लाल सागर में हूती हमले से सप्लाई प्रभावित, कच्चे तेल और वाहनों की कीमतों पर असर
लाल सागर में हूती हमलों का असर अब भारत के आयात एवं निर्यात पर भी देखने को मिल रहा है। हाल ही में ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों ने समुद्री मालवाहक जहाजों पर हमला किया है। जिससे एशियाई देशों से होने वाले आयात-निर्यात के साथ दुनिया भर की सप्लाई चेन पर असर पड़ रहा है। इस हमले की वजह से कच्चे तेल और वाहन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स की सप्लाई पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि आशंका जाहिर की जा रही है कि इस हमले से भारत में आने वाले कच्चे तेल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों और वाहन निर्माण के लिए जरूरी आयातित सामानों की कीमतों पर असर पड़ेगा।
भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है लाल सागर
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के दृष्टिकोण से लाल सागर भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारत के व्यापार में यह समुद्री मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूरोप से भारत आने और जाने वाले जहाजों के लिए सबसे आसान रास्ता है। भारतीय जहाजों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने इंडियन नेवी को अलर्ट किया है और भारतीय नौसेना के कई जहाज लाल सागर में गश्त करते हुए दिख रहे हैं।
आयात-निर्यात की बढ़ी लागत
कमर्शियल शिप्स पर आतंकियों के हमले से आयात और निर्यात प्रभावित हो रहा है। हमले की वजह से दुनिया के सबसे व्यस्त जल मार्ग में ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ा है। इससे माल ढुलाई की लागत में बढ़ोतरी हुई है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि लाल सागर संकट की वजह से सुरक्षित परिवहन के लिए अब जहाज भेजने वाले लंबा रास्ता अपना रहे हैं। ऑटो सेक्टर पर इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है। इसने भारतीय शिपमेंट को प्रभावित करना शुरू कर दिया है, जो भारतीय सरकार के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है।
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