क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने किराए संशोधन की प्रक्रिया शुरू की
देश के हर शहर में ऑटो रिक्शा चालकों की किराया दर अलग-अलग है। कई शहरों में लंबे समय से किराया दर का निर्धारण नहीं किया गया है। ऐसे में मनमाना किराया वसूलने की शिकायत सामने आती रहती है। अब ऑटो रिक्शा किराया के संबंध में राहत भरी खबर है। 12 साल बाद देश के इस प्रमुख शहर में ऑटो-रिक्शा और कैब का नया किराया तय किया जा रहा है, जिससे मनमाने किराए वसूले जाने पर रोक लग सकेगी। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने किराए संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और एक अहम बैठक बुलाई गई है, जिसमें ऑटो और टैक्सी यूनियनों के साथ किराया निर्धारण पर चर्चा की जाएगी।
साल 2013 के बाद तय नहीं हुआ नया किराया
राजस्थान की राजधानी जयपुर में साल 2013 में ऑटो रिक्शा किराया तय हुआ था। ऑटो रिक्शा चालक उसी के आधार पर किराया वसूल रहे हैं। अब जयपुर महानगर तिपहिया वाहन चालक संघ (JMTVCU) ने परिवहन विभाग को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने किराए की नई दरों का प्रस्ताव रखा है। इसके अनुसार पहले किलोमीटर के लिए ₹30, उसके बाद हर अतिरिक्त किलोमीटर के लिए ₹14, रात्रि सेवा पर 25% अतिरिक्त शुल्क, एक सामान के फ्री लदान के बाद ₹10 प्रति सामान का शुल्क और प्रतीक्षा के लिए ₹40 शुल्क की बात कही गई है।
संघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने बताया कि आखिरी बार किराया 2013 में तय किया गया था, जिसमें 3 किमी का किराया ₹15 और हर अतिरिक्त किमी पर ₹5.60 निर्धारित था। तब से अब तक ईंधन, रखरखाव और जीवनयापन की लागत में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है, लेकिन किराया उसी दर पर बना हुआ है।
49,000 से ज्यादा ऑटो-रिक्शा, पीक ऑवर्स में ज्यादा किराया वसूली
जयपुर में करीब 49,780 ऑटो-रिक्शा और हजारों टैक्सियां चल रही हैं। किराए में वृद्धि न होने की वजह से ऑटो और टैक्सी चालक मनमर्जी से किराया वसूलते हैं, खासकर पीक ऑवर्स यानी सुबह-शाम के समय। इससे यात्रियों को अक्सर अधिक पैसे चुकाने पड़ते हैं। वहीं, ओला, उबर और रेपिडो जैसी ऑनलाइन कैब सेवाओं के आने के बाद प्रतिस्पर्धा और किराया भिन्नता और बढ़ गई है।
आरटीओ की बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
आरटीओ की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। इसमें तय होगा कि अब सभी ऑटो-रिक्शा और कैब मीटर से ही किराया वसूलें, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही, ड्राइवरों के लिए वर्दी पहनना, बीमा और वैध ड्राइविंग लाइसेंस रखना अनिवार्य होगा। प्रीपेड टैक्सी, स्टेज कैरिज और कॉन्ट्रैक्ट बसों का भी किराया तय करने की योजना है। बैठक के बाद किराया निर्धारण से जुड़ा प्रस्ताव परिवहन मुख्यालय को भेजा जाएगा। वहां से अधिसूचना जारी होने के बाद, सभी ऑटो और कैब को निर्धारित दरों पर ही सेवाएं देनी होंगी, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्णय जयपुर के यात्रियों और चालकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, बशर्ते इसे सख्ती से लागू किया जाए।
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