जानें, इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने में कौनसे घटक करेंगे मदद
भारत में ईवी क्रांति के तहत डीजल और पेट्रोल के फ्यूल अल्टरनेट के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से इस्तेमाल बढ़ रहा है। ईवी को बढ़ावा देने में 3 व्हीलर का सबसे ज्यादा योगदान हो सकता है, क्योंकि ये कम जोखिम वाले वाहन हैं। वैसे देखा जाए तो ईवी को बढ़ावा देने का यह सिलसिला अभी तक महानगरों तक ही अधिक है, दूरदराज के गांवों और छोटे शहरों में ईवी को खरीदने के लिए ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्वच्छ परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना इस दिशा में स्थायी गतिशीलता के लिए बहुत जरूरी है। टियर 1 महानगरों में ईवी क्रांति तेजी से आगे बढ़ रही है। वहीं अब समय आ गया है जब इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को चाहिए कि वे टियर 2 और टियर 3 शहरों के बाजारों में और अधिक ग्राहक जुटाएं। संपूर्ण भारत में ईवी को अपनाने की गति में तेजी लाने के लिए अन्य कई प्रकार के घटक भी शामिल हैं। यहां ट्रक जंक्शन पर इस ऑर्टिकल में आपको इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर सहित अन्य कैटेगरी के ईवी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और इनकी बिक्री के प्रोत्साहन को लेकर पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसे पढ़ कर शेयर और लाइक करें ताकि ईवी क्रांति में और तेजी आ सके।
ईवी उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र करें विकसित
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ईवी निर्माताओं का बड़ा योगदान है। इस तरह के उद्योगों को चाहिए कि वे देश में पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से विकसित करें। वर्तमान में महानगरों में तो ईवी बाजार व्यापक रूप से विकसित हो गए हैं लेकिन छोटे शहरों और कस्बों तक ईवी क्रांति कम फैल रही है। इसे बढ़ावा देने के लिए ग्राहकों को जागरूक करना, सुलभ वित्तीय प्रोत्साहन और व्यापक बुनियादी समर्थन आदि जरूरी घटक हैं। इन सबको ईवी बाजारों में ग्राहकों के अनुरूप बनाना आवश्यक है।
ईवी खरीदने के लाभों से अनभिज्ञ हैं लोग
इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज भी भारत के अधिकांश लोग इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभों के बारे में नहीं जानते। देखा जाए तो देश में अहमदाबाद, रांची, पटना और आगरा सहित कई अन्य बाजार इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर जैसे छोटे वाहनों के लिए सोने की खदानों जैसे हैं। ये अंतिम मील डिलीवरी के लिए सबसे बेस्ट वाहन हैं। इसके अलावा दूसरे शहरों के बाजारों में भी इसी तरह का माहौल इलेक्ट्रिक वाहनों का बनना चाहिए। जो लोग अभी तक आईसीई व्हीकल्स खरीदने में ही विश्वास करते हैं उनकी धारणा को बदलना होगा। इनमें ग्राहक और इन वाहनों को चलाने वाले ड्राइवरों को ईवी के लाभों से अवगत कराने के लिए जागरूक बनाना होगा। वहीं ईवी के प्रति विश्वास, मेंटीनेंस एवं इनकी परफॉर्मेंस के साथ बेहतर सर्विस आदि के बारे में किसी को कोई शंका नहीं करनी चाहिए। ईवी को बढ़ावा देने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण एक महत्वपूर्ण कार्य है। बाजार की गतिशीलता और तकनीकी प्रगति आदि की ओर भी ध्यान देना होगा।
ईवी अपनाने के फायदे कैसे मिलें?
बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के कई तरह के लाभ आपको मिल सकते हैं। इसके लिए इनमें इसके चार्जिंग, रखरखाव, री-सेल वेल्यू आदि को देखना चाहिए। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों में जो कमियां नजर आती हैं उनमें इसकी हाई प्रोडक्टशन कॉस्ट, सीमित पेलोड कैपेसिटी, सीमित रेंज, सीमित पेलोड कैपेसिटी और सहायक बुनियादी ढांचे की कमी आदि शामिल हैं। उधर आईसीई क्षेत्र में इस तरह के लाभ पहले से ही मिल रहे हैं। दूसरी ओर कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए वीडियो, बैनर, संबंधित अन्य प्रचार सामग्री की भी जरूरत है जो ईवी निर्माता अच्छी तरह से इनके प्रति जागरूकता लाने के लिए कर सकते हैं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना जरूरी है। हर जगह चार्जिंग की सुविधा होनी चाहिए। सरकार सार्वजिनक और निजी भागीदारी से विशेष बिजली दरें प्रदान करने और संसाधनों में वृद्धि कर सकती है। ईवी मालिकों को और किस तरह से प्रोत्साहित किया जा सकता है इसका भी निर्माताओं को पता करना चाहिए।
ऐसे हो सकते हैं इलेक्ट्रिक वाहन किफायती
इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढावा देने के लिए यह जरूरी है कि इस प्रकार के ये कमर्शियल वाहन किफायती हों। ईवी टेक्नोलॉजी में लगातार प्रगति के साथ बैटरी परफॉर्मंस में सुधार, मैन्युफैक्चरिंग लागत में कमी आदि भी इसे सस्ता बनाने में मदद करेंगे। इसके साथ ही कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों की यूटिलिटी में विस्तार करना होगा जैसे किराना व्यापार से निर्माण, बागवानी आदि अन्य प्रकार के सामानों का ट्रांसपोर्टेश आदि। इसी के अनुसार वाणिज्यिक वाहनों के नये मॉडलों में एडजस्टेबल बॉडी निर्माण, टेलीमैटिक्स प्रणाली आदि का विकास होना चाहिए।
लोन एवं सब्सिडी प्रदान करने की व्यवस्था
अभी तक कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों का वित्त पोषण सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। इन वाहनों पर लोन जारी करवाने, सरकार या संबंधित कंपनी की ओर से सब्सिडी प्रदान करना आदि ईवी को बढ़ावा देने के लिए जरूरी हैं। टियर 2 और टियर 3 बाजारों में ईवी अपनाने के सबसे महत्वपूर्ण सपोर्टर आसान ऋण प्रक्रिया और सब्सिडी प्रदान करना है। इनके बारे में नये तरीके से ऑफर दिए जा सकते हैं। अभी ईवी पर लोन की ब्याज दर 12 से 15 प्रतिशत के मध्य है जबकि आईसीई के लिए यह 8 प्रतिशत तक ही है। कुल मिला कर यही कहा जा सकता है कि कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन और लोन की शर्तें लचीली हों।
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