जानिए, नए वाहनों पर टैक्स छूट पाने का तरीका, उठाएं सरकार की पॉलिसी का लाभ
भारत में बढ़ते प्रदूषण और दुर्घटना को देखते हुए सरकार ने पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए वाहन स्क्रैपिंग नीति पर काम तेज कर दिया है। इस नीति का उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले और सड़क उपयोग के लिए अयोग्य हो चुके वाहनों को हटाना है। इसके लिए पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर ग्राहकों को टैक्स में छूट मिल सकती है। सरकार ग्राहकों को नए वाहनों की खरीद पर टैक्स में छूट प्रदान करेगी, जिससे उनकी लागत में और भी कमी आएगी।
तीन कंपनियों ने दिखाई स्क्रैपिंग सुविधाएं शुरू करने में दिलचस्पी
सरकार की इस पहल के तहत, तीन कंपनियों ने पहले ही वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी को एस्टेबलिश करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। जल्द ही राज्य सरकार से इस नीति को मंजूरी दी जाएगी, जिसके बाद स्क्रैपिंग फैसिलिटी भी शुरू हो जाएगी। संयुक्त परिवहन आयुक्त सी रमेश ने बताया कि इस नीति को जल्द ही लागू किया जाएगा। जिससे वाहनों की स्क्रैपिंग ज्यादा से ज्यादा हो सके और प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को हटाया जा सके।
सरकारी वाहनों पर भी होगी कार्रवाई
तेलंगाना ऑटो और मोटर वेलफेयर यूनियन के महासचिव एम दयानंद ने सरकार की इस नीति के संदर्भ में बताया कि निजी वाहनों के साथ-साथ पुराने सरकारी वाहनों पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। 15 साल या उससे ज्यादा समय से उपयोग में आ रहे सरकारी वाहन, जैसे कि जीएचएमसी ऑटो, टिपर, एम्बुलेंस, फायर इंजन और आरटीसी बसें भी प्रदूषण को बढ़ा रही है इसलिए पुराने सरकारी वाहनों को भी स्क्रैप करने की प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए ताकि सड़कों पर प्रदूषण को कम किया जा सके।
एक्सीडेंट पर भी होगा नियंत्रण
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 15 साल या उससे अधिक पुराने वाहनों से सड़कों पर हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है। 2022 में, राज्य में ऐसे वाहनों के कारण 1,306 एक्सीडेंट हुईं, जिसमें 418 लोगों की जान गई। यह आंकड़े बताते हैं कि पुराने वाहनों के कारण सड़क सुरक्षा एक गंभीर समस्या बन रही है, जिसे सरकार जल्द ही नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
यांत्रिक खामियों से बढ़ता हादसों का खतरा
विशेषज्ञों का मानना है कि 15 साल से पुराने वाहनों में यांत्रिक खामियां ज्यादा होती हैं। इन वाहनों में ब्रेक फेल होने की समस्या आम है, जिससे चालक की वाहन को सुरक्षित रोकने की क्षमता पर असर पड़ता है। इसके अलावा, क्लच और गियर शिफ्टिंग भी कठिन हो जाती है, जिससे वाहन का नियंत्रण खोने का खतरा बढ़ जाता है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ विनोद कनुमाला का कहना है कि ऐसे वाहनों को सड़कों से हटाना न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है।
स्क्रैपिंग से नए वाहनों की कीमतें होंगी और भी कम
पुराने वाहन स्क्रैप करने पर नए वाहनों की खरीद पर टैक्स में छूट मिल सकती है, जिससे ग्राहकों के लिए नए वाहन खरीदना सस्ता होगा। यह नीति न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करेगी, बल्कि सड़कों पर होने वाले हादसों को भी कम करने में सहायक होगी।
निष्कर्ष
वाहन स्क्रैपिंग नीति का उद्देश्य न केवल प्रदूषण कम करना है, बल्कि सड़क सुरक्षा को भी बेहतर बनाना है। इस नीति के तहत पुराने और अयोग्य वाहनों को हटाने से न केवल ग्राहकों को नए वाहनों की कीमतों में कमी मिलेगी, बल्कि सड़कों पर होने वाले हादसों की संख्या भी कम होगी।
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