ड्राइवर पर 10% और यात्री पर 5% तक लगेगा जुर्माना, किराए में भी होंगे बदलाव
देश के अधिकांश बड़े शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए ओला-उबर-रेपिडो जैसी ऐप आधारित सेवाओं का बड़े स्तर पर उपयोग हो रहा है। प्रतिदिन लाखों लोग ऐप के माध्यम से ऑटो/कैब बुक करते हैं और अपने निर्धारित स्थान तक पहुंचते हैं। कई बार ऐसा देखने में आया कि वाहन की बुकिंग करने के बाद उसे अन्य कारणों से रद्द कर दिया जाता है। ऐसा यात्री व ड्राइवर दोनों की ओर से होता है। अब ऐसा करने पर सरकारी नियमों के अनुसार जुर्माना लगेगा। सरकार ने सख्त नियम बना दिए हैं जिनकी पालना के लिए कार्रवाई शुरू की गई है। आइए, इस खबर के बारे में जानते हैं।
ओला-उबर पर लागू होंगे सरकार के नए सख्त नियम
अब ओला-उबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं पर अनावश्यक बुकिंग रद्द करने की कीमत चुकानी पड़ेगी। महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में कैब एग्रीगेटर नीति (Cab Aggregator Policy) पर औपचारिक रूप से सरकारी निर्णय (GR) जारी कर दिया है। इस नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और इसका मकसद ड्राइवरों और यात्रियों दोनों के लिए पारदर्शी और अनुशासित व्यवस्था स्थापित करना है।
जानिए बुकिंग रद्द करने पर कितना लगेगा जुर्माना
यदि कोई ड्राइवर ऐप पर बुकिंग स्वीकार करने के बाद यात्रा रद्द करता है, तो उस पर कुल किराए का 10% या ₹100 (जो भी कम हो) का जुर्माना लगेगा। यह राशि सीधे यात्री के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। अगर कोई यात्री बिना किसी वैध कारण के राइड रद्द करता है, तो उस पर कुल किराए का 5% या ₹50 (जो भी कम हो) का जुर्माना लगेगा, जो ड्राइवर को दिया जाएगा।
किराए और दूरी को लेकर भी नए मानदंड निर्धारित
महाराष्ट्र सरकार के GR में किराए और दूरी को लेकर भी स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं। इनके अनुसार ऑटो/कैब किराए की दरें आरटीओ द्वारा तय की गई आधार दरों पर आधारित होंगी। कम डिमांड के समय किराए में अधिकतम 25% की छूट दी जा सकती है। ज्यादा डिमांड के समय किराया आधार दर से 1.5 गुना से ज्यादा नहीं हो सकता। न्यूनतम यात्रा दूरी अब 3 किलोमीटर होगी। ड्राइवर को कुल किराए का कम से कम 80% हिस्सा देना अनिवार्य होगा।
एग्रीगेटर को इन बातों का भी रखना होगा ध्यान
जीआर में कहा गया है कि हर एग्रीगेटर (जैसे ओला-उबर) के पास एक ऐप/वेबसाइट होनी चाहिए जो महाराष्ट्र में ऐप-आधारित वाहनों के लिए सुरक्षा मानकों को पूरा करती हो। सेवाओं को इस ऐप/वेबसाइट के माध्यम से संचालित किया जाना चाहिए। एग्रीगेटर ऐप या वेबसाइट पर GPS ट्रैकिंग, आपातकालीन संपर्क, और ड्राइवर की बैकग्राउंड वेरिफिकेशन अनिवार्य की गई है। शिकायत समाधान के लिए त्वरित प्रणाली रखना जरूरी होगा, ताकि यात्रियों और ड्राइवरों की समस्याओं का तुरंत निपटारा हो सके। सभी ड्राइवरों को लाइसेंस नवीनीकरण के समय मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। यात्रियों और ड्राइवरों दोनों के लिए बीमा कवर की व्यवस्था जरूरी होगी।
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