अप्रैल 2025 से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा डीजल व पेट्रोल, ANPR कैमरे पुराने वाहनों की पहचान में करेंगे मदद
सरकार चाहती है कि देश की सड़कों पर अधिक प्रदूषण फैलाने वाले पुराने कमर्शियल व पर्सनल वाहन नहीं चले, इसके बावजूद लाखों की संख्या में ओवरएज वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। अब सरकार ने इन ओवरएज वाहनों को पूरी तरह से सिस्टम से हटाने का मूड बना लिया है। ओवरएज वाहनों की पहचान के लिए पेट्रोल पंपों पर खास तरह के कैमरे लगाए जा रहे हैं जो इन वाहनों की नंबर प्लेट को देखकर बता देंगे कि वाहन कितना पुराना है और इन वाहनों को पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं मिलेगा और वाहन खुद-ब-खुद डिफॉल्टर घोषित हो जाएगा। आइए, इस खबर को विस्तार से जानें।
15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल व 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर एनजीटी सख्त
यह कदम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के तहत उठाया गया है, जिसमें 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को सड़कों से हटाने की बात कही गई है। एनजीटी के आदेशों की पालना में दिल्ली सरकार एक्शन मूड में आ गई है, जिसके तहत 1 अप्रैल 2025 से दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर पुराने वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा। इस फैसले को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबरप्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे तय उम्र से ज्यादा पुराने वाहनों को पहचानने में मदद करेंगे, जिससे पंपों पर उन वाहनों को ईंधन देने से मना किया जा सकेगा। इसके अलावा यह सिस्टम उन वाहनों की भी पहचान कर सकेगा जिनके पास पोल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं है।
अब तक 80 प्रतिशत पेट्रोल पंपों पर लगे ANPR कैमरे
दिल्ली में करीब 500 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से 80% पर पहले ही एएनपीआर कैमरे लगाए जा चुके हैं। इस सिस्टम के जरिए वाहन पंजीकरण नंबर से जुड़े सरकारी डेटाबेस की मदद से उल्लंघनकर्ताओं की पहचान की जाएगी। अगर कोई पुराना वाहन पेट्रोल पंप पर आता है, तो वह खुद-ब-खुद डिफॉल्टर घोषित हो जाएगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री, मनजिंदर सिरसा ने कहा कि यह कदम पर्यावरण की रक्षा और प्रदूषण को कम करने के लिए लिया जा रहा है। ये कैमरे वास्तविक समय में वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और यदि कोई वाहन पुराने श्रेणी का होगा, तो उसे ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा।
दिल्ली में अब तक 59 लाख पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द
दिल्ली सरकार ने अब तक 59 लाख पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया है, जिनमें अधिकतर दोपहिया वाहन शामिल हैं। नई नीति के तहत, जो वाहन इस नियम का उल्लंघन करेंगे, उन्हें सिर्फ दो शर्तों में छोड़ा जा सकेगा:
- मालिक को परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा और वाहन को दूसरे राज्य में पंजीकरण के लिए भेजना होगा।
- या फिर मालिक वाहन को किसी निजी स्थान पर पार्क करके रखे, लेकिन इस स्थिति में वाहन को वहां ले जाने के लिए टोइंग वाहन का इस्तेमाल करना होगा।
अगर इन वाहनों को फिर से सड़क पर पाया गया, तो उन्हें स्क्रैप कर दिया जाएगा।
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