जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन के लिए ग्लोबल कंपनियों से टेंडर मांगे एनएचएआई ने
टोल कलेक्शन को लेकर हाल ही में एक बड़ी अपडेट आ रही है। लंबे समय से जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन को लेकर चर्चा हो रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस लक्ष्य पर तेजी से काम करने का निर्देश दिया है ताकि देश में टोल ऑपरेशन लागत में कमी आए और टोल कलेक्शन का अनुभव भी बेहतर किया जा सके। सरकार अब बिना रुकावट, बिना अवरोध टोल कलेक्शन पर बल दे रही है। यही वजह है कि अब जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन प्रणाली के लिए एनएचएआई ने ग्लोबल कंपनियों से टेंडर मांगे हैं। कंपनियां बोली लगाएगी और सबसे कम कीमत और सबसे अच्छी सुविधा देने वाली कंपनियों को टेंडर प्रोसेस में वरीयता दी जाएगी।
क्या है सरकार का प्लान?
सरकार की योजना टोल कलेक्शन प्रोसेस को स्मूथ करना और लागत में कमी लाना है। इस प्रोसेस से टोल बूथ की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी। कई बार टोल बूथ पर वाहन चालकों से हुई अभद्रता के वीडियो देखने को मिले हैं। टोलिंग अनुभव को बेहतर करने और उसकी एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए एनएचएआई ने दुनिया भर की नई टेक्नोलॉजी से लैस और योग्य कंपनियों से इस संबंध में अभिरुचि पत्र मांगा है।
ऐसे टेंडर भरें कंपनियां
ऐसी सक्षम कंपनियां जो उन्नत सैटेलाइट टेक्नोलॉजी और ग्लोबल नेविगेशन आधारित टोल चार्ज सॉफ्टवेयर प्रदान कर सकती है, वे इस टेंडर के लिए आवेदन कर सकती है।
जो कंपनियां इस सेवा के लिए इच्छुक हैं वो 22 जुलाई, 2024 को 15:00 बजे (भारतीय मानक समय) तक ईमेल के माध्यम से tenders@ihmcl.com पर अपना अभिरुचि पत्र भेज सकती है।
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