ईवी चार्जिंग स्टेशन : तेलंगाना सरकार बीओटी बेस पर करेगी संचालित
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में जैसे-जैसे वृद्धि हो रही है वैसे-वैसे ईवी रिचार्ज स्टेशनों की आवश्यकता भी बढ़ रही है। देश के कई राज्यों में सरकारें इस कार्य में पूरा सहयोग प्रदान कर रही हैं। इसके साथ ही प्राइवेट सेक्टर भी ईवी इंफ्रास्ट्रैक्चर में रुचि ले रहा है। बता दें कि हैदराबाद और तेलंगाना के कई जिलों इलेक्ट्रिक वाहन रिचार्ज स्टेशन खोले जाने के लिए योजनाएं तैयार हो चुकी हैं। तेलंगाना सरकार प्राइवेट इलेक्ट्रिक वाहन रिचार्ज स्टेशनों को बीओटी मॉडल के अंतर्गत संचालित करने की योजना बना रही है। वहीं हैदराबाद में भी चार्जिंग स्टेशन खुलेंगे। आइए, आपको बताते हैं हैदराबाद और तेलंगाना में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की योजनाओं किस तरह से मिलेगा स्थानीय ईवी संचालकों को लाभ?
तेलंगाना सरकार शुरू करेगी 600 ईवी स्टेशन
बता दें कि तेलंगाना राज्य अक्षय ऊर्जा विकास निगम के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एन. जनैया ने कहा है कि राज्य में 600 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए आवश्यक कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं TSERDCO ने तेलंगाना में 138 इलेक्ट्रिक वाहन रिचार्ज स्टेशनों पर कार्य आरंभ कर दिया था। इनमें 118 स्टेशन हैदराबाद में होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों में 5500 नये इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्टे्रेशन किया गया। हैदराबाद में इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ोतरी का बड़ा कारण शहर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल के कारण हो सकती है।
ये है तेलंगाना सरकार की ईवी पॉलिसी
यहा बता दें कि हर राज्य की इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी तैयार हो चुकी है। कई राज्य इसे लागू भी कर रहे है। वहीं कुछ प्रदेशों में ईवी नीति को लेकर संबंधित सरकारों ने प्रारूप तैयार कर लिया है। तेलंगाना सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ईवी नीति लागू करने की घोषणा कर दी है। इसके अंतर्गत सरकार पहले 2 लाख दोपहिया वाहनों के पंजीयन और रोड टैक्स पर 100 प्रतिशत छूट देगी। सरकार ने इस इलेक्ट्रिक वाहन नीति को 2020 से 2030 तक लागू करने की घोषणा की है।
ईवी नीति से 1 लाख 20,000 लोगोंं को मिलेगा रोजगार
तेलंगाना सरकार की ईवी नीति से रोजगार के अवसर भी काफी बढ़ेेगे। सरकार का कहना है कि अगले 10 सालों में तेलंगाना में 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जाएगा। इससे करीब 1 लाख 20 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। वहीं सरकार का यह भी मानना है कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को भी रियायतें दी जा रही हैं। राज्य सरकार तेलंगाना को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उपयोग में पहले स्थान पर लाना चाहती है।
बैटरी उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
तेलंगाना सरकार द्वारा जारी की गई ईवी नीति के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ावे के साथ ही राज्य में बैटरी उद्योगों में भी वृद्धि होगी। इसके लिए कंपनी बैटरी बनाने वाली कंपनियों को निवेश के जरिए आकार्षित कर रही है। सरकार बैटरी कंपनियों को यह अवसर भी देना चाहती है कि वे इस क्षेत्र में शोध एवं अनुसंधान के लिए कार्य करें। इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अंतर्गत प्रदेश में चार्जिंग के बुनियादी ढांचे के निर्माण की योजना बनाई गई है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इन चार्जिंग स्टेशनों में कई प्रकार की सुविधाएं भी शामिल होंगी। यहीं नहीं इस नीति के चलते पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत प्लांट और मशीनरी पर 200 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च होगा। इसमें चरणबद्ध तरीके से कार्य होगा। यहां यह भी बता दें कि हाल ही तेलंगाना सरकार ने पांच कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। ये कंपनियां सरकार के साथ मिल कर प्रदेश में ईवी के इंफ्रास्ट्रैक्चर के विकास पर काम करेंगें।
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