बाजार के लिए विकास की संभावना और अधिक बढ़ीं
ऑटोमोबाइल सेक्टर में छोटे वाणिज्यिक वाहन खंड की बात की जाए तो यह लास्ट माइल कार्गो परिवहन के काम को बाखूबी अंजाम दे सकते हैं। एसवीसी की पाइपलाइन में कई उत्पाद बाजार में आने से पहले तीव्र प्रतिस्पर्धा के लिए जाने जाते हैं। यहां बता दें कि लघु वाणिज्यिक वाहनों के बढ़ते इस्तेमाल और उनकी बेहतर उपयोगिता के कारण एससीवी निर्माता कई कंपनियां इस सेगमेंट में अनुकूल दीर्घकालीन विकास क्षमता का लाभ उठाना चाहती हैं। आइए, यहां जानते हैं छोटे वाणिज्यिक वाहनों की बाजार के विकास के लिए क्या संभावनाएं बनी हुई हैं?
लघु वाणिज्यिक वाहनों के सेंगमेंट में हुई वृद्धि
बता दें कि वाणिज्यिक वाहनों (Commercial Vehicle) के क्षेत्र में एससीवी बाजार के लिए पिछले कुछ अर्से से लगातार संभावनाएं बढ़ रही हैं। कार्पोरेट सेक्टर रेटिंग,आईसीआरए के समूह प्रमुख और उपाध्यक्ष शमशेर दीवान का कहना है कि स्मॉल कमर्शियल वाहनों संभावना इन वाहनों के अंतिम मील तक पहुंंचने की क्षमता और आवश्यकता को दर्शाती है।
तीन एससीवी कंपनियों की बाजार में पैठ
अगर स्माल कमर्शियल व्हीकल्स निर्माण और इनकी बाजार की हिस्सेदारी की बात की जाए तो भारत की तीन कंपनियां इसमें सबसे ज्यादा पैठ रखती हैं। इनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और अशोक लेलैंड हैं। इनकी एससीवी सेगमेंट में करीब 94 प्रतिशत की संयुक्त भागीदारी है। इसके अलावा वैकल्पिक ईंधन और इलेक्ट्रिक सहित कई नए उत्पाद परिचय के साथ जबर्दस्त उत्पाद विस्तार योजनाएं तैयार कर रहे हैं। यहां बता दें कि एक ओर जहां महिंद्रा एंड महिंद्रा पिकअप सेगमेंट में आगे है वहीं टाटा मोटर्स का मिनी ट्रक सेगमेंट में दबदबा बना हुआ है।
2026 तक महिंद्रा 17 नए एससीवी लांच करेगी
महिंद्रा कंपनी का लक्ष्य 2026 तक 17 एससीवी के नए मॉडल लांच करने के साथ अपनी स्थिति को मजबूत बनाना है। इनमें 12 सीएनजी विकल्प के मॉडल होंगे। महिंद्रा (Mahindra) के कार्यकारी निदेशक राजेश जेजुरिकर ने कहा है कि हमारे पास लास्ट मोबिलिटी में स्मॉल कमर्शियल व्हीकल्स का रोमांचक उत्पाद है। कंपनी का कहना हैकि उनकी प्रस्तावित योजना में कम टन भार वाले मिनी ट्रक सेगमेंट में कुछ प्लेटफार्म होंगे जो कंपनी की स्थिति मजबूत करने के लिए शामिल किए जाएंगे।
टाटा मोटर्स की लघु वाणिज्यिक वाहनों से बढ़ी हिस्सेदारी
स्मॉल कमर्शियल व्हीकल्स के बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रमुख सीवी निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स का नाम भी चर्चित है। इसने वर्ष 2020 में अपनी बाजार हिस्सेदारी 37.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 39.3 प्रतिशत कर ली। छोटे पिक-अप के लिए इसकी नई रेंज और बड़ी पिक-अप श्रेणी के लिए योद्धा ब्रांड से कंपनी को मजबूती मिलने की संभावना है। टाटा मोटर्स (Tata Motors) के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा है कि हम पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए इलेक्ट्रिक और अन्य ईंधन विकल्पों के प्रति पूरी तरह से गंभीर हैं।
अशोक लेलैंड का पिकअप श्रेणी पर ध्यान
छोटे वाणिज्यिक वाहनों के भविष्य के बाजार की संभावनाओं और कंपनियों की हिस्सेदारी की बात की जाए तो अशोक लेलैंड भी इसमें अग्रणी स्थान पर है। यह कंपनी अपने मॉडल दोस्त वाहन के साथ पिकअप (Pickup) श्रेणी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पिछले साल बड़ी पिकअप श्रेणी के लिए बड़ा दोस्त की लॉचिंग से कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है। यह वैकल्पिक ईंधन और इलेक्ट्रिक वेरिएंट के साथ अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है। यहां यह बता दें कि स्माल कमर्शियल व्हीकल्स के एलसीवी सेगमेंट का एक बड़ा हिस्सा जो करीब 90 प्रतिशत से ज्यादा माना जाता है वह हिस्सेदारी के साथ है।
पहली तिमाही में एससीवी बिक्री 35 प्रतिशत बढ़ी
यहां बता दें कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानि अप्रैल से सितंबर की अवधि में कुल एससीवी वॉल्यूम 35 प्रतिशत बढ़ कर 1.67 लाख यूनिट हो गया। यह एक वर्ष पहले की अवधि में 1.24 यूनिट था। इसमें से कुल मिनी ट्रक (Mini Truck) की बिक्री 50 प्रतिशत बढ़ कर 66,656 इकाई हो गई जो एक साल पहले की इसी अवधि में 44,289 इकाई थी। पिकअप 27 फीसदी से बढ़ कर 167,428 यूनिट हो गया।
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