महिंद्रा समूह ने महाराष्ट्र सरकार के साथ किया एमओयू पर हस्ताक्षर
वाणिज्यिक वाहन निर्माता महिंद्रा समूह ने महाराष्ट्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण करार किया है। इस समझौता ज्ञापन (MOU) के मुताबिक महिंद्रा समूह महाराष्ट्र मेें पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए स्क्रैपिंग इकाइयों की स्थापना करेगा। बता दें कि महिंद्रा एमएसटीसी रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड जो कि Cero ब्रांड के तहत रीसाइक्लिंग सुविधाओं का संचालन करती है उसके पास पुणे में रीसाइक्लिंग सुविधा है। अब महिंद्रा नागपुर, औरंगाबाद और नासिक में चार अतिरिक्त इकाइयां स्थापित करना चाहती है। आइए, जानते हैं महिंद्रा समूह की ओर से महाराष्ट्र में खोली जा रही नई स्क्रैपिंग इकाइयों के बारे में, वहीं इन स्क्रैपिंग इकाइयों से वाणिज्यिक वाहनों के कलपुर्जों को रिसाक्लिंग करने में कैसी मिलेगी मदद?
महिंद्रा समूह की वर्तमान में 11 रीसाइक्लिंग इकाइयां सक्रिय
महिंद्रा समूह की ओर से स्थापित किए जाने वाले स्क्रैपेज केंद्रों पर कानूनी और पर्यावरण के मानदंडों के अनुसार जीवन के अंत के दो तिहाई यात्री एवं वाणिज्यिक वाहनों की रिसाइक्लिंग प्रक्रिया से लैस होंगे। महिंद्रा एक्सेलो और एमएसटीसी जो कि इस्पात मंत्रालय के तहत भारत सरकार का एक उद्यम है इनके बीच एक संयुक्त उद्यम एमएसटीसी रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड की वर्तमान में देश के अनेक क्षेत्रों में 11 रीसाइक्लिंग इकाइयां हैं। अब महिंद्रा इसी तरह के सेंटर 25 स्थानों पर बढ़ाने की योजना बना रहा है।
वाहन स्क्रैप करने के लिए नेटवर्क होगा विकसित
महिंद्रा कंपनी की ओर से अब वाहनों को कबाड़ में बदलने के लिए स्क्रैपिंग इकाइयां खोली जा रही हैं। महाराष्ट्र सरकार से हुए एमओयू के तहत यहां इन इकाइयों की स्थापना के साथ कंपनी अपने सब डिवीजन Cero के जरिए महाराष्ट्र और पूरे भारत में विश्व स्तरीय नेटवर्क का विस्तार करेगी। महिंद्रा एक्सेलो के प्रबंध निदेशक सुमित इस्सर ने कहा कि हमारे केंद्र ग्राहकों को अपने वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से स्क्रैप करने के लिए एक मंच प्रदान करेंगे और नये वाहनों की खरीद पर लाभ हासिल करेंगे।
महिंद्रा की नई इकाइयों में प्रतिवर्ष 40,000 वाहन होंगे कबाड़
बता दें कि महिंद्रा की महाराष्ट्र में लगने जा रही नई स्क्रैपिंग इकाइयों में प्रतिवर्ष करीब 40,000 वाहनों को स्क्रैप किया जा सकेगा। कंपनी ने अपने सब डिवीजन Cero के तहत सरकार से जो एमओयू किया है उसके मुताबिक कंपनी की नासिक, औरंगाबाद और नागपुर में स्क्रैपिंग फैक्ट्रियां होंगी। इनमें प्रतिवर्ष 40,000 वाहन कबाड़ होंगे। देश में वाहन स्क्रैपिंग का बिजनेस बढ़ता जा रहा है। इस वजह से बड़ी वाहन कंपनियां इसमें एंट्री कर रही हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई में हाइवे, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक पर निवेश के अवसरों के आयोजन पर महिंद्रा ने यह एमओयू साइन किया है। इन फैक्ट्रियों में दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के अलावा पैसेंजर एवं कमर्शियल वाहनों को भी रीसायकल किया जाएगा।
स्क्रैपिंग पॉलिसी से नए वाहन होंगे 40 प्रतिशत सस्ते
