ईजियो Vs ई-जीओ का मामला : महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली राहत
महिंद्रा एंड महिंद्रा की सहायक कंपनी महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी को इलेक्ट्रिक कमर्शियल 4 पहिया वाहन “ई-जीओ” के ट्रेडमार्क के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली है। महिंद्रा के खिलाफ जेनसोल इलेक्ट्रिक ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिक दायर की थी जिसमें कहा गया कि “ईजियो” (eZio) उसका ट्रेडमार्क है और महिंद्रा “ई-जीओ” (eZEO) की बिक्री से व्यापारिक हितों को नुकसान पहुंचा रहा है और जनता को भ्रमित कर रहा है। मामले की सुनवाई के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी के पक्ष में फैसला सुनाया है और अब महिंद्रा ई-जीओ की बिक्री लगातार जारी रहेगी। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट से दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को समझते हैं।
ईजियो Vs ई-जीओ : जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेनसोल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा की सहायक कंपनी के इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहन “ई-जीओ” की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों कंपनियां अलग-अलग बाजार क्षेत्रों को टारगेट करती हैं और जेनसोल का वाहन अभी तक लॉन्च नहीं हुआ है, इसलिए कोई भ्रम पैदा नहीं होगा। कोर्ट ने अपने फैसले में महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी के कमर्शियल इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन “ई-जीओ” की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया ।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा कि महिंद्रा और जेनसोल के वाहन विभिन्न कैटेगरी के हैं और जनता के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। जेनसोल इंजीनियरिंग की सहायक कंपनी जेनसोल इलेक्ट्रिक ने महिंद्रा लास्ट के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि वह ट्रेडमार्क “ईजियो” (eZio) का मालिक है और महिंद्रा द्वारा “ई-जीओ” (eZEO) मार्क का उपयोग जनता को भ्रमित करेगा।
ईजियो (eZio) Vs ई-जीओ (eZEO) : दोनों वाहनों में यह है अंतर
जेनसोल का वाहन इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहन है, जबकि महिंद्रा का वाहन इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहन है। इनके शेप, साइज और कॉन्फिगरेशन के साथ-साथ संभावित ग्राहक भी अलग-अलग हैं। अदालत ने कहा "वर्तमान मामले में, भ्रम की संभावना बहुत कम है क्योंकि वादी (जेनसोल इलेक्ट्रिक) ने अपना वाहन बेचना भी शुरू नहीं किया है," न्यायमूर्ति बंसल ने कहा, "सुविधा का संतुलन भी इस स्तर पर अंतरिम निषेधाज्ञा न देने के लिए महिंद्रा के पक्ष में है, क्योंकि कंपनी ने पहले ही अपना उत्पाद लॉन्च कर दिया है जबकि जेनसोल को अभी अपना उत्पाद बाजार में लॉन्च करना है।"
जेनसोल ने अभी तक कोई भी वाहन लांच नहीं किया
अदालत ने कहा कि जेनसोल ने अभी तक मार्केट में 'ईजिओ' (eZio) मार्क वाला अपना वाहन लॉन्च नहीं किया है। यहां तक कि जेनसोल ने आज तक बाजार में कोई भी वाहन, चाहे वह वाणिज्यिक हो या अन्य, लॉन्च नहीं किया है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि जेनसोल के पास अपने वाहनों के संबंध में बाजार में कोई सद्भावना है। दूसरी ओर, महिंद्रा इलेक्ट्रिक "कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में एक प्रमुख् प्लेयर है और उसने अक्टूबर 2024 में महिंद्रा ई-जीओ (eZEO), नए इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन के लॉन्च की घोषणा की थी।
ट्रेडमार्क के नकल की संभावना से इनकार
न्यायमूर्ति बंसल ने कहा कि महिंद्रा द्वारा जेनसोल के चिह्न की नकल करने की संभावना बहुत कम है क्योंकि महिंद्रा ने पहले ही अपने वाहन के लॉन्च की घोषणा कर दी थी। हाईकोर्ट के अनुसार, "प्रतिवादी (महिंद्रा) ने 'जीरो एमिशन ऑप्शन' के संक्षिप्त रूप के रूप में 'ZEO/eZEO' चिह्न को अपनाया है जो उचित है। इसे महिंद्रा ने इलेक्ट्रिक वाहन के पर्यावरणीय लाभों को बताने के लिए गढ़ा था।"
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