टाटा मोटर्स की नजर में ईवी की मांग आपूर्ति से कहीं ज्यादा
भारत की शीर्ष कमर्शियल वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स को वित्त वर्ष 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में दोगुना वृद्धि की उम्मीद है। वहीं पीवी बाजार इस मांग के चलते एक नवीन शिखर पर पहुंच सकता है। इस संदर्भ में बुधवार को नये टाटा कर्व कॉन्सेप्ट व्हीकल शोकेस के मौके पर टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लिमिटेड के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि मांग आपूर्ति से कहीं अधिक बनी हुई है। ऐसे में एक महीने में कंपनी को 3500 यूनिट की मासिक रन रेट बनाए रखने की आशा है। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको बताते हैं कि टाटा मोटर्स वित्त वर्ष 2023 में क्या उम्मीद लेकर चल रही है और इसकी यह उम्मीद किन मापदंडों पर आधारित है?
यह रहा वित्त वर्ष 2022 में कंपनी में उतार-चढ़ाव का दौर
एक ओर टाटा मोटर्स कंपनी वित्त वर्ष 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में करीब दोगुना इजाफा होने की उम्मीद रख रही है वहीं दूसरी ओर वित्त वर्ष 2022 की बात करें तो टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2022 में औसतन लगभग 1600 यूनिट्स प्रति माह 19,106 यूनिट ईवी की बिक्री की। यद्यपि मार्च 2022 में यह 3357 यूनिट्स की मासिक दर के साथ बाहर हो गई, जिसने ईवी पैठ को कुल मासिक वॉल्यूम में 8 प्रतिशत तक धकेल दिया। देश में ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच स्वच्छ वाहनों के लिए मजबूत टेलविंड द्वारा समर्थित टाटा मोटर्स को चालू वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दोगुनी से अधिक होने की उम्मीद है।
यात्री वाहन बाजार शीर्ष पर पहुंचेगा
यदि टाटा मोटर्स की नई उम्मीदों की बात करें तो आर्डर बुक में निरंतर वृृद्धि को देखते हुए कंपनी को भारतीय पैसेंजर वाहन बाजार के भी शिखर पर पहुंचने की आशा है। कंपनी इसके लिए अपनी ओर से टाटा मोटर्स अपने उत्पादन की बाधाओं को दूर करने के लिए ओवरटाइम काम कर रही उसे 10 से 15 प्रतिशत या 50,000 से 75,000 इकाइयों की वृद्धिशील क्षमता की संभावना है। हाल ही बुधवार को नये टाटा कर्व कूप कॉन्सेप्ट व्हीकल शोकेश के अवसर पर टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लिमिटेड के अध्यक्ष शैलेशचंद्रा ने कहा कि मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है। कंपनी एक महीने में 3500 यूनिट की मासिक रन रेट बनाए रखने में सफल होगी। उन्होंने कहा है कि कंपनी ने आपूर्ति पक्ष में अपनी पैठ बनाई है और मांग भी इसके अनुरूप तेजी से बढ़ रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में नई कोविड लहर का असर देखना बाकी
निश्चित रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और आपूर्ति बढऩे के प्रति टाटा मोटर्स प्रबंधन पूरी तरह से आशांवित बना हुआ है लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि वर्तमान में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के अलावा चीन में जो कोविड महामारी की नई लहर आई है उसका भी असर देखना बाकी है। कंपनी का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मात्रा में दोगुना से ज्यादा भी वृद्धि संभव है लेकिन अद्र्धचालक आपूर्ति एकमात्र ऐसी चीज है जो इसे वापस भी खींच सकती है। ऐसे में सुधारों के बावजूद मौजूदा परिस्थितियों पर बराबर नजर रखनी होगी। कंपनी ईडी प्रमुख शैलेश चंद्रा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 में ईवी की हिस्सेदारी दोहरे अंकों में होगी और कंपनी की कुल उत्पादन में हिस्सेदारी बढ़कर 20 से 25 प्रतिशत होने की संभावना है।
वित्त वर्ष 2026 तक 10 नये उत्पादों का पोर्टफोलियो बढ़ेगा
यहां बता दें कि तमाम बाधाओं के बावजूद टाटा मोटर्स को अपनी उम्मीदें पूरी होने पर पक्का यकीन है। वर्ष 2026 तक कंपनी को 10 नये उत्पाद और पोर्टफोलियों में जुडऩे की उम्मीद है। वहीं कंपनी का मानना है कि मार्च 2022 के अंत तक यात्री ईवी की कुल मात्रा में वाहनों की बिक्री का अनुपात बढ़कर 5.15% हो गया जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 1.89% की तुलना में उपभोक्ताओं द्वारा ईवी अधिक स्वीकृति के कारण वित्तीय प्रोत्साहनों द्वारा सहायता प्राप्त हो गई थी। कुछ राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी दे रही हैं। यह भी एक कारण रहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रदर्शन कंपनी की अपेक्षा से कहीं अधिक रहा। कंपनी अधिक चिपसेट हासिल करने पर विचार कर रही है।
ग्राहक ही बने कंपनी के ब्रांड एंबेसडर
टाटा मोटर्स पर उसके ग्राहकों का इतना यकीन है कि वे खुद ही इसके ब्रांड एंबेसडर बन गए हैं। ऐसा मानना है कंपनी के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स लिमिटेड के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा का। इनका कहना है कि मांग और आपूर्ति दोनो के दृष्टिकोण से ईवी व्यवसाय का प्रदर्शन हमारी अपेक्षाओं को पार कर गया है। हम नियोजित की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक आपूर्ति सुरक्षित करने में सक्षम थे। मांग में हम जो दे सकते थे उससे वह दोगुनी थी। मांग आसमान छू गई। ऐसे में कंपनी के ग्राहक ही एंबेसडर बन गए। इसके अलावा अगर आपूर्ति में सुधार होता है तो यह उद्योग एक नये शिखर को छू सकता है। पिछले साल यह कंपनी 85 प्रतिशत मांग पर चल रही थी। वित्तीय वर्ष की कम से कम 4 लाख वाहन की मांग थी जो अभी भी पूरी नहीं हो पाई है। इसे इस वर्ष में स्थानांतरित कर दिया गया है।
वित्त वर्ष 2022 में 5 लाख इकाइयों के उत्पादन की योजना
बता दें कि टाटा मोटर्स की इस वित्त वर्ष में 5 लाख इकाइयों के उत्पादन की बड़ी योजना है। इस पर अस्थायी उत्पादन कार्यक्रम बन गया है। कंपनी का मानना है कि ईवी से कुल पीवी का 10 से 15 प्रतिशत हासिल करने की योजना है। इससे 50,000 से 75,000 यूनिट तक का उत्पादन करना होगा। वहीं बता दें कि ईवी वॉल्यूम की तुलना में कंपनी को इससे 2.5 गुना लाभ हो सकता है। इधर विशेषज्ञों की राय है कि टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल्स कारोबार को वित्त वर्ष 2023 में पहले पूरे वर्ष लाभ होने की संभावना बनी हुई है।
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