केंद्र सरकार ने अगस्त 2021 में नई स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की। इस पॉलिसी में वाहनों के रियूज, रीसायकल और रिकवरी पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार की नई स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहनों की कीमत 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है। इसकी वजह यह होगी कि पुराने वाहनों से निकलने वाले कबाड़ से 99 प्रतिशत मेेटल को रिकवर किया जा सकेगा। इससे वाहन निर्माता कंपनियों के सामने चिप की समस्या भी दूर होगी। वहीं इलेक्ट्रिक सामान एवं वाहनों के लिए कॉपर, लीथियम जैसा सस्ता कच्चा माल इस स्क्रैपिंग से मिल सकेगा। इससे प्रोडक्ट सस्ता होगा।
छोटे कारोबारियों को मिलेगा लाभ
यहां बता दें कि केंद्र सरकार की नई कबाड़ नीति के कारण ऑटोमोबाइल उद्योग को करीब 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश मिलने की संभावना है। इससे स्क्रैप से जुड़े छोटे कारोबारियों को भी पॉलिसी का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही ऑटो क्षेत्र को भी व्यापक फायदा होगा। यही नहीं परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा है कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी ऑटोमोबाइल कंपनियों और उससे जुड़े सभी तरह के व्यवसायियों के लिए लाभदायक है। इससे स्क्रैपिंग उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं नये वाहनों की बिक्री से सरकार को जीएसटी के तौर पर भारी राजस्व प्राप्त होगा। नये स्टार्टअप से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
महिंद्रा के वाहन उत्पादन पर एक नजर
महिंद्रा कंपनी के नंवबर 2021 के प्रोडक्शन के आंकड़ों पर गौर करें तो कंपनी ने बीते माह यानि नवंबर 2021 में 18,261 यूनिट वाहनों का उत्पादन किया। यह अक्टूबर 2021 के 19, 286 यूनिट वाहनों के मुकाबले 5.3 प्रतिशत कम रहा। वहीं दूसरी तिमाही में कंपनी का उत्पादन 32, 000 यूनिट कम रहा। इसका कारण चिप की कमी रहा है। हालांकि एसयूवी उत्पादन में वृद्धि हुई है। दुनियाभर में चिप की कमी चल रही है। इससे भी महिंद्रा का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। कुल मिलाकर अब यह कंपनी अपनी सब डिवीजन कंपनी सीरो के साथ मिल कर स्क्रैपिंग क्षेत्र मेंं आगे बढ़ रही है। इसी के तहत कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार के साथ एमओयू हस्ताक्षर किए हैं।
नई स्क्रैप पॉलिसी में नया क्या?
यहां बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त 2021 में नई राष्ट्रीय कबाड़ नीति लागू करने की घोषणा की गई थी। इसके तहत 15 से 20 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाएगा। वाणिज्यिक वाहनों के लिए यह अवधि 15 साल होगी जबकि निजी वाहनों के लिए 20 साल मानी जाएगी। सरकार का दावा है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन मालिकों को न केवल आर्थिक नुकसान होगा बल्कि उनके जीवन की सुरक्षा हो सकेगी। इस पॉलिसी से दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। वहीं नये वाहन खरीदने पर स्क्रैप नीति के अंतर्गत दिए जाने वाले प्रमाण पत्र के आधार पर पंजीयन एवं रोड टैक्स में छूट दी जाएगी।
देश में हर साल 25,000 ट्रक हो जाते हैं कबाड़
यदि ट्रकों के स्क्रैपिंग की बात की जाए तो एक आंकड़े के मुताबिक भारत में हर वर्ष करीब 25,000 ट्रक कबाड़ में बदल जाते हैं लेकिन इनकी स्क्रैपिंग सही तरीके से नहीं हो पाती। अब नई पॉलिसी के तहत आधुनिक स्क्रैपिंग सेंटर्स पर पुराने ट्रकों एवं अन्य वाहनों की स्क्रैपिंग की जा सकेगी। इसके बाद वाहन मालिकों को सरकार की ओर से मान्य प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाता है।
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