एसोसिएशन ने बताया कि सरकार ने 13 सालों बाद सिर्फ 35% की मूल्य वृद्धि की है। यह बेसिक इंफ्लेशन को भी पूरा नहीं करता है। हर साल 6% का साधारण महंगाई वृद्धि को जोड़ा जाए तब भी यह मूल्य वृद्धि कम से कम 78% का होना चाहिए था। बता दें कि पेट्रोल पंप एसोसिएशन का कहना है कि पीयूसी सेंटर के संचालन का खर्च कई गुना बढ़ चुका है। ऑयल कंपनियां अब पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा किराया वसूल कर रही है।
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