सरकार ने इथेनॉल उत्पादन और ईवी की बिक्री के लक्ष्य किए घोषित किया अब इथेनॉल से भी चलाए जा सकेंगे ट्रक
भारत में लगातार बढ़ते वाहन प्रदूषण के मद्देनजर सरकार अब इस प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को संरक्षित करने के प्रयास कर रही है। देश में सभी सडक़ मार्गों पर डीजल और पेट्रोल से संचालित ट्रक, ट्रैक्टर, पिकअप, थ्री व्हीलर्स, ऑटोरिक्शा, मिनी ट्रक, कार आदि वाहन ही ज्यादा चल रहे हैं। अभी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बहुत सीमित चल रही है, हालांकि केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और इनके उत्पादन को पूरा प्रोत्साहन दे रही हैं।
बता दें कि इसके लिए केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने एवं ई- वाहनों की बिक्री के नये लक्ष्यों की घोषणा की है। सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा है कि फ्लेक्स फ्यूल वाहन परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनका कहना है कि सरकार अपने मौजूदा 20,000 करोड़ रुपये के आकार से 2 लाख करोड़ रुपये की इथेनॉल अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रख रही है। सरकार का लक्ष्य पूरा होने पर जल्द ही भारत में ट्रक और अन्य वाहन इथेनॉल से संचालित होंगे। यहां आपको बताते हैं कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में कौन-कौन से कदम उठा रही है।
सीएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल पर जोर
वाहनों से फैलते वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने में बायो सीएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल भी खासे मददगार हो सकते हैं। सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भी केंद्र सरकार का लक्ष्य 10,000 सीएनजी स्टेशन स्थापित करना है। इसके अलावा सरकार की अन्य योजनाओं की बात की जाए तो वर्ष 2030 तक निजी कारों के लिए 30 प्रतिशत, कमर्शियल वाहनों के लिए 70 प्रतिशत, बसों के लिए 40 प्रतिशत एवं दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में प्रवेश करना है।
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच इथेनॉल और ईवी बेहतर विकल्प
यहां आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में एक लीटर पेट्रोल की की कीमत क्रमश: 103. 54 और 109.54 रुपये तक पहुंच चुकी है। वहीं डीजल की कीमतें भी दिल्ली और मुंबई में क्रमश: 92.12 रुपये एवं 99.92 रुपये हो गई है। इस स्थिति में पैसे की बचत करनी है तो इलेक्ट्रिक और इथेनॉल ईंधन से चलने वाले वाहनों को ही बेहतर विकल्प के तौर पर अपनाया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में तेल निर्यात करने वाले ओपेक देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके चलते अंतराष्ट्रीय बाजार में प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत 82 डॉलर तक हो गई है। एक महीने पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत 72 रुपये थी।
कैसे बनता है इथेनॉल, क्या है इसकी उपयोगिता
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन दिनों वाहनों में ईंधन की बचत करने और प्रदूषण रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी के प्रयोग के अलावा इथेनॉल के उत्पादन पर भी सरकार बराबर ध्यान दे रही है। दरअसल इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिला कर गाडियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने से होता है लेकिन शर्करा वाली कई फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इससे खेती और पर्यावरण दोनों को ही फायदा होता है। भारतीय परिपे्रक्ष्य में देखा जाए तो इथेनॉल ऊर्जा का अक्षय स्त्रोत है क्योंकि गन्ने की फसल की कमी कभी नहीं हो सकती।
यह है इथेनॉल इस्तेमाल का फायदा
इथेनॉल के इस्तेमाल 35 फीसदी कम कार्बन मोनो आक्साइड का उत्र्सजन होता है। यही नहीं यह कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन और सल्फर डाइआक्साइड को भी कम करता है। इसके अलावा इथेनॉल हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है। इथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है। इथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाल करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है। इथेनॉल ईको फ्रेंडली फ्यूल है। यह पर्यावरण को सुरक्षित रखता है। यह कम से कम लागत में अधिक ऑक्टेन नंबर देता है और एमटीबीई जैसे खतरनाक फ्यूल के लिए ऑप्सन के रूप में काम करता है। यह इंजन की गर्मी को भी बाहर निकलता है।
क्या आप नया ट्रक खरीदना, डीज़ल ट्रक, पेट्रोल ट्रक, इलेक्ट्रिक ट्रक या पुराना ट्रक बेचना चाहते हैं, किफायती मालाभाड़ा से फायदा उठाना चाहते हैं, ट्रक लोन, फाइनेंस, इंश्योरेंस व अन्य सुविधाएं बस एक क्लिक पर चाहते हैं तो देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ते डिजिटल प्लेटफार्म ट्रक जंक्शन पर लॉगिन करें और अपने फायदे की हर बात जानें।
Follow us for Latest Truck Industry Updates-
FaceBook - https://bit.ly/TruckFB
Instagram - https://bit.ly/TruckInsta
Youtube - https://bit.ly/TruckYT