NHAI का नया मिशन: यूपी-हरियाणा को जोड़ेगा हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश और हरियाणा को जोड़ने वाले गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर काम तेज हो गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए तीसरे सर्वे का काम भी पूरा हो गया है और अब 22 जिलों में एलाइनमेंट सर्वे (रूट तय करने का काम) किया जा रहा है। सर्वे के बाद यह तय होगा कि सड़क किन-किन गांवों और शहरों से होकर गुजरेगी और कहां-कहां पुल, ओवरब्रिज और फ्लाईओवर की जरूरत होगी। NHAI की यह नई परियोजना यूपी-हरियाणा को हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। आइए, इस खबर को विस्तार से जानते हैं।
अब तक तीन तरह के सर्वे, 3 महीने में तैयार होगी रिपोर्ट
अब तक कुल तीन सर्वे हो चुके हैं और तीनों की अलग-अलग डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाई जाएगी। इन रिपोर्टों में से एक को अंतिम रूप दिया जाएगा, जो निर्माण के लिए आधार बनेगी। अधिकारियों का कहना है कि पूरा सर्वे और रिपोर्ट तैयार करने में लगभग 3 महीने का समय लगेगा।
अब अयोध्या यूनिट संभालेगी जिम्मा
गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे परियोजना की जिम्मेदारी शुरुआत में एनएचएआई रायबरेली को दी गई थी, लेकिन अब इसे अयोध्या यूनिट को सौंपा गया है। पहले यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शामली तक ही प्रस्तावित था, लेकिन अब इसे हरियाणा के पानीपत तक बढ़ा दिया गया है।
इन जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, बस्ती, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ, शामली और हरियाणा के पानीपत जिलों को आपस में जोड़ेगा। प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट, अयोध्या के अधिकारी अलंकृत पटेल के अनुसार, “गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे के सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। अब रूट तय करने का काम चल रहा है। इसके बाद डीपीआर बनाकर शासन को भेजी जाएगी।”
450+300 किमी में दो फेज में होगा निर्माण
योजना के अनुसार, एक्सप्रेसवे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में पानीपत से शामली होते हुए पुवायां तक करीब 450 किमी का निर्माण होगा। दूसरे चरण में पुवायां से गोरखपुर तक करीब 300 किमी का रास्ता बनेगा। इसके पूरा होने पर पूर्वी और पश्चिमी यूपी सीधे जुड़ जाएंगे और गोरखपुर से शामली का सफर सिर्फ 7 से 8 घंटे में तय किया जा सकेगा।
नए सर्वे में रूट बदला, नेपाल सीमा के जिलों से गुजरने की संभावना
पहले हुए दो सर्वे में रूट गोरखपुर–बस्ती–गोंडा–सीतापुर होकर था, लेकिन अब नए सर्वे में नेपाल सीमा के पास के जिलों, लखनऊ, बरेली और मेरठ को जोड़ने की संभावना बढ़ गई है। अंतिम रूट एलाइनमेंट पूरा होते ही तय किया जाएगा।
गोरखपुर में भूमि सर्वे का काम जारी
गोरखपुर में इस प्रोजेक्ट के लिए 50 गांवों से होकर सड़क गुजरने की संभावना है। इसके लिए एनएचएआई ने जिला प्रशासन से भूमि रिकॉर्ड (भू-राजस्व अभिलेख) मंगाए हैं।
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