ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे से बदलेगी तस्वीर, इन राज्यों को होगा फायदा
किसी भी देश-प्रदेश का विकास उसकी सड़कों को देखकर समझा जा सकता है। ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश के संदर्भ में सटीक बैठता है। देश में तेजी से चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का सबसे ज्यादा फायदा मध्य प्रदेश को मिल रहा है। फोरलेन, हाइवे, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से मध्यप्रदेश की दिशा और दशा बदल रही है। 4 एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाले हैं। जिनकी लंबाई 660 किलोमीटर होगी। इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से मध्यप्रदेश की 6 राज्यों से बेहतर कनेक्टिविटी संभव हो सकेगी।
ये चार एक्सप्रेस वे बदलेंगे मध्यप्रदेश की सूरत
देशभर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत प्रमुख शहरों को हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के जरिए जोड़ने की कवायद की जा रही है। सरकार की इस योजना के तहत देशभर में 25 हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाए जाना प्रस्तावित है। फिलहाल 7 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का काम चल रहा है, उनमें से 4 मध्य प्रदेश से गुजर रहे हैं। इनकी कुल लंबाई करीब 660 किमी हो सकती है जो करीब 6 राज्यों से जुड़ रहे हैं। इनके निर्माण से मध्यप्रदेश के विकास को पंख लग जाएंगे। क्योंकि मध्यप्रदेश की प्रमुख शहरों से
कनेक्टिविटी शानदार तरीके से होगी। ये एक्सप्रेस वे इस प्रकार है :
- इंदौर कोटा एक्सप्रेस व
- चंबल एक्सप्रेस वे
- इंदौर- हैदराबाद एक्सप्रेस वे
- दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे
इंदौर कोटा एक्सप्रेस वे
इंदौर-कोटा एक्सप्रेस वे का सबसे अधिक फायदा पढ़ाई करने वाले युवाओं को मिलेगा। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर, देश के एजुकेशन हब कोटा से जुड़ जाएगी। 135 किमी लंबे एक्सप्रेस वे के जरिए जहां कोटा का मध्य प्रदेश के इंडस्ट्रियल हब से जुड़ाव होगा, वहीं इंदौर एजुकेशन हब से जुड़ जाएगा।
चंबल एक्सप्रेस वे
चंबल एक्सप्रेस वे जिसे कोटा-इटावा एक्सप्रेस वे भी कहा जाता है, इसकी कुल लंबाई 417 किमी है। यह एक्सप्रेस वे राजस्थान के कोटा से शुरू होता है और मध्य प्रदेश के रास्ते होते हुए यूपी के इटावा तक जाकर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से जोड़ता है। इस परियोजना से गोल्डन कॉरिडोर से क्रॉस-कनेक्टिविटी मिलेगी। गोल्डन कॉरिडोर का दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर के साथ नार्थ साउथ कॉरिडोर के साथ ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के साथ जुड़ाव होगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश के जरिए ये दिल्ली-मुंबई-एक्सप्रेस-वे के साथ कानपुर से कोटा के लिए अलग सड़क से जोडे़गा।
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस वे
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस वे पर करीब 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें 768 किमी की सड़क मप्र के खंडवा, बुरहानपुर से होकर जलगांव से नांदेड़ होकर महाराष्ट्र व तेलंगाना तक जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद इंदौर से हैदराबाद की दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2025 रखा गया है। इस एक्सप्रेस वे के जरिए मध्यप्रदेश कई अन्य राज्यों से बेहतर कनेक्ट हो जाएगा।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 1386 किमी है, लेकिन मध्य प्रदेश के तीन जिलों मंदसौर, रतलाम और झाबुआ से इसका करीब 244 किलोमीटर हिस्सा गुजर रहा है। मध्य प्रदेश के पूरे हिस्से पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर सफर शुरू हो चुका है। यह एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश को महाराष्ट्र, दादर नगर हवेली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से जोड़ रहा है।
मध्यप्रदेश में इन चार एक्सप्रेस का निर्माण पूरा होने के बाद एमपी के प्रमुख शहरों का अन्य राज्यों से जुड़ाव संभव हो सकेगा और मध्यप्रदेश् के विकास को रफ्तार मिल सकेगी।
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