सड़क हादसों में कमी लाने के लिए भारत को दूसरे देशों से बहुत कुछ सीखने की जरुरत
भारत में जैसे-जैसे सड़कों, हाईवे व एक्सप्रेसवे का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे रोड एक्सीडेंट्स की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक देश में रोजाना 1264 सड़क हादसे होते हैं, जिसमें हर दिन 462 लोगों की मौत होती है। इनमें से अधिकांश लोगों की उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच होती है। सड़क हादसों के मामले में भारत का विश्व में सबसे खराब रिकॉर्ड है। बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार तमाम उपाय अपना रही है। अब सरकार ने रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए विदेशी तकनीक अपनाने की बात कही है। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट से जानें कि सरकार कौन सी नई तकनीक अपनाने जा रही है।
रोड एक्सीडेंट ज्यादा होने के पीछे ये वजह आई सामने
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में खराब डीपीआर और सड़क डिजाइन जैसे कारण शामिल हैं। ये डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और डिजाइन सिविल इंजीनियर और कंसल्टेंट द्वारा तैयार किए जाते हैं। गडकरी ने यह बयान पिछले दिनों ग्लोबल रोड इन्फ्राटेक समिट एंड एक्सपो (GRIS) में दिया। उन्होंने सड़क सुरक्षा, कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय राजमार्गों पर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को सुधारने की जरुरत बताई।
2030 तक दुर्घटनाओं की दर में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि सड़क हादसों के कारण देश की जीडीपी भी प्रभावित हो रही है। रोड एक्सीडेंट देश के विकास में बाधक साबित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि साल 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 1 लाख 80 हजार लोग मारे गए। उन्होंने कहा, ' इन सड़क दुर्घटनाओं से जीडीपी का 3% आर्थिक विकास का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं की दर को 50% तक कम करना है।
नई तकनीक अपनाने से आएगा सुधार
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए भारत को दूसरे देशों से बहुत कुछ सीखने की जरुरत है। गडकरी के अनुसार, "भारत में अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं छोटी-छोटी सिविल गलतियों और खराब डीपीआर के कारण होती हैं।" इसका मतलब है कि सड़क निर्माण के दौरान की गई मामूली गलतियां भी गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं, लेकिन अक्सर इनके लिए कोई सजा नहीं मिलती है। उन्होंने सड़क निर्माण में नई टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल रिसाइकल किए जाने वाली निर्माण सामग्री अपनाकर सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने सुरक्षित बुनियादी ढांचा बनाने और सेफ ड्राइविंग आदतों को बढ़ावा देने की बात कही। यानी लोगों को सेफ ड्राइविंग के बारे में सिखाना होगा।
स्पेन, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों से सीखने की जरुरत
भारत में रोड साइन और मार्किंग सिस्टम की स्थिति बेहद खराब है। इसके लिए हमें दूसरे देखों से कुछ सीखना चाहिए। गडकरी के अनुसार “स्पेन, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों से प्रेरणा लेनी चाहिए, जहां साइन और मार्किंग सिस्टम को "अत्यधिक एडवांस और विश्वस्तरीय स्तर पर विकसित किया गया है।“
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