दिल्ली ग्रामीण सेवा : पुराने सीएनजी वाहन अब इलेक्ट्रिक में बदले जाएंगे, प्रदूषण से मिलेगी राहत
देश की राजधानी दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण सेवा वाहन चलाए जाते हैं। ये सीएनजी तिपहिया वाहन 2011 से परिवहन की सेवा दे रहे हैं और अब खटारा कंडीशन में पहुंच चुके हैं। अब इन खटारा ग्रामीण सेवा वाहनों की जगह जल्द ही नए इलेक्ट्रिक वाहन नजर आएंगे। दिल्ली सरकार ने सितंबर 2024 में इन पुरानी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलने का ऑप्शन दिया था। जिसके तहत अब फरवरी 2025 में पहला इलेक्ट्रिक ग्रामीण सेवा वाहन पंजीकृत हो चुका है। लॉस्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए डिजाइन नए इलेक्ट्रिक वाहन में 6 यात्रियों व 1 ड्राइवर के बैठने की क्षमता है। आइए, दिल्ली सरकार की इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सीएनजी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने के आदेश
दिल्ली सरकार ने 2010-11 में ग्रामीण वाहन सेवा शुरू की थी जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों, पुनर्वास कालोनियों और जेजे क्लस्टर में उच्च क्षमता वाले तीन पहिया वाहन संचालित किए जाते हैं, ये वाहन वंचित क्षेत्रों में किफायती परिवहन की सुविधा प्रदान करते हैं। अब सरकार ने योजना के तहत शुरू में पंजीकृत सभी सीएनजी संचालित ग्रामीण सेवा वाहनों को इलेक्ट्रिक मॉडल से बदलने का आदेश दिया है। यह पहल प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ गतिशीलता को बढ़ावा देने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
100 दिन के अंदर बदलाव लाने का लक्ष्य
दिल्ली ग्रामीण सेवा संघ के अध्यक्ष चंदू चौरसिया ने इस उपलब्धि पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "दिल्ली में पहले 6+1 इलेक्ट्रिक ग्रामीण सेवा वाहन का पंजीकरण हम सभी ड्राइवरों के लिए बहुत खुशी की बात है। हम परिवहन विभाग के अधिकारियों, सरकार और नए प्रशासन को बधाई देते हैं, जिसका लक्ष्य 100 दिनों के भीतर बदलाव लाना है। हम इस बदलाव को समर्थन देने के लिए सब्सिडी और रियायतों की भी उम्मीद करते हैं।"
जानिए क्या है सरकारी आदेश और कैसे होगा पंजीकरण
परिवहन विभाग के आदेश के अनुसार ग्रामीण सेवा का वाहन इलेक्ट्रिक में बदलना होगा, जिसमें अधिकतम छह यात्रियों और एक चालक की बैठने की क्षमता हो। वाहनों को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा निर्धारित अनुमोदन मानकों को भी पूरा करना होगा। अधिकारियों का अनुमान है कि लगभग 6,000 ग्रामीण सेवा ऑटो रिक्शा मूल रूप से पंजीकृत थे, वर्तमान में केवल 2,000 से 3,000 चालू हैं।
ग्रामीण सेवा वाहन में अपने वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए पंजीकृत मालिक को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, उसके बाद आधार कार्ड से वैरिफिकेशन होगा। यदि आधार उपलब्ध नहीं है तो नामांकन आईडी (ईआईडी) का उपयोग करना होगा। आवेदन के 7 दिनों के अंदर नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी हो जाता है। परिवहन विभाग के अधिकारी इस बात की पुष्टि करते हैं कि गाड़ी पर कोई बकाया कर, चालान या कानूनी समस्याएं तो नहीं हैं।
नया वाहन खरीदने के लिए इन कागजातों की होगी जरुरत
नो ड्यूज सर्टिफिकेट मिलने के 15 दिनों के अंदर वाहन को अधिकृत स्कैपिंग फैसिलिटी में स्क्रैप कराना होगा और वहां से मिले जमा प्रमाण पत्र और नो ड्यूज सर्टिफिकेट की मदद से वाहन मालिक पंजीकृत डीलर से 6 सवारियों वाला इलेक्ट्रिक वाहन खरीद सकता है।
रजिस्ट्रेशन के बाद मिलेगा रूट
नए वाहन का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट, जमा प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, टैक्स इनवॉइस और दूसरे जरूरी कागजों की जरुरत होगी। इसके बाद अधिकारी जमा किए गए सभी डॉक्यूमेंट्स की जांच करेगा और ग्रामीण सेवा योजना के तहत वाहनों के रजिस्ट्रेशन को अपडेट कर देगा। अब नई गाड़ी को वाहन चलाने के लिए रूट आवंटित हो जाएगा।
ट्रक इंडस्टी से संबंधित नवीनतम अपडेट के लिए हमसे जुड़ें -
☞ Facebook - https://bit.ly/TruckFB
☞ Instagram - https://bit.ly/TruckInsta
☞ YouTube - https://bit.ly/TruckY