ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकिन्से एंड कंपनी टाटा के बिजनेस को दिलाएगी लाभप्रदता
देश की सबसे बड़ी वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने अपने सीवी कारोबार के विस्तार और उसकी लाभप्रदता में वृद्धि के लिए ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकिन्से एंड कंपनी को हायर किया है। टाटा मोटर्स ने कहा है कि वह देश की सबसे बड़ी सीवी निर्माता कंपनियों में शुमार है और अब अब छूट की होड़ में खुद को शामिल नहीं करेगी। हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने के बावजूद बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली थी। वहीं मैकिन्से के जनादेश में मूल्य निर्धारण, मार्जिन, संरचना, अधिकारकरण, अंतरराष्ट्री व्यापार विस्तार आदि को संबोधित करने के लिए एक व्यापक योजना शामिल है, जो एक साल तक चलने वाली एसोसिएशन होगी। यहां ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में टाटा मोटर्स और मैकिन्से कंपीन के बीच हुए करार को लेकर आपको पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
टाटा मोटर्स वांछित लाभप्रदता क्यों नहीं मिल रही ?
बता दें कि वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियों की नेतृत्वकर्ता टाटा मोटर्स पिछले कुछ सालों से अपने कारोबार में लाभप्रदता में पीछे हो रही है जबकि इसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने मैकिन्से को यह काम सौंपा है। मैकिन्से दुनियाभर की शीर्ष कंपनियों को बेंचमार्क कर रहा है। इसमें टाटा मोटर्स के उन घरेलू प्रतिद्वन्द्वियों को भी शामिल किया गया है जो बेहतर लाभप्रदता मीट्रिक पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कंपनी का कहना है कि टाटा समूह के अध्यक्ष सहित शीर्ष प्रबंधन ने कई बैठकों में किसी भी कीमत पर छूट देने और बाजार हिस्सेदार हासिल करने के कल्चर को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि अधिकांश प्रगतिशील संगठनों की तरह हम नये ज्ञान और दृष्टिकोंण लाने के लिए बाहरी सलाहकारों और विशेषज्ञों के साथ जुड़ते हैं जो उत्कृष्टता की हमारी खोज में तेजी लाने में मदद करते हैं। वित्त वर्ष 2022 में टाटा मोटर्स की कुल बाजार हिस्सेदार बढ़कर 44.9 प्रतिशत हो गई जो वित्त वर्ष 2021 में 42.4 प्रतिशत थी, लेकिन वर्ष के दौरान इसकी लाभप्रदता में 50 प्रतिशत की गिरावट आ गई। कुल मिलाकर टाटा मोटर्स पहले की तरह अब मूल्य शक्ति का आनंद नहीं ले पा रही।
बाजार वॉल्यूम उद्योग विशेषज्ञों का यह है कहना
टाटा मोटर्स की लाभप्रदता में अपेक्षित वृद्धि नहीं मिल पाने को लेकर कई प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बाजार में वॉल्यूम उद्योग के विशेषज्ञों ने बताया कि टाटा मोटर्स एनएसई में एक बड़ी कंपनी है जिसमें कुछ सिस्टम और प्रक्रियाएं वर्षों और दशकों से रखी जा रही हैं। इसलिए एक सापेक्ष जड़ता दिनोंदिन बाजार में जाने की प्रक्रिया को कमजोर बना रही है। विशेषज्ञों के अनुसार कंपनी की Achilles हील छोटा कमर्शियल वाहन और पिकअप ट्रक सेगमेंट है, जहां वह ना केवल महिंद्रा से बाजार की हिस्सेदारी खो रही है बल्कि अपने द्वारा बेचे जाने वाले अधिकांश ट्रकों पर पैसा भी खो रही है।
मैकिन्से टाटा एकाउंट टीम के साथ करेगी मूल्य निर्धारण
बता दें कि टाटा मोटर्स की लाभप्रदता को पटरी पर लाने और इसमें बढ़ोतरी करने के लिए मैकिन्से ने काम करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार मैकिन्से की टीम पहले ही सभी क्षेत्रों में कंपनी के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ के साथ डीलर मीट में यात्रा कर चुकी है। उसने अपने बिक्री जनादेश और कार्य योजना को समझाने के लिए सभी क्षेत्रों में यात्रा की है। इसके अतिरिक्त, डील और एकाउंट टीम मैकिन्से के साथ सेगमेंट-आधारित मूल्य निर्धारण और क्षेत्र विशिष्ट मूल्य निर्धारण नियम बनाने के लिए काम कर रही है।
मैकिन्से इस तरह करेगी सुधार
बता दें कि टाटा मोटर्स की लाभप्रदता बढ़ाने के लिए मैकिन्से ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। इसमें टाटा मोटर्स की बिक्री प्रणाली को छूट से दूर करना, बीएस 6 मानक के साथ मूल्य प्रस्ताव को मजबूत बनाना, मार्जिन में वृद्धि करना, परिचालन वित्त को बढ़ावा देना और पोर्टफोलियो को युक्तिसंगत बनाना आदि बिंदु शामिल हैं। इसके अलावा लाभप्रदता की राह में उत्पादन, खरीद एवं बाजार में छूट के मौजूदा तरीकों में सुधार की आवश्यकता है।
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