भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में निरंतर इजाफा
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और इनके इस्तेमाल की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, उत्तरांचल सहित अनेक राज्यों में पिछले कुछ सालों में ईवी की बिक्री में अनुमान से कहीं अधिक वृद्धि हुई है। इनमें भी यदि महाराष्ट्र की बात करें तो यहां इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की कुल संख्या 80,000 का आंकड़ा पार कर गई है। ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्रेज को लेकर पूरी जानकारी दी जा रही है।
2021-22 में नये ईवी रजिस्ट्रेशन में 400 प्रतिशत की वृद्धि
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और इनके पंजीयन के बारे में यदि वर्ष 2021-22 की बात की जाए तो महाराष्ट्र राज्य में 400 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में यह वृद्धि 300 प्रतिशत तक दर्ज की गई। वहीं मुुंबई में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 8,938 दर्ज की गई है। जैसे-जैसे डीजल और पेट्रोल की कीमतों में इजाफा हो रहा है वैसे-वैसे लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं। इसके अलावा राज्य सरकारों की ओर से जारी ईवी पॉलिसी के तहत भी पंजीयन शुल्क, रोड टैक्स में छूट के साथ कई राज्य इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी भी दे रहे हैं।
एक किलोमीटर पर मात्र 20 पैसे के खर्च का दावा
इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढऩे के पीछे एक मुख्य कारण यह भी है कि खास तौर पर दुपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रति किलोमीटर का खर्च सिर्फ 20 पैसे होते हैं। महाराष्ट्र में पिछले साल ईवी पॉलिसी शुरू करने वाले पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरें ने कहा है कि मुंबई में पहले से ही सार्वजनिक और निजी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना अनिवार्य है।
ईवी के ऑटो रिक्शा खरीदारों को ज्यादा फायदा
बता दें कि महाराष्ट्र में वहां की ईवी पॉलिसी के तहत राज्य के 14,000 इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर, 1.8 टू व्हीलर्स और 22,000 ऑटो रिक्शा (Auto Rickshaw) खरीदार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। वहीं वर्ष 2030 तक करीब 1 लाख इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर, 9.6 लाख इलेक्ट्रिक टू व्हीलर और 1.5 लाख इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा खरीदार इस योजना का लाभ ले पाएंगे।
एक अप्रैल से मर्सिडीज कारें महंगी होने से बना खरीदारी का माहौल
यहां बता दें कि महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में आई तेजी का एक प्रमुख कारण यह भी रहा कि सरकार के निर्देशानुसार 1 अप्रैल से दिसंबर 2021 के बीच 23,796 इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए। इसके बाद जनवरी से मार्च 2022 के बीच यह संख्या दोगुना होकर 46,108 हो गई। यह वित्तीय वर्ष की तुलना में 390 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह 2019-20 में 7400 और 2018-19 में 6300 इलेक्ट्रिक वाहन थे।
महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहन नीति प्रभावी ढंग से हुई लागू
प्राय: सभी राज्यों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को लेकर ईवी पॉलिसी तो बना ली गई लेकिन इस नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने में महाराष्ट्र सरकार सबसे आगे रही है। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में यहां इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 80 हजार को क्रास कर गया है। वहीं आपको बता दें कि महाराष्ट्र में जुलाई 2021 में ईवी नीति शुरू की गई थी। इसे 1 जनवरी 2022 से सरकार ने ना केवल सरकारी विभागों बल्कि स्थानीय निकायों ओर नगर निकायों में भी अनिवार्य तौर पर लागू कर इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने या इन्हे किराये पर लेने का निर्णय लिया।
ईवी पॉलिसी का यह है उद्देश्य
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार की इलेक्ट्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में अग्रणी बनाना है। ईवी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक निवेश केंद्र के रूप मेें उभरना है। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री आदित्य ठाकरे का कहना है कि ईवी नीति का मकसद महाराष्ट्र को इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन में शीर्ष स्थान पर लाना है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एसीसी बैटरी के निर्माण के लिए कम से कम एक गीगाफैक्ट्री की स्थापना और पूरे ईवी पारिस्थितिकी तंत्र में अनुसंधान एवं विकास, नवाचार एवं कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढऩे से घटेगी ईंधन की खपत
बता दें कि महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और मांग बढऩे की उम्मीद जताई गई है। सरकार का अनुमान है कि ऐसा होने पर 2025 तक ईंधन की खपत 30 से 50 प्रतिशत तक घट जाएगी। इसके साथ ही नई स्क्रैप पॉलिसी जारी की गई है। इस पॉलिसी के तहत पुराने वाहनों को अधिक से अधिक रिप्लेस कराने में मदद मिलेगी।
जानिए, क्या है सरकार का लक्ष्य
महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने वाले को उनकी ओर से प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य महाराष्ट्र में 1 गीगावाट बैटरी प्लांट लगाने का है। वहीं ईवी पॉलिसी के अनुसार एक लाख दोपहिया वाहनों पर 10 रुपये तक इंसेटिव प्लान दिया जाएगा। वहीं ई- थ्री व्हीलर पर 30 हजार एवं कमर्शियल व्हीकल पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
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