एलएनजी, सीएनजी से चलने वाले ट्रक निर्यात की लाॅजिस्टिक लागत में आएगी कमी
देश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की ओर से एलएनजी (LNG) और सीएनजी (CNG) से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ट्रकों (Trucks) को भी एलएनजी व सीएनजी से चलाने की योजना बना रही है। सरकार का मानना है कि इससे देश से ट्रकों को बाहर निर्यात में लगने वाली लाॅजिस्टिक लागत कमी लाई जा सकती है।
इस संंबंध में हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार निर्यात की लॉजिस्टिक लागत कम करने के लिए भारत के 80 प्रतिशत ट्रक बेड़े को सीएनजी या एलएनजी पर चलाना चाहती है। मंत्री ने कहा कि देश में बेहतर सड़कों के कारण परिवहन समय पहले से काफी कम हो गया है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने यह बात पिछले दिनों आईआईटी दिल्ली में आयोजित सीआरडीटी द्वारा प्रोजेक्ट अभय के समापन समारोह के अवसर पर कही।
ट्रक डाइवरों के लिए स्थापित किए जा रहे हैं प्रशिक्षण केंद्र
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में ट्रक ड्राइवरों की कमी है और इस कमी को पूरा करने के लिए देश भर में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि हमारे पास 100 ट्रकों के लिए केवल 75 ड्राइवर हैं। इस तरह हमारे यहां 22 ड्राइवरों की कमी है। उन्होंने देश में ड्राइवरों की कमी को बड़ी संख्या में दुर्घटना का कारण भी बताया। गडकरी ने कहा कि यूरोप के विपरित भारत में हमारे पास ड्राइवर शिफ्ट नहीं है जिससे कई दुर्घटनाएं होती हैं। हमें प्रौद्योगिकी को भी उन्नत करने की जरूरत है। 5 लाख दुर्घटनाओं में 1.80 लाख मौतें हुईं जिनमें से 10,000 मौतें ट्रकों के कारण हुईं। उन्होंने कहा कि सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए ट्रकों और बसों में स्वचालित आपतकालीन ब्रेक सिस्टम जोड़े गए हैं।
ट्रक ड्राइवरों को उपलब्ध कराई जाएंगी बेहतर सुविधाएं
मंत्री गडकरी ने ट्रक ड्राइवरों को बेहतर सुविधा देने की बात कही। इसी के साथ ही ट्रक ड्राइवर के पेशे को सुरक्षित बनने पर जोर दिया। उन्होंने ड्राइवरों के लिए बेहतर काम करने की स्थिति की आवश्यकता को स्वीकार किया। इसमें बेहतर आराम सुविधाएं और सुरक्षित कार्य घंटे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ट्रकिंग पेशे को और अधिक आकर्षक व सुरक्षित बनना चाहिए। हमारा प्रयास ट्रक ड्राइविंग को एक आकांक्षापूर्ण नौकरी बनाना है। इसे प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण व सुरक्षा उपायों द्वारा समर्थिक किया जाता है। मंत्री ने ड्राइवरों की कमी को दूर करने के लिए प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया।
अभय प्रोजेक्ट के बारे में-
यह प्रोजेक्ट सरकार की ओर से ट्रक चालकों सुरक्षित व स्वस्थ रखने के लिए की एक पहल है। इसका उद्देश्य ट्रक चालकों की भलाई सुनिश्चित करना व माल ट्रांसपोर्टेशन के काम में उनकी भूमिका को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत ड्राइवरों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, विश्राम स्थल, सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण तथा मनोवैज्ञानिक सहायता की व्यवस्था की जाती है।
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