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27 दिसंबर 2023

जीपीएस टोल कलेक्शन सिस्टम : टोल प्लाजा पर नहीं पड़ेगी फास्टैग की जरूरत

By News Date 27 Dec 2023

जीपीएस टोल कलेक्शन सिस्टम : टोल प्लाजा पर नहीं पड़ेगी फास्टैग की जरूरत

टोल टैक्स 2024 : फास्टैग को रिप्लेस करेगा जीपीएस पर आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम

नए साल 2024 में देशभर के राजमार्गों पर टोल कलेक्शन के लिए बदला हुआ तरीका नजर आएगा। अब टोल टैक्स के लिए फास्टैग ( FASTags) की जरूरत नहीं पड़ेगी। फास्टैग ( FASTags) की जगह जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस नए टोल कलेक्शन सिस्टम से दूरी के आधार पर टैक्स वसूलने में मदद मिलेगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो मार्च 2024 से जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम लागू हो जाएगा। आईये, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में जानते हैं क्या है नया जीपीएस टोल कलेक्शन सिस्टम और इससे वाहन चालकों को क्या होगा फायदा।

टोल टैक्स 2024 : राजमार्गों पर मौजूदा टोल प्लाजा को हटाया जाएगा

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने हाल ही में एक समारोह के दौरान कहा कि केंद्र सरकार देश में टोल प्लाजा को बदलने के लिए जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम समेत नई टेक्नोलॉजी पर विचार कर रही है। नया जीपीएस टोल सिस्टम आने के बाद में हाइवे पर टोल प्लाजा नजर नहीं आएंगे। सरकार हाइवे से टोल प्लाजा हटाने का प्रयास लगातार कर रही है। अगले साल मार्च 2024 तक देशभर में नए जीपीएस सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन शुरू करेंगे।

इस दौरान गडकरी ने यह भी बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों को बिना रोके ऑटोमैटिक टोल कलेक्शन को सक्षम करने के लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा) के दो पायलट प्रोजेक्ट भी चलाए हैं |

जानिए कैसे काम करता है जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम

जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम लागू होने पर वाहनों को हाईवे पर टोल टैक्स के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी। नया जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर टोल टैक्स वसूल करेगा। यह सिस्टम वाहन के चलते समय कैमरों के माध्यम से ऑटोमैटिक नंबर प्लेट आईडेंटटी सिस्टम का उपयोग करेगा। वाहन की नंबर प्लेट को उन एकाउंट से जोड़ा जाएगा, जहां से यात्रा की गई। इस प्रकार दूरी के आधार पर टोल टैक्स वसूला जाएगा।

फास्ट टैग से कैसे अलग है जीपीएस सैटेलाइट टोल कलेक्शन

वर्तमान में देश के राजमार्गों पर फिजिकल टोल प्लाजा RFID (Radio Frequency Identification) बेस्ड टेक्नोलॉजी (FAS Tags) के माध्यम से टोल टैक्स वसूला जा रहा है। फास्टैग सिस्टम में टोल प्लाजा पर RFID सपोर्ट बैरियर वाहनों पर चिपकाए गए फास्टैग आईडी को रीड करता है और दो टोल प्लाजा के बीच की दूरी के हिसाब से टैक्स लेता है। इसमें सिस्टम को स्कैन करने के लिए वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकना पड़ता है और वाहनों की कतार लग जाती है। यहां आपको बता दें कि देश में फास्टैग टोल कलेक्शन सिस्टम की शुरुआत फरवरी 2021 में की गई थी। वहीं अब मार्च 2024 से न्यू जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर टोल टैक्स की वसूली करेगा।

टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय में सुधार की कवायद

राजमार्गों स्थित टोल प्लाजा पर वाहन मालिकों को टोल टैक्स चुकाने के लिए लंबी लाइन में नहीं लगना पड़े इसके लिए केंद्र सरकार की कवायद जारी है। केंद्र सरकार ने 2021 में फास्टैग लागू किया और 2024 में जीपीएस सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा। इससे प्रतीक्षा समय में सुधार होगा। यहां आपको बता दें कि 2018-19 के बीच टोल प्लाजा पर वाहनों का औसत प्रतीक्षा समय आठ मिनट था। फास्टैग पेश किए जाने के बाद यह घटकर 47 सेकेंड रह गया। विशेष रूप से शहरों के पास, घनी आबादी वाले कस्बों में प्रतीक्षा समय में सुधार हुआ है। वहीं भीड़भाड़ के समय टोल प्लाजा पर टैक्स कटाने में कुछ ज्यादा समय लगता है।

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले होंगे 2 लाख करोड़ के टेंडर

देश में लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 में प्रस्तावित है। इससे पहले केंद्र सरकार सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम शुरू करना चाहती है। केंद्र सरकार लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले एक हजार किलोमीटर से कम लंबाई की हाईवे परियोजनाओं के लिए बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) मॉडल पर 1.5-2 लाख करोड़ रुपये मूल्य की सड़क परियोजनाओं का टेंडर करेगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि हम हाईवे निर्माण के लिए ज्यादातर इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) मॉडल को प्राथमिकता देंगे।

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