राष्ट्रीय रोड सेफ्टी माह के तहत फ्री में मिलेंगे चश्में, 31 जनवरी तक चलेगा अभियान
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 50 प्रतिशत ट्रक चालकों की आंखें कमजोर है। सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण ड्राइवरों की कमजोर आंखों को माना गया है। अगर वाहन चालकों की आंखें दुरुस्त होंगी तो रोड एक्सीडेंट की संख्या में अवश्य कमी आएगी, ऐसा सरकार का मानना है।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार कड़े प्रावधान लागू कर रही है। इसके तहत यातायात नियमों को तोड़ने पर जुर्माने की राशि में कई गुना वृद्धि की गई है। वाहन चालकों को यातायात के नियमों की जानकारी देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन दिनों 1 जनवरी 2025 से 31 जनवरी 2025 तक राष्ट्रीय रोड सेफ्टी माह का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत कमर्शियल वाहन चालकों की आंखों की जांच की जा रही है। आइए, ट्रक जंक्शन की पोस्ट में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
वाहन चालकों की नजर कमजोर मिलने पर नि:शुल्क चश्मा
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और वाहन चालकों की दृष्टि को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय/राज्य सड़क सुरक्षा माह के तहत राजस्थान की सीमा में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर भारी (एलएमवी/एचएमवी/व्यावसायिक) वाहन चालकों की आंखों की जांच और निःशुल्क चश्मा वितरण का कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगा। भीलवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सी.पी. गोस्वामी ने बताया कि इस अभियान के तहत जनवरी माह के हर गुरुवार और शनिवार को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक विभिन्न राजमार्गो के टोल प्लाजा पर नेत्र सहायकों द्वारा स्क्रीनिंग की जा रही है। जांच के बाद वाहन चालकों को जरूरत अनुसार नि:शुल्क चश्मे वितरित किए जा रहे हैं।
हाई बीम के उपयोग से अधिक दुर्घटनाएं
सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण रात्रि के समय वाहन में हाईबीम का उपयोग करना भी है। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा के अनुसार, “शाम के समय हाई बीम का उपयोग भी दुर्घटनाओं का एक कारण है क्योंकि इससे दृश्यता प्रभावित होती है।”
उन्होंने बताया, “विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर राज्य के सभी व्यावसायिक वाहनों के चालकों की आंखों की जांच करवाने के लिए संयुक्त अभियान शुरू करने को कहा गया है। हम राज्य में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सभी कारकों की जांच करने के लिए विभिन्न विभागों के साथ काम कर रहे हैं। ब्लैक स्पॉट को कम करने, वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच करने, सड़क सुरक्षा मानदंडों का पालन करने, ड्राइवरों की आंखों की जांच करने के साथ-साथ एनएचएआई जैसे हितधारक विभागों के साथ समन्वय करने पर सख्त ध्यान दिया जा रहा है।"
ओवरलोडेड वाहनों पर होगी सख्त कार्रवाई
राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम के लिए परिवहन विभाग ओवरलोडेड वाहनों पर सख्य कार्रवाई कर रहा है। परिवहन मंत्री बैरवा ने ओवरलोडेड वाहनों पर कार्रवाई के लिए सभी डीटीओ और आरटीओ को निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच अधिक हादसे होते हैं क्योंकि इस समय कार्यालयों की छुट्टी होती है, सड़कों पर लोगों का आवागमन एकदम से बढ़ जाता है। साथ ही आवारा पशुओं के कारण भी दुर्घटनाएं अधिक होती है।
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