खुशखबरी : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लागू किया नया नियम
टोल टैक्स में छूट का इंतजार कर रहे करोड़ों लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब नए साल 2025 से नए नियमों को अनुसार टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा। सरकार ने घोषणा की है कि 20 किलोमीटर तक की दूरी तय करने वाले वाहन मालिकों को अब टोल टैक्स नहीं देना होगा। अभी पायजट प्रोजेक्ट के रूप में इस घोषणा को चुनिंदा हाईवे पर लागू किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा और करोड़ों लोगों को राहत मिलेगी। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट से सरकार की इस योजना के बारे में जानते हैं।
राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर 20 किलोमीटर तक की यात्रा पूरी तरह टोल फ्री
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग की घोषणा के अनुसार 20 किलोमीटर तक की दूरी तय करने वाले निजी वाहन मालिकों को अब टोल टैक्स नहीं देना होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि यह फैसला अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ खास राज्यों में लागू किया गया है। वाहन मालिक यदि राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर 20 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, तो उनसे कोई टोल टैक्स वसूला नहीं जाएगा। वहीं, यदि वाहन चालक 20 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करता है, तो उसे केवल उतनी ही दूरी का टोल टैक्स वसूला जाएगा जितनी उसने यात्रा की है।
जीएनएसएस सिस्टम एक्टिव होने पर ही मिलेगा फ्री टोल का फायदा
इस सुविधा का फायदा केवल उन्हीं वाहनों को मिलेगा जिनमें Global Navigation Satellite System (GNSS) एक्टिव होगा। यह एक सैटेलाइट-आधारित तकनीक है, जो वाहनों की लोकेशन और यात्रा दूरी का सटीक अनुमान लगाती है।
इन हाईवे पर लागू है टोल टैक्स फ्री योजना
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कर्नाटक के नेशनल हाईवे 275 (बेंगलुरु-मैसूर) और हरियाणा के नेशनल हाईवे 709 (पानीपत-हिसार) पर इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया है। अगर इन पायलट प्रोजेक्ट्स की रिपोर्ट सकारात्मक रहती है, तो इसे देशभर के अन्य नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर भी लागू किया जाएगा।
जल्द ही पूरे देश में लागू होगा जीएनएसएस सिस्टम
सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कई कार्यक्रमों में सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि जल्द ही पूरे देश में GNSS सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके बाद सभी हाईवे से टोल नाकों को हटा लिया जाएगा। क्योंकि सैटेलाइट के माध्यम से आपके खाते से टोल का पैसा कट जाएगा। यह पहल डिजिटल इंडिया और ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। साथ ही, यह कदम जनता पर आर्थिक बोझ कम करेगा और नेशनल हाईवे सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाएगा।
जानिए क्या है GNSS सिस्टम और देश में क्यों है जरूरी?
ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (Global Navigation Satellite System) के तहत गाड़ियों में ऑन-बोर्ड यूनिट्स (OBU) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) लगा होता है। यह सिस्टम मौजूदा फास्टटैग से अलग है। GNSS के जरिए टोल भुगतान और ट्रैकिंग ज्यादा सटीक और आसान हो जाएगी। जीएनएसएस सिस्टम से लैस वाहन जब हाईवे पर एंट्री लेगा और जहां एग्जिट करेगा, उसके हिसाब से टोल कट जाएगा। सरकार ने पहले ही फास्टैग के जरिए डिजिटल टोल भुगतान को बढ़ावा दिया था और अब GNSS सिस्टम के जरिए इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।
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