आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि से वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में आया सुधार
कमर्शियल वाहनों की डिमांड में धीरे-धीरे तेजी आ रही है। वाणिज्यिक वाहनों की मांग में आए इस सुधार के कारण टाटा मोटर्स ने अपने पोर्टफोलियो को बढ़ा लिया है। बता दें कि वर्तमान में भारत की सबसे अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स के पास बाजार में सबसे बड़ा पोर्टफोलिया है। इसने हाल ही के सेगमेंट में 21 वाहनों का अनावरण किया है। ई-कॉमर्स क्षेत्र की स्वस्थ मांग के साथ-साथ केंद्र के त्वरित इंफ्रा पुश ने वाणिज्यिक वाहन खंड में धीरे-धीरे सुधार किया है। ऐसा टाटा मोटर्स का भी मानना है। आइए, जानते हैं कोविड की तीसरी लहर के संकट के दौरान भी टाटा मोटर्स ने किस तरह से बढ़ाया अपना पोर्टफोलिया और कैसे हुआ वाणिज्यिक वाहनों की मांग में हालिया परिवर्तन।
मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था से सीवी की बिक्री में वृद्धि
यहां बता दें कि ई कॉमर्स क्षेत्र की स्वस्थ मांग के साथ-साथ केंद्र के तेज इंफ्रास्ट्रैक्चर ने वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में सुधार किया है। यह ऑटोमोबाइल प्रमुख टाटा मोटर्स का भी मानना है। एक तरफ कोविड-19 महामारी के चरम दौर में वाणिज्यिक वाहन खंड में गिरावट देखी गई वहीं दूसरी और इसके बाद इस तीसरी लहर में वाणिज्यिक वाहन मार्केट उठ रहा है। आईएएनएस के साथ बातचीत में टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने दूसरी लहर के बाद भी मांग में धीरे-धीरे सुधार का हवाला दिया है। इनके अनुसार मानें तो आर्थिक गतिविधियों में हुई वृद्धि के कारण सुधार संभव हो पाया है। इसने एक मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ कमर्शियल वाहनों की बिक्री को प्रेरित किया है।
वाणिज्यिक वाहनों की मांग में वृद्धि के लिए अन्य कारण
बता दें कि वाणिज्यिक वाहनों की मांग जिस तरह से लगातार बढ़ रही है उससे यह साफ है कि कई उत्प्रेरकों का इसमें योगदान रहा है। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ का कहना है कि एफएमसीजी, एफएमसीडी, कृषि आपूर्ति, अन्य ई-कामर्स उत्पादों जैसे अंतिम मील अनुप्रयोगों में बढ़ी गतिविधि के साथ छोटे कमर्शियल वाहन (SCV) एवं मध्यवर्ती और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की मांग में वृद्धि के लिए प्रमुख उत्प्रेरक रही है। इसके अलावा मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन ने निर्माण, खनन और ई-कॉमर्स क्षेत्रों से मांग में धीरे-धीरे सुधार देखा है।
निकट भविष्य में स्क्रैपेज नीति से भी बढ़ेगी मांग
कमर्शियल व्हीकल्स की डिमांड में होने वाली तेजी के पीछे केंद्र सरकार की स्क्रैपेज नीति और पीएलआई यानि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम भी है। ऐसा मानना है टाटा मोटर्स कंपनी के कार्यकारी गिरीश वाघ का। उन्होंने कहा है कि माल ढुलाई और डीजल की दर में क्रमिक रूप से सुधार हुआ है जो माल परिवहन की मांग में सुधार का संकेत देता है। हालांकि ट्रांसपोर्टर की लाभप्रदता अभी भी तनाव में हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा है कि बुनियादी ढांचे के विकास, खनन, सीमेंट और स्टील जैसे क्षेत्रों से बेहतर माल ढुलाई की मांग अच्छी है। कमर्शियल उद्योग के लिए यह बहुत ही जरूरी और तेज गति प्रदान करने वाली उम्मीद है।
सरकार की 102 लाख करोड़ रुपये की एनआईपी
यह सच है कि वाणिज्यिक वाहनों की मांग में हो रहे सुधार से इन वाहनों के मार्केट में भी इंप्रूवमेंट आ रहा है। इससे कंपनी पूरी तरह से आशावान बनी हुई है। वहीं इन वाहनों के बुनियादी ढांचा परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी आई है। सरकार ने वित्त वर्ष 2024 तक 102 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय पाइपलाइन एनआईपी की घोषणा की। इसके अलावा बुनियादी ढांचे पर तीव्र ध्यान देने के साथ वित्त वर्ष 22 के लिए कैपेक्स आवंटन में सालाना 26 प्रतिशत की वृद्धि लघु से मध्यम अवधि में एमएंड एचवीवी की वृद्धि का समर्थन करेगी।
टाटा मोटर्स ने यात्री वाहनों की कीमतों में की वृद्धि
यहां बता दें कि टाटा मोटर्स ने हाल ही अपने यात्री वाहनों में 0.09 प्रतिशत की वृद्धि करने का ऐलान किया है। टाटा मोटर्स ने अपने बयान में कहा है कि कंपनी अपनी बढ़ी हुई लागत के एक महत्वपूर्ण हिस्से को अवशोषित कर रही है। कुल लागत में भारी वृद्धि ने इसे न्यूनतम मूल्य वृद्धि के माध्यम से कुछ अनुपात में पारित करने के लिए मजबूर किया है।
जानें, टाटा मोटर्स के बारे में
कमर्शियल व्हीकल्स निर्माता कंपनियों में सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स का नाम आता है। यह विशिष्ट उत्पादन लाइन में ट्रकों से लेकर कार, स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स, बस और रिक्शा वाहनों का निर्माण करती है। बता दें कि टाटा मोटर्स की स्थापना 1945 में जमशेदजी टाटा ने की थी। वे हमेशा ग्राहक की प्राथमिकता और सुविधा के लिए काम करते थे। उनके सभी उत्पाद उनकी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब हैं। सन् 1954 में टाटा मोटर्स ने अपना पहला वाणिज्यिक वाहन टीएमबी 312 ट्रक लांच किया था। यह टाटा मोटर्स ट्रक कंपनी का टर्निंग प्वाइंट था। इसके बाद कंपनी साल दर साल उन्नति करती गई और वर्तमान में यह शिखर पर है। टाटा मोटर्स की भारत सहित विश्व के कई देशों में शाखाएं हैं।
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