ई-एम्बुलेंसों के प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों को अंतिम रूप देने में जुटा भारी उद्योग मंत्रालय
देश में ग्रीन मोबिलिटी और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस योजना के तहत 31.03.2026 तक दो वर्षों की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये का परिव्यय किया जाएगा। योजना में ई-एम्बुलेंस के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह आरामदायक रोगी परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नई पहल है। अब ताजा अपडेट के अनुसार केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक एंबुलेंस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन लागत पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। इस संबंध में जल्द ही अंतिम निर्णय सामने आएगा।
हर साल 25 हजार नई एंबुलेंस की जरुरत
भारत में रोगियों को अस्पताल तक पहुंचाने में एंबुलेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्तमान में देश में 86 हजार एंबुलेंस रजिस्टर्ड है। ये एंबुलेंस 7 साल की अवधि तक चलती है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एंबुलेंस की मांग लगातार बढ़ रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत हर साल 25 हजार एंबुलेंस खरीदी जाती है। ऐसे में ई-एंबुलेंस के लिए अच्छा स्कोप है। विकसित देशों जैसे अमेरिका, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, यूके और जापान में ई-एंबुलेंस का उपयोग किया जाता है। ये एंबुलेंस एक बार फुल चार्ज होने पर 150 से 320 किमी की रेंज देती है। इलेक्ट्रिक एंबुलेंस को बढ़ावा देकर शून्य कार्बन उत्सर्जन जैसे लक्ष्यों की ओर सभी बढ़ा जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से परामर्श के बाद दिया जाएगा अंतिम रूप
केंद्र पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए दिशा निर्देश तैयार कर रहा है। ई-एम्बुलेंसों के प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों को स्वास्थ्य और सड़क परिवहन मंत्रालयों के परामर्श से भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से परामर्श के बाद इन दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दिया जाएगा। सब्सिडी वाहन की बैटरी की क्षमता के अनुसार होगी। यह सब्सिडी इलेक्ट्रिक वाहन की लागत पर 30% तक होगी।
हाईब्रिड और इलेक्ट्रिक एंबुलेंस का होगा विकास
सरकार की इस प्रोत्साहन योजना से देश में हाईब्रिड इंजन और ई-एंबुलेंस के विकास को नई राह मिलेगी। भारत में वर्तमान में दोपहिया वाहनों से लेकर रोगी परिवहन वाहनों, बुनियादी और उन्नत जीवन रक्षक वेरिएंट तक चार प्रकार की एम्बुलेंस हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सब्सिडी केवल रोगी परिवहन, बुनियादी और उन्नत जीवन रक्षक वाहनों के लिए होगी। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) को उम्मीद है कि इस प्रोत्साहन की घोषणा के बाद से घरेलू इंडस्ट्री रोगी परिवहन के लिए हाइब्रिड इंजन से चलने वाली एम्बुलेंस और बड़ी जीवन रक्षक एम्बुलेंस के लिए इलेक्ट्रिक सिस्टम विकसित करेगा।
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