जानें, क्या है फेम इंडिया योजना, तीसरे चरण से 3 व्हीलर्स और 4 व्हीलर्स उद्योग को क्या हैं उम्मीदें
भारत में फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ( FAME III) वित्तीय सहायता योजना का तीसरा चरण जल्द ही शुरू होने वाला है। अब तक इस योजना के दो चरण पूरे हो गए हैं। तीसरे चरण की शुरूआत के लिए सरकार ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। यह चरण 3 व्हीलर और 4 व्हीलर्स इंडस्ट्री के लिए आशाओं से भरा नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि इससे 3 व्हीलर्स को ज्यादा फायदा होने वाला है। वहीं चौपहिया वाहनों के लिए इसमें काफी उम्मीदें हैं। सरकार का उद्देश्य है कि डीजल और पेट्रोल के विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक, सीएनजी, हाइड्रोजन या अन्य वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों का उत्पादन अधिक हो ताकि लोग इन्हे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
भारत एक विशाल देश है। यहां सबसे अधिक वाहनों का संचालन होता है। रोजाना करोड़ों की तादाद में दोपहिया वाहनों से लेकर 3 व्हीलर, 4 व्हीलर्स और हैवी ड्यूटी वाले भारी-भरकम विभिन्न कैटेगरी के ट्रक दिन-रात सड़कों पर इधर से उधर माल परिवहन करते हैं। लोडिंग वाहनों के अलावा पैसेंजर व्हीकल्स का भी निरंतर आवागमन होता रहता है। अभी तक भारत में परंपरागत ईंधन यानि डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की संख्या ज्यादा है। इन वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण का मानव जीवन पर बुरा असर पड़ता है। इसे नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने 2015 में फेम इंडिया योजना का शुभारंभ किया था। यहां ट्रक जंक्शन पर इस योजना के तीसरे चरण के बारे में फुल जानकारी प्रदान की जा रही है।
FAME इंडिया के तीसरे चरण से खास उम्मीदें
फेम इंडिया के पहले दो चरणों में भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को काफी बढ़ावा दिया गया। सरकार ने ईवी उद्योगों प्रोत्साहित करने के योजना के प्रावधानों के मुताबिक वित्तीय सहायता प्रदान की। वहीं इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को भी इस स्कीम के कारण सब्सिडी का लाभ मिला। अब इस योजना का तीसरा चरण शुरू होने वाला है। इसमें हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए एक्स्ट्रा सपोर्ट मिलने की पूरी संभावना है। खास तौर पर इस चरण में थ्री व्हीलर्स और 4 व्हीलर्स को ज्यादा समर्थन मिल सकता है। योजना के तीसरे चरण के लिए सरकार ने वाहन उद्योग के संचालकों से भी जानकारी मांगी है। वहीं इस चरण में हाइड्रोजन फ्यूल पर ज्यादा फोकस रहेगा।
क्या है फेम इंडिया योजना ?
आपको बता दें कि फेम इंडिया स्कीम भारत में केंद्र सरकार ने 2015 में शुरू की थी। यह एक वित्त प्रोत्साहन योजना है। इसमें इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योगों को वित्तीय सहायता दी जाती है। यह सहायता राशि इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं और इसके इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सब्सिडी के तौर पर दी जाती है। फेम इंडिया योजना का पहला चरण 2015 से 31 मार्च 2019 तक था। इसके बाद दूसरा चरण 2019 से 31 मार्च 2022 था लेकिन इसे सरकार ने 21 मार्च 2024 बढा दिया है। अभी तक दो चरणों में सबसे अधिक लाभ दोपहिया वाहनों के निर्माताओं को मिला। वहीं इनकी बिक्री पर 40 प्रतिशत की छूट के कारण खरीदार भी लाभांवित हुए। बाद में सब्सिडी घटा कर 15 प्रतिशत कर दी गई। इस बार फेम इंडिया के तीसरे चरण में थ्री व्हीलर्स और फोर व्हीलर्स को ज्यादा प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।
फेम इंडिया योजना के मुख्य उद्देश्य
FAME इंडिया योजना के कुछ खास उद्देश्य हैं जो इस प्रकार हैं-:
- यह योजना वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं और विक्रेताओं को इन वाहनों के उत्पादन और विक्रय के लिए प्रोत्साहित करती है।
- इसके जरिए देश में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करना और इस पर तेजी से रोक लगाना है।
- इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक चार्जिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।
- इस योजना से 2030 तक कुल परिवहन के 30 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना है।
फेम इंडिया योजना के क्या हैं लाभ
फेम इंडिया योजना के निर्माताओं और प्रदाताओं सहित वाहन खरीदारों को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। वहीं सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण का स्वच्छ होना और ईंधन की बचत होना है। इसके अलावा अलग-अलग सेगमेंट के वाहनों को सब्सिडी का लाभ मिलता है। अधिक संख्या में नागरिक पर्यावरण के अनुकूल रहने के कारण ऐसे वाहनों के इस्तेमाल का फायदा उठाते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग सुविधा और स्टेशनों के कारण इनका उपयोग बढ़ता है।
फेम इंडिया योजना की अब तक की उपलब्धियां
फेम इंडिया योजना में अब तक की उपलब्धियों की बात की जाए, तो पहले चरण में सरकार ने 427 चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की। वहीं 895 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया। इसमें करीब 2.8 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को 3.59 करोड़ की राशि का समर्थन किया गया। इसके बाद दूसरे चरण में 10,000 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया। इसमें 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पंजीकृत हुए। वहीं 15 लाख रुपये तक की एक्स शोरूम कीमत के फॉर व्हीलर्स 3,500 इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रति वाहन 1.5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। दूसरे चरण में 5 लाख ई रिक्शा को प्रोत्साहन के रूप में 50,000 रुपये का लाभ मिला। इसमें 2 करोड़ रुपये की कीमत वाली लगभग 8,000 ई- बसों को 50 लाख रुपये का प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इनके अलावा दूसरे चरण के अंतर्गत महानगरों, स्मार्ट सिटी और पहाड़ी राज्यों के 10 लाख की आबादी वाले शहरों में 2700 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
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