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12 अक्टूबर 2021

वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई तिगुनी 

By News Date 12 Oct 2021

वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में इलेक्ट्रिक वाहनों  की बिक्री हुई तिगुनी 

बैटरी की कम कीमतें कर रहीं बिक्री में बढ़ोतरी 

इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों का रुझान लगातार बढ़ता जा रहा है। एक तरफ राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी सहित कई तरह की छूट दे रही हैं वहीं दूसरी ओर इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादक कंपनियां भी ग्राहकों की जरूरतोंं के हिसाब से उत्तम क्वालिटी की बैटरी और अन्य रियायतों के साथ बिजनेस कर रही हैं। दोपहिया वाहनों से लेकर ट्रक, पिकअप, मिनी ट्रक, थ्री व्हीलर, कार आदि चौपहिया और अधिक पहियों वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ऑटो मार्केट में आ रहे हैं। यही नहीं इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग का इंस्फ्रास्ट्रैक्चर भी बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली छमाही  में करीब तीन गुना बढ़ गई है। आइए जानते हैं क्या हैं इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के प्रति बढ़ते क्रेज के मुख्य कारण। 


ये हैं इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढऩे के मुख्य कारण 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री एकाएक नहीं बढ़ी है। इसके पीछे कई ऐसे कारण हैं जो इन वाहनों की बिक्री को लगातार बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ई वाहनों की बिक्री में उछाल का श्रेय ग्राहकों की बढ़ती मांग और इसकी समय रहते सप्लाई होना है। इसके अलावा ग्राहकों की शो रूमों तक बेहतर पहुंच, अच्छा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रैक्चर, संघीय प्रोत्साहन के कारण पारंपरिक वाहनों के साथ मूल्य समानता और गिरती बैटरी की कीमतें बिक्री को बढ़ा रही हैं। 


कम समय में अधिक कामयाबी 

आपको मालूम ही है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन कुछ वर्षों पहले ही शुरू हुआ है लेकिन जैसा कि  चीनी कहावत है कि एक हजार मील की यात्रा भी एक छोटे कदम से शुरू होती है। यह कहावत संभवत: छठी शताब्दी की है लेकिन आज भी यह अनेक जगह सही चरितार्थ होती नजर आती है। ऐसा लगता है कि इस साल भारत के इलेक्ट्रिक उद्योग ने एक महत्पपूर्ण कदम उठाया है। 


ई-वाहनों की बढ़ती बिक्री एक बड़े बदलाव का संकेत 

यहां बता दें कि सांख्यिकीय तौर पर अभी इलेक्ट्रिक उद्योग का आधार लगभग नगण्य है लेकिन यदि बिक्री डेटासेट को इलेक्ट्रिोनिक माइक्रोस्कोप के तहत बढ़ाया जाता है। लेकिन यह विस्तार हो रहा है, शायद यह किसी बड़े बदलाव की ओर से संकेत करता है। यहां बता दें कि यूरोप में समृद्ध इलाकों में और उत्तरी अमेरिका में पूर्व समुद्री तट पर 20 वीं शताब्दी के मोड़ पर गैसोलीन से चलने वाले इंजनों ने घोड़े से खींची जाने वाली गाडियों को बदल दिया।  वास्तव में वित्तीय वर्ष 2022 पहली छमाही में ईवी की बिक्री तीन गुना से अधिक यानि 1.18 लाख यूनिट हो गई। इसके अलावा  ऑटोमोबाइल कंपनियों के सामने चिप की कमी लगातार बनी होने के बावजूद कारों की बढ़ी कीमत को भी इनकी बिक्री ने दबा दिया है। 


इन कंपनियों ने दिखाया उत्साह 

यहां आपको बता दें कि भारत में बढ़ती इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के लिए टाटा मोटर्स, हीरो इलेक्ट्रिक और काइनेटिक कंपनी ने ज्यादा उत्साह दिखाया है। टाटा मोटर्स के नेतृत्व में नए ईवी लांच और इलेक्ट्रिक दोपहिया  एवं तीन पहिया वाहनों के आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। बता दें कि सितंबर 2021 तक इलेक्ट्रिक टू व्हीलर की बिक्री 58,264 यूनिट्स और थ्री व्हीलर्स की 59, 808 यूनिट्स की थी जो कि सेंटर फॉर एनर्जी फाइनेंस में ऊर्जा, पर्यावरण  और जल परिषद में ऊर्जा वित्त केंद्र द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार थी। 

इसी तरह हीरो इलेक्ट्रिक के एमडी नवीन मुंजाल कहते हैं कि प्रोत्साहन और विभिन्न पहलों से विकास में मदद मिली है क्योंकि हम हॉकी स्टिक की तरह की वृद्धि को आगे बढ़ते देख रहे हैं। इसके अलावा काइनेटिक ग्रीन एनर्जी एंड पावर सॉल्यूशंस के सीईओ सुलज्या मोटवानी ने कहा है कि ईवी के लिए बेहतर जागरूकता और स्वीकृति के साथ गैर व्यावसायिक खंड में भी ग्रामीण बाजारों से अधिक आकर्षण है। 


वित्तीय प्रोत्साहन कर रहे ग्राहकों को आकर्षित 

इलेक्ट्रिक वाहनों की लगातार बढ़ रही बिक्री को लेकर सीईईडब्ल्यू- सेंटर फॉर एनर्जी फाइनेंस के प्रोग्राम लीड ऋषभ जैन ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा दिए जा रहे वित्तीय प्रोत्साहन नए ईवी वाहनों के खरीदारों  को आकर्षित कर रहे हैं जबकि ईंधन की बढ़ती लागत से आईसीई वाहन मालिकों के लिए परिचालन खर्च बढ़ रहा है। इधर राज्य स्वामित्व वाली कन्वर्जेंस एनर्जी सॉल्यूशंस सर्विसेज के एमडी महुआ आचार्य ने कहा है कि हमें बुनियादी ढांचे, आपूर्ति और वित्त पोषण सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। फेम द्वितीय वित्त पोषण के मामले में बहुत मददगार साबित हो रही है। निश्चत रूप से अब इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य सुनहरा दिखाई देता है।  

 

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