डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण टाटा मोटर्स के सीएनजी वाहनों की बिक्री में वृद्धि
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार वृद्धि से भारत में इलेक्ट्रिक और सीएनजी के ईंधन विकल्पों पर तेजी से काम होने लगा है। जहां तक कमर्शियल वाहनों के अंतर्गत एलसीवी और एससीवी के रुझान का सवाल है तो इन वाहनों में सीएनजी सेगमेंट ग्राहकों को खासा पसंद आ रहा है। यही कारण है कि टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2021 की तुलना में वित्त वर्ष 2022 में अपने इंटरमीडिएट, एलसीवी (LCV) एवं एससीवी (SCV) श्रेