सड़क हादसों को कम करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की पहल
देश में सड़क हादसों की बढ़ती तादाद से चिंतित केंद्र सरकार कमर्शियल वाहनों में ज्यादा से ज्यादा सेफ्टी फीचर्स जोड़ने पर विचार कर रही है। इसी संदर्भ में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है। नए नोटिफिकेशन के अनुसार, अब देश में बिकने वाली गाड़ियों को और भी अधिक सुरक्षित बनाया जाएगा। विशेष रूप से, देश में बिकने वाले ट्रक, बसों और लाइट कमर्शियल व्हीकल्स में अतिरिक्त सुरक्षा फीचर्स जोड़े जाएंगे, ताकि उनकी सुरक्षा को और बेहतर किया जा सके। आइए, ट्रक जंक्शन के साथ इस खबर को विस्तार से जानें।
जानिए क्या कहता है नोटिफिकेशन्स
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गाड़ियों में सेफ्टी फीचर्स को और बेहतर बनाने के लिए एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके अनुसार, गाड़ियों में अब और भी सेफ्टी फीचर्स जोड़े जाएंगे। हालांकि, कुछ फीचर्स जैसे रियर व्यू सिस्टम, ब्लाइंड स्पॉट इंफॉर्मेशन सिस्टम, गार्ड रेल और रब स्ट्रिप को गाड़ी के डाइमेंशन में शामिल नहीं किया जाएगा। 1 अप्रैल, 2026 से सभी गाड़ियों में ABS (एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम) और अन्य जरूरी ब्रेकिंग सिस्टम होना अनिवार्य होगा। 1 अक्टूबर, 2026 से सभी नए और मौजूदा गाड़ियों में नए सेफ्टी फीचर्स की जरूरत होगी।
इन फीचर्स को किया जाएगा अनिवार्य
- EBS टेस्ट : सभी गाड़ियों में EBS (Endurance Braking System) टेस्ट करना अनिवार्य होगा। इस टेस्ट में वाहन के ब्रेकिंग सिस्टम की क्षमता और दीर्घकालिक प्रदर्शन की जांच की जाती है। यह टेस्ट विशेष रूप से मालवाहन (Commercial Vehicles) और भारी गाड़ियों के लिए किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका ब्रेकिंग सिस्टम सुरक्षित, प्रभावी और टिकाऊ है।
- मालवाहक गाड़ियों में ABS : N2 कैटेगरी की मालवाहक गाड़ियों में ABS (एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) होना अनिवार्य होगा। ABS एक सुरक्षा फीचर है जो गाड़ी के पहियों को लॉक होने से रोकता है, खासकर तेजी से ब्रेक लगाने पर। यह सुनिश्चित करता है कि गाड़ी ब्रेक लगाते समय अपनी दिशा और नियंत्रण को बनाए रखे।
- Vehicle Stability Function और EBS : M2, M3, N2 और N3 कैटेगरी गाड़ियों में इन फीचर्स का होना जरूरी होगा। VSF एक सेफ्टी सिस्टम है, यह सिस्टम विशेष रूप से तब काम आता है जब वाहन के पहिए फिसलने, स्किड करने या ओवरस्टियर/अंडरस्टियर जैसी स्थितियों में होते हैं। यह वाहन के ब्रेकिंग और स्टीयरिंग सिस्टम को नियंत्रित करता है।
- लेन डिपार्चर वॉर्निंग सिस्टम : यह एक आधुनिक सुरक्षा फीचर है जो वाहन के लेन से बाहर जाने पर ड्राइवर को अलर्ट करता है। यह सिस्टम खासकर हाईवे पर उपयोगी होता है, जहां ड्राइवर को अपनी लेन में बने रहना महत्वपूर्ण होता है। यह फीचर सभी गाड़ियों में लागू किया जाएगा।
- Driver Drowsiness और Attention Warning Systems : बड़ी गाड़ियों में इन फीचर्स का भी ऐड किया जाएगा। Driver Drowsiness सिस्टम ड्राइवर की थकान या नींद की स्थिति को पहचानता है। जब ड्राइवर लंबे समय तक ड्राइविंग करता है या थक जाता है, तो यह सिस्टम उसे अलर्ट करता है ताकि वह आराम ले सके और सड़क पर दुर्घटनाओं से बच सके। जब ड्राइवर का ध्यान कहीं और होता है या वह सही तरीके से वाहन नहीं चला रहा होता, तो Attention Warning System उसे सचेत करता है।
- ब्लाइंड स्पॉट इंफॉर्मेशन सिस्टम और मूविंग ऑफ इंफॉर्मेशन सिस्टम : ये दोनों फीचर्स भी अनिवार्य होंगे। ब्लाइंड स्पॉट इंफॉर्मेशन सिस्टम (BSIS) और मूविंग ऑफ इंफॉर्मेशन सिस्टम (MOIS) दोनों ही सुरक्षा प्रणालियां हैं जो ड्राइवरों को अपने वाहन के आसपास के क्षेत्र में मौजूद खतरों के बारे में सूचित करती हैं, खासकर पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए।
संबंधित पक्षों से सुझाव व आपत्तियां मांगी
केंद्र सरकार ने कमर्शियल वाहनों में इन बदलावों के लिए सभी पक्षों से 30 दिनों के भीतर सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं। यह बदलाव गाड़ियों को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए हैं, ताकि सड़क पर यात्रा करना और भी सुरक्षित हो सके।
अगर आप अपने बिजनेस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए कमर्शियल वाहन खरीदना चाहते हैं तो ट्रक जंक्शन पर भरोसा कर सकते हैं। यहां ट्रक, पिकअप, टिपर, ट्रेलर, टैंपो ट्रैवलर, मिनी ट्रक, ट्रांजिट मिक्सर और इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध है। आप अपनी पंसद के अनुसार बेस्ट हैवी कमर्शियल वाहन चुन सकते हैं। साथ ही ऑफर, लोन व ईएमआई सुविधा के लिए ट्रक जंक्शन पर विजिट कर सकते हैं।
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