टाटा मोटर्स के ईवी लोकलाइजेशन प्रयासों को मिला बड़ा समर्थन
उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत भारत सरकार विभिन्न क्षेत्रों की पात्र कंपनियों को इंसेंटिव देती है। यह योजना घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने, आत्मनिर्भर भारत को सशक्त करने और विदेशी निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। अब इस योजना से जुड़ा ताजा अपडेट यह है कि भारत की अग्रणी ऑटोमोबाइल निर्माता टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत 527 करोड़ रुपये के इंसेंटिव के लिए क्लेम किया है। यह उपलब्धि कंपनी के इलेक्ट्रिक वाहनों में तेजी से हो रहे स्थानीयकरण (Localisation) और तकनीकी दक्षता को दर्शाती है, जो भारत के ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करने में एक बड़ा योगदान है।
कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि उसने FY24 के लिए मंजूरी प्राप्त होने और धन प्राप्त होने के बाद और FY25 में टेक्नो-कमर्शियल ऑडिट (TCA) अनुमोदन के आधार पर यह प्रोत्साहन प्राप्त किया है।
टाटा मोटर्स को ऐसे मिला पीएलआई योजना का लाभ
सरकार द्वारा 2021 में 25,938 करोड़ रुपये के बजट से पीएलआई योजना शुरू की गई थी। योजना का उद्देश्य एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (AAT) उत्पादों के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना और ऑटोमोटिव वैल्यू चेन में निवेश आकर्षित करना है। योजना के अंतर्गत ईवी और हाइड्रोजन फ्यूल सेल कंपोनेंट्स के लिए 13% से 18% तक, जबकि अन्य एएटी उत्पादों के लिए 8% से 13% तक का प्रोत्साहन दिया जाता है।
टाटा मोटर्स को FY24 में टियागो ईवी, स्टारबस ईवी और ऐस ईवी जैसे AAT उत्पादों की 1,380.24 करोड़ रुपये की पात्र बिक्री पर 142.13 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिला। वहीं FY25 में, कंपनी ने 385 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जहां घरेलू मूल्य संवर्धन (Domestic Value Addition) और TCA मापदंडों को पूरा किया गया। कुल 527 करोड़ रुपये के पीएलआई प्रोत्साहन में से 352 करोड़ रुपये यात्री वाहन खंड और 175 करोड़ रुपये वाणिज्यिक वाहन खंड के लिए मान्यता प्राप्त हुई है।
इस उपलब्धि पर प्रबंध निदेशक के बयान
कंपनी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा के अनुसार, “ईवी सेगमेंट में हमारा उच्च स्तर का स्थानीयकरण, आक्रामक लागत कटौती और पीएलआई लाभ हमें वैश्विक स्तर पर कुछ चुनिंदा सकारात्मक ईबीआईटीडीए हासिल करने वाले निर्माताओं की श्रेणी में लाता है।”
लोकलाइजेशन बना टाटा मोटर्स की रणनीतिक रीढ़
टाटा मोटर्स की रणनीति का प्रमुख स्तंभ है स्थानीयकरण है, जिसमें टियर 1 स्तर पर 75-80% तक का स्थानीय योगदान शामिल है। टाटा मोटर्स ने कहा, “यह उच्च स्तर का स्थानीयकरण न केवल कॉस्ट एफिशिएंसी और सप्लाई चेन रेजिलिएंस बढ़ाता है, बल्कि यह भारत के ईवी इकोसिस्टम के दीर्घकालिक विकास में भी अहम भूमिका निभाता है।”
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि पीएलआई योजना से प्राप्त लाभों का उपयोग वह सस्टेनेबल मोबिलिटी में भविष्य के निवेशों को फंड करने में करेगी, जिससे भारत को हरित और आत्मनिर्भर परिवहन की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
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