Posted On : 30 November, 2024
सरकार की ओर से टोल टैक्स के नियमों (Toll tax rules) में बदलाव किया गया है जो अब पूरी तरह से लागू हो गए हैं। इन नए नियमों के मुताबिक फास्टैग (Fastag) का यूज करने वाले यूजर्स को टोल ट्रैक्स (Toll tax) में छूट दी गई है। सरकार ने फास्टैग यूजर्स (Fastag Users) के लिए एक बड़ी घोषणा की है। इसमें अब फास्टैग यूजर्स को किसी भी तरह का टोल टैक्स नहीं चुकाना होगा। इस खबर से फास्टैग यूजर्स में खुशी का माहौल है। हालांकि इसके लिए एक नियम लागू किया गया है। यदि आप भी फास्टैग यूजर हैं तो आपके लिए यह खबर काफी महत्वपूर्ण हो जाती है, तो आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी।
भारत सरकार की ओर से वाहन चालकों (Vehicle drivers) की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक खास फीचर शुरू किया गया था ताकि वाहन चालकों के समय की बचत हो सके। इसका नाम फास्टैग था। फास्टैग (Fastag) के माध्यम से टोल रोड से गुजरने वाले वाहन चालकों को अधिक समय नहीं लगता है। इतना ही नहीं इन चालकों को कैश रखने की आवश्यकता भी नहीं होती है, क्योंकि फास्टैग जैसे खास फीचर्स के माध्यम से अपने आप टैक्स डिडक्ट हो जाता है।
वर्तमान में हाईवे (Highway) पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर टोल टैक्स नाके (Toll Tax Booths) बन गए हैं जिससे फास्टैग वालों को हाईवे पर इन टोल नाकों पर टैक्स चुकाना पड़ता है जो उनको काफी चिंता में डाल देता है। आवश्यकता से अधिक टोल का भुगतान उनको चिंतित करता है। वाहन चालकों की इस चिंता को दूर करने के लिए सरकार ने अपने टोल टैक्स नियमों में बदलाव किया है जिससे अब किसी भी हाइवे या एक्सप्रेस-वे (Express Way) पर किसी भी वाहन का चालक जो फास्टैग यूज करता है उसे 20 किलोमीटर से पहले कोई टोल टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी। इस दौरान यदि टोल रोड आ भी जाता है तो वाहन चालक इससे बिना कोई टैक्स चुकाए आसानी से जा सकता है। ऐसे में अब किसी भी ब्रिज, टनल या फिर राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways) से गुजरने पर फास्टैग यूज करने वाले वाहन चालकों को टोल टैक्स का भुगतान 20 किलोमीटर के दायरे के अंदर नहीं करना होगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से टोल टैक्स नियमों में बदलाव किया गया है। इसके अनुसार अब ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (Global Navigation Satellite System) से लैस कोई भी प्राइवेट वाहन से 20 किलोमीटर के दायरे में टोल टैक्स वसूलने का अधिकार नहीं होगा। इस दूरी के आगे टोल वास्तविक यात्रा किए गए किलोमीटर के आधार पर वसूला जाएगा। इसको लेकर आधिकारिक रूप से नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
भारत में सड़कों का बड़ा नेटवर्क है। सरकार की ओर से बनाई गई सड़क का उपयोग करते समय हमें इसका टैक्स देना पड़ता है जिसे टोल टैक्स कहा जाता है। इस टैक्स के भुगतान के लिए सरकार ने जगह-जगह पर टोल नाके (Toll Booths) बनाए हैं। इन टोल नाकों पर जमा राशि का उपयोग सड़कों की मरम्मत व रखरखाव व उसकी गुणवत्ता बनाने रखने के लिए किया जाता है। यह टोल टैक्स हर एक्सप्रेसवे, पुल या सुरंग के लिए एक समान नहीं होते हैं। उनके लिए टोल की दरें अलग-अलग होती हैं।
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