महिंद्रा ग्रुप और जियो-बीपी मिलकर करेंगे इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स और एससीवी पर काम
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए कई बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां आगे आ रही हैं। वहीं आपसी तालमेल के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग एवं बैटरी स्वैपिंग के समाधान की दिशा में काम करने के लिए समझौते कर रही हैं। बता दें कि हाल ही देश की जानी-मानी वाणिज्यिक वाहनों की निर्माता कंपनी महिंद्रा ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और बीपी पीएलसी के संयुक्त उद्यम जियो-बीपी के साथ एक समझौते किया है।
इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स एवं बिजनेस मॉडल जैसे कि मोबिलिटी एज ए सर्विस और बैटरी स्वैपिंग समाधान खोजने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। इस नए समझौते से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर व्यापक संभावनाओं के साथ काम होगा। इस संयुक्त अभियान से कम कार्बन एवं पारंपरिक ईंधन यानि डीजल और पेट्रोल की खपत में कमी आएगी। इसके साथ ही कम कार्बन से पर्यावरण शुद्ध रखने में मदद मिलेगी। यहां जानते हैं कि महिंद्रा और रिलायंस का लो कार्बन सॉल्यूशन के साथ हुआ यह समझौता क्या है?
यह है समझौते का मुख्य उद्देश्य
बता दें कि महिंद्रा और रिलायंस का जो समझौता हुआ है उसका मुख्य उद्देश्य वाहनों के इंजन से निकलने वाले कार्बन को कम करने के साथ ही थ्री व्हीलर्स सहित 5 टन वाले छोटे वाणिज्यिक वाहनों को बढ़ावा देना है। इसमें महिंद्रा ग्रुप के कैप्टिव फ्लीट और लास्ट माइल मोबिलिटी वाहन शामिल होंगे। कंपनियों ने एक साझे बयान में कहा है कि उनकी साझेदारी का मुख्य उद्देश्य ईवी उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में दोनों कंपनियों की शक्ति का लाभ उठाना है। जहां एक ओर महिंद्रा ग्रुप और इसके चैनल पार्टनर स्थानों का मूल्यांकन जियो- बीपी मोबिलिटी स्टशेनों की स्थापना के साथ करेंगे वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग और स्वैपिंग प्वाइंट्स के लिए भी इनका उपयोग किया जा सकेगा। बता दें कि जियो-बीपी ने हाल ही में महाराष्ट्र में अपना पहला मोबिलिटी स्टेशन लांच किया है। इसके अलावा मोबिलिटी एक सेवा की तरह होगा। इसमें जियो-बीपी महिंद्रा समूह द्वारा तैयार किए गए वाहनों के चार्जिंग की सुविधा मिल पाएगी।
नेटवर्किंग की समस्या होगी दूर
बता दें कि महिंद्रा समूह ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और जियो-बीपी के बीच हुए समझौते से भारत में उच्च प्रदर्शन और स्वैपेबल बैटरी के साथ नेटवर्किंग की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी। कंपनियों ने बयान में कहा है कि इस समझौते से उन ग्राहकों को बहुत सुविधा मिलेगी जो आदर्श रूप से अपने निकटतम स्वैपिंग स्टेशन पर चंद मिनटों के अंदर एक खराब बैटरी ला सकते हैं। इसके बाद वे मामली शुल्क प्रदान कर पूरी तरह से चार्ज बैटरी के साथ आगे बढ़ सकेंगे। इस तरह से एक नये समाधान से दोनो ही कंपनियों के लिए विकास का नया आयाम मिलेगा और भारत के शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों को तेजी से साकार करने में मदद करेंगे।
ईवी बाजार को मिलेगा बढ़ावा
महिंद्रा और रिलायंस के साथ जो समझौता हुआ है उससे इलेक्ट्रिक बाजार का विस्तार होगा और बुनियादी ढांचे की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। बता दें कि भारत में अभी ईवी बाजार शुरूआती चरण में ही है इसे गति प्रदान करना बहुत जरूरी हो गया है। ऐसे में महिंद्रा और रिलायंस के बीच हुए समझौता से डेटाबेस, संचालन समर्थन प्रणाली, सॉफ्टवेयर के अलावा आवश्यक अनुमोदन के तहत नई सुविधाओं की खोज होगी। इस संयुक्त साझेदारी से महिंद्रा और जियो-बीपी मिल कर इलेक्ट्रिक उत्पादों के निर्माण एवं सेवाओं की संभावनाओं का पता लगाएंगे। महिंद्रा के अनुसार दोनो समूहों के बीच हुए समझौता ज्ञापन का प्रमुख उद्देश्य उच्च प्रदर्शन वाली स्वैपेबल बैटरी की उपलब्धता को बढ़ाना और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी लाना है।
छोटे वाणिज्यिक ई- वाहनों को चार्जिंग की सुविधा
महिंद्रा कंपनी और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बीच हुए समझौते से सबसे अधिक फायदा छोटे वाणिज्यिक वाहनों को मिल सकेगा। इनमें इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स, फोर व्हीलर्स, क्वाड्रिसाइकिल आदि वाहन शामिल हैं। वहीं एमओयू के अनुसार इसमें महिंद्रा गु्रप के कैप्टिव फ्लीट एवं लास्ट माइल मोबिलिटी वाहन भी शामिल होंगे। समझौते के तहत जियो-बीपी महिंद्रा के वाहनों को अपने स्टेशनों पर भी कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
आगामी 5 वर्षों में महिंद्रा 16 इलेक्ट्रिक वाहन करेगी लांच
यहां यह भी बता दें कि महिंद्रा ग्रुप अगले पांच सालों में 16 नए इलेक्ट्रिक वाहन लांच करने जा रही है। इसकी घोषणा कंपनी ने कर दी है। महिंद्रा के अनुसार ये इलेक्ट्रिक वाहन एसयूवी और हल्के वाणिज्यिक वाहन इन दोनो ही श्रेणियों में होंगे। वहीं आगामी इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी से चलने वाली 8 एसयूवी होंगी। महिंद्रा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक बड़ी प्लानिंग कर रही है। इसके तहत कंपनी करीब 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी का यह भी मानना है कि अभी भारत में इलेक्ट्रिक सेगमेंट विकसित हो रहा है। कंपनी का यह भी कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास में सभी विकल्पों को खुला रखा गया है, वह इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य में कोई अवसर खोना नहीं चाहती।
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