सरकार ने वाहन चालकों को दी सामाजिक सुरक्षा, पायलट प्रोजेक्ट शुरू
देश में मोटर वाहन चालकों को सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से सरकार ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार वाहन चालकों को एक्सीडेंट सुरक्षा प्रदान कर रही है, जो बिल्कुल मुफ्त है और किसी भी प्रकार का दुर्घटना होने पर सरकार कैशलैस ट्रीटमेंट प्रदान करने और पूरे बिल का री-इंबर्समेंट का विकल्प प्रदान करती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पीड़ितों को समय पर चिकित्सा देखभाल प्रदान करना है और एक ऐसे ईको सिस्टम की स्थापना करना है जो जिससे पीड़ितों को बिना किसी रुकावट व्यापक कैशलेस उपचार का लाभ मिल सके।
क्या है पायलट परियोजना?
सरकार सड़क दुर्घटना से पीड़ित लोगों को कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान करती है। इसी उद्देश्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। इस परियोजना के तहत प्रति व्यक्ति 1.5 लाख रुपए तक का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस प्रदान किया जाता है। चंडीगढ़ में शुरू किए जा रहे इस प्रोजेक्ट के तहत दुर्घटना की तारीख से अगले 7 दिनों तक प्रति व्यक्ति को 1.5 लाख तक के उपचार के लिए कैशलेस क्लेम मिलेगा। इस उपचार के दावों की पूर्ति मोटर वाहन दुर्घटना कोष से की जाएगी।
किन्हें मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ सभी प्रकार के मोटर वाहन चालकों को प्रदान किया जाएगा। किसी भी श्रेणी की सड़कों पर हुई दुर्घटना के लिए यह क्लेम प्रदान किया जाएगा। इसका कार्यान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, पुलिस, अस्पताल और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के निगरानी में किया जाएगा।
पूरे देश में होगा लागू
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में कुल 4.61 लाख लोगों की सड़क दुर्घटना हुई है। जिसमें से 1.68 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है। दुर्घटना में करीब 4.43 लाख लोग घायल हुए। दुर्घटना में पीड़ितों का मुफ्त उपचार और कैशलेस उपचार मोटर वाहन अधिनियम 2019 (MVA 2019) का हिस्सा है। राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने बताया कि कुछ राज्यों में इस अधिनियम को लागू किया है, वहीं अब सड़क कल्याण मंत्रालय इसे पूरे देश में लागू करेगा।
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