महिंद्रा इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर रहेगा फोकस
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। एक के बाद एक कंपनियों के बीच ईवी अपनाने के तहत समझौते और साझेदारी का दौर चल रहा है। इससे निकट भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से होने लगेगा। आपको बता दें कि देश की प्रमुख वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा की सहायक कंपनी महिंद्रा इलेक्ट्रिक ने ऑनलाइन सरकारी सेवा प्रदाता संगठन कॉमन सर्विस सेंटर के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों मेंं युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और ईवी संचालन को बढ़ावा देना है। आइए, जानते हैं महिंद्रा इलेक्ट्रिक और सीएससी के बीच हुए इस नवीन समझौते से कैसे मिलेगा ग्रामीण क्षेत्रों मेें युवाओं को रोजगार।
महिंद्रा के कई इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज आएगी
यहां बता दें कि महिंद्रा इलेक्ट्रिक की कॉमन सर्विस सेंटर्स के साथ हुई साझेदारी के तहत जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे वहीं महिंद्रा इलेक्ट्रिक ग्राहकों के लिए महिंद्रा ट्रियो, अल्फा जैसे कई मॉडलों की इलेक्ट्रिक श्रृंखला पेश करेगी। इस योजना के बारे में कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि सीएससी के साथ नये गठजोड़ के जरिए एमईएमएल ग्रामीण बाजारों में इच्छुक ग्राहकों को ट्रियो और अल्फा जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज लाएगी। कंपनी के सीईओ सुमन मिश्रा ने कहा कि इस तरह के गठजोड़ भारत में शिक्षित युवाओं के लिए एक गौरवपूर्ण आजीविका कमाने के लिए लाभकारी रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं। कंपनी का मानना है कि थ्री व्हीलर्स के साथ कमाई की क्षमता काफी अधिक है जबकि पारंपरिक ईंधन वाहनों की तुलना में रखरखाव सबसे कम है और पर्यावरण की दृष्टि से यह लाभदायक है।
ईवी मिशन को हासिल करने में मिलेगी मदद
महिंद्रा इलेक्ट्रिक की सीएससी के साथ साझेदारी का सबसे बड़ा लाभ भारत सरकार के ईवी मिशन को मिलेगा। इससे ईवी मिशन को हासिल करने में आसानी रहेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीएससी एक आसान संचालन की सुविधा के लिए ग्राम स्तरीय उद्यमियों की नियुक्ति करता है और वे ग्राहको और मूल उपकरण निर्माताओं के बीच संबंध बनाते हैं। इसके अलावा ग्राम स्तर के उद्यमियों द्वारा सरकार के ईवी मिशन को सफल बनाने के लिए लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके फायदे भी बताए जाएंगे।
पूरे देश में 4.7 लाख से अधिक वीएलई
यहां बता दें कि यदि भारत में ग्राम स्तरीय उद्यमियों की कुल संख्या के बारे में पता किया जाए तो कुल ग्राम स्तरीय उद्यमियों की संख्या 4.7 लाख से अधिक है जबकि सीएससी की संख्या 4.5 लाख के लगभग है। ग्रामीण ई मोबिलिटी कार्यक्रम पिछले एक साल सीएससी द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।
क्या है सीएससी ,जानें इसकी कार्यप्रणाली
महिंद्रा इलेक्ट्रिक की सीएससी से हुई साझेदारी से इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा वहीं इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे लेकिन सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर सीएससी यानि कॉमन सर्विस सेंटर क्या है? इस संबंध में बता दें कि भारत में करीब 130 करोड़ से अधिक की आबादी है। ऐसे में आए दिन सडक़ों पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। सरकार ने विभिन्न उपभोक्ता सेवाओं के बिल इत्यादि जमा कराने से लेकर कई तरह की सामान्य सेवाओं के लिए सीएससी की स्थापना की। भारत सरकार के डिजीटल इंडिया प्रोग्राम के तहत ग्राहक सेवा केंद्र भी खोले जा रहे हैं।
सीएससी का प्रमुख उद्देश्य
कॉमन सर्विस सेंटर्स खोलने का मुख्य उद्देश्य सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं को लोगों के घर-घर पहुंचाना, डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा नये कॉमन सर्विस सेंटर खोलने के साथ ही सीएससी वीएलई की सहायता करना है। इनके अलावा पांच डिजीटल कैंडिडेट की भर्तियां सुनिश्चित करना है। वहीं गांवों में बैंकिंग सेवाओं की जानकारी देना भी सीएससी की कार्यप्रणाली में शामिल है।
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