तिपहिया मालवाहक वाहनों सहित अन्य ईवी की बढ़ रही मांग
ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ते भारत के कदमों में देश का सबसे बड़ा कमर्शियल वाहन निर्माता टाटा मोटर्स समूह भी अपने कदम मिलाकर चल रहा है। उसे उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक देश में 25 प्रतिशत तक ईवी की पहुंच हो जाएगी। टाटा मोटर्स के ईडी गिरीश वाघ का मानना है कि मौजूदा समय में वाणिज्यिक और यात्री वाहनों में इलेक्ट्रिक की पहुंच 1 प्रतिशत से भी कम है। कंपनी आगामी 2030 तक इसे बस खंड में कम से कम 20 प्रतिशत और अन्य सभी खंडों में 25 प्रतिशत तक देखना चाहती है। टाटा मोटर्स ने अब तक 640 इलेक्ट्रिक बसों को सडक़ पर उतारा है और 25 लाख किमी की दूरी तय की है। वहीं करीब 7000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए निविदाएं मांगी हैं। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको बताते हैं इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए टाटा मोटर्स की क्या कार्य योजना है?
इलेक्ट्रिक तिपहिया लोडिंग वाहनों की मांग बढ़ी
यदि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की बात की जाए तो सबसे अधिक तिपहिया मालवाहक वाहनों की मांग है वहीं बैंक ऑफ अमेरिका के विश्लेषकों का कहना है कि इलेक्ट्रिक बसों और तिपहिया माल वाहकों की स्वीकार्यता बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2022 में इलेक्ट्रिक बसों का कुल नये बस पंजीकरण में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान था, इसी तरह पिकअप वाहनों की भी मांग बढ़ रही है। इसमें चार्जिंग की सुविधाओं में विस्तार करना होगा। वाघ का मानना है कि बसों ओर तिपहिया माल वाहक वाहनों में तेजी से इलेक्ट्रिक सेगमेंट आ रहा है। हालांकि कंपनियों के पास वित्त पोषण और इसके आसपास की कुछ बाधाएं आ रहीं हैं।
टाटा मोटर्स 350 बसों की करेगी आपूर्ति
इलेक्ट्रिक क्रांति को आगे बढ़ाते हुए टाटा मोटर्स 350 बसों की आपूर्ति करेगी। इस संबंध में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी गिरीश वाघ ने कहा है कि कुछ राज्य ऑन एंड ऑपरेट मॉडल के जरिए बसों की खरीद कर रहे हैं। इससे इनकी बिक्री में इजाफा हुआ है इसी कड़ी में टाटा मोटर्स ने भी बस सेवा प्रदाता बेस्ट के साथ 350 बसों की आपूर्ति करने का निर्णय लिया है। उधर इलेक्ट्रिक उद्योग पर नजर रखने वालों का कहना है कि इलेक्ट्रिक बस सेगमेंट में काफी कुछ देखने को मिल रहा है। इनमें ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक, पिनेकल और जेबीएम ऑटो जैसे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और टाटा मोटर्स को इसके पैसे के लिए एक रन दे सकते हैं।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रेक्चर और रेंज की चिंता
बता दें कि टाटा मोटर्स के ईडी गिरीश वाघ ने आगाह किया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और इस्तेमाल में कहीं ना कहीं इन वाहनों के चार्जिंग के लिए इन्फ्रास्ट्रेक्चर एवं रेंज की चिंता भी बनी हुई है। हालांकि ओईएम इन चिंताओं को काफी हद तक कम कर रहे हैं। कुल मिला कर जब तक इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग की पर्याप्त सुविधाओं का विस्तार नहीं किया जाएगा तब तक दिक्कतें आती रहेंगी।
पांच साल में टाटा मोटर्स का 15,000 करोड़ निवेश का लक्ष्य
यहां बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में टाटा मोटर्स अगले पांच सालों में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। टाटा मोटर्स के यात्री वाहन कारोबार के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा के अनुसार टाटा मोटर्स तेजी से बढते इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र की अगुआ है। इस क्षेत्र में उसके नेक्सन जैसे मॉडल हैंं। कंपनी का इस खंड के लिए करीब 10 नये उत्पाद के विकास का इरादा है। इन्होंने बताया कि कंपनी ने ईवी खंड में निजी इक्विटी कंपनी टीजीपी से 1 अरब डॉलर जुटाए हैं। जहां तक भविष्य का सवाल है कंपनी पांच सालों में 15000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
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