भारत में ईवी सेक्टर के भविष्य पर चर्चा, प्रमुख कंपनियों ने लिया भाग
केंद्र सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) सेक्टर को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियां भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्रोडक्ट्स पर विशेष फोकस कर रही हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार के साथ-साथ ऑटो कंपनियां भी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए चार्जिंग स्टेशन इंस्टॉल कर रही है। अब भविष्य में ईवी सेक्टर को लेकर क्या प्लान होना चाहिए, इस पर चर्चा के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लगभग प्रमुख ईवी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस बैठक में ईवी प्लेयर्स ने केंद्रीय मंत्री गोयल के साथ बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। बैठक में भारी उद्योग विभाग और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अधिकारियों सहित टाटा, टीवीएस और मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान स्वैपिंग स्टेशनों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के स्थान और मानकों पर कुछ मुद्दे उठाए गए।
कंपनियां कारोबारी मॉडल चुनने के लिए स्वतंत्र
इस अवसर पर मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कंपनियां अपने स्वयं के कारोबारी माडल को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर कंपनियों को उचित लगे तो वह बैटरी स्वैपिंग के लिए संसाधनों को आपस में साझा कर सकती हैं या फिर अपनी बैटरी वाले वाहन बेच सकती हैं। साथ ही (ईवी) कंपनियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि मौजूदा सब्सिडी व्यवस्था खत्म होने के बाद उन्हें इसकी जरूरत नहीं होगी।
ईवी पर स्विच करने का सही समयमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को नए प्रोत्साहन और सब्सिडी की जरूरत नहीं है। अब समय आ गया है कि पेट्रोल और डीजल (ICE) इंजन की बजाय इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की ओर बढ़ा जाए। ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए PESO ने दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस अवसर पर कंपनियों से सुझाव भी मांगे गए हैं। गोयल ने सभी ऑटो कंपनियों और बैटरी स्वैपिंग कंपनियों से सोमवार तक सुरक्षा मानकों पर अपनी राय देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि सभी मंत्रालय इस बात पर एकमत हैं कि इस उद्योग को उड़ान भरने की जरूरत है।
ईवी सेक्टर के विकास के लिए सरकार ने उठाए कई कदम
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर के डवलपमेंट के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं जो इस प्रकार है :
इलेक्ट्रिक वाहन नीति : वैश्विक ईवी निर्माताओं को देश में लाने के लिए मार्च 2024 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति शुरू की थी। इसके तहत 50 करोड़ डालर के न्यूनतम निवेश के साथ देश में मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को शुल्क में रियायत का एलान किया गया था।
फेम-2 योजना : इसके तहत देशभर में 10,763 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम जारी है। पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गनाइजेशन (पीईएसओ) ने पेट्रोल पंपों पर कई ईवी चार्जिंग/बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं की स्थापना के लिए मसौदा दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों का उद्देश्य पेट्रोल पंप या गैस स्टेशन पर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को स्थापित करने की प्रक्रिया को आसान बनाना है।
पीएम ई-ड्राइव : भारी उद्योग मंत्रालय ने 29 सितंबर, 2024 को ईवी अपनाने में तेजी लाने, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने और देश में ईवी मैन्यूफैक्चरिंग इको सिस्टम के विकास को बढ़ावा देने के लिए पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को अधिसूचित किया। इस योजना में दो साल की अवधि के लिए 10,900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कुल बजट में से 2,000 करोड़ रुपये ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए रखे गए हैं।
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