प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम : भारी उद्योग मंत्रालय ने दावा किया मंजूर
केंद्र सरकार की ओर से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई) स्कीम को लागू किया हुआ है। प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने पीएलआई स्कीम का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। पहली बार चालू वित्त वर्ष 2024-25 में टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने स्कीम के तहत इंसेंटिव का दावा किया है और केंद्र सरकार ने उनका यह दावा मंजूर कर लिया है। भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कलपुर्जा उद्योग के लिए 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स द्वारा पेश किए गए 246 करोड़ रुपये के इंसेंटिव क्लेम (प्रोत्साहन दावों) को मंजूरी दे दी है। आइए, इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानिए क्या है पीएलआई स्कीम और क्लेम के लिए किन शर्तों को करना होगा कंप्लीट
ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए 15 सितंबर, 2021 को पीएलआई स्कीम स्वीकृत की गई थी। इस स्कीम को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है। योजना का उद्देश्य देश में एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलाजी (एएटी) वाले उत्पादों का उत्पादन को बढ़ाने के साथ ऑटोमोटिव सेक्टर में मजबूत सप्लाई चेन की स्थापना करना है। योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन फ्यूल सेल से संबंधित कंपोनेंट्स के लिए 13-18 प्रतिशत का प्रोत्साहन मिलता है। जबकि अन्य एएटी कंपोनेंट्स को 8 प्रतिशत और 13 प्रतिशत का प्रोत्साहन दिया जाता है। स्कीम के तहत इंसेंटिव का दावा कंपनी की ओर से तभी किया जा सकता है जब घरेलू स्तर पर उत्पादों में कम से कम 50 प्रतिशत का वैल्यू एडीशन और घरेलू व निर्यात दोनों ही स्तर पर बिक्री में बढ़ोतरी का लक्ष्य पूरा कर लिया गया हो।
महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने 2180 करोड़ रुपए की बिक्री पर किया इंसेंटिव का दावा
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई) स्कीम के तहत वाहनों में इलेक्ट्रिफिकेशन का लाभ महिंद्रा और टाटा मोटर्स को मिला है। दोनों कंपनियों ने कुल 2180 करोड़ रुपए की बिक्री पर इंसेंटिव का दावा किया है। टाटा मोटर्स ने वित्तवर्ष 2023-24 में टियागो ईवी, स्टारबस ईवी और ऐस ईवी के उत्पादन व बिक्री में बढ़ोतरी के लिए 142.13 करोड़ रुपए के इंसेंटिव का दावा किया है, जिनकी कुल बिक्री 1,380.24 करोड़ रुपए रही।
वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 104.08 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन दावा किया है, जो उनके इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों (e3W) ट्रेओ, ट्रेओ जोर और जोर ग्रैंड की बिक्री से संबंधित है। इनकी कुल बिक्री 800.59 करोड़ रुपए रही और कंपनी ने कुल 978.30 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
दावों की जांच के बाद ही मंत्रालय ने दी मंजूरी
भारी मंत्रालय के अनुसार दोनों कंपनियों ने 246 करोड़ रुपए के इंसेंटिव का दावा किया है। इन दावों को ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) द्वारा जारी की गई घरेलू मूल्य वृद्धि (DVA) प्रमाण पत्र द्वारा समर्थन प्राप्त है। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी की तरफ से इन दावों की जांच के बाद मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है।
ऑटोमोटिव सेक्टर में 20,715 करोड़ का इन्वेटमेंट
भारी उद्योग मंत्रालय के मुताबिक सितंबर 2024 तक पीएलआई स्कीम के तहत ऑटोमोटिव सेक्टर में 20,715 करोड़ रुपए का भारी इन्वेस्टमेंट हो चुका है। इस अवधि तक 10,472 करोड़ रुपए के उत्पादों की बिक्री हुई है। मंत्रालय के मुताबिक पहली बार चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पीएलआई स्कीम का लाभ कंपनियों को मिलने जा रहा है। भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने टाटा और महिंद्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि हाईटेक ऑटो टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने में इन दोनों कंपनियों का प्रमुख योगदान रहा है। उन्होंने अन्य कंपनियों को भी इस इंसेंटिव स्कीम का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
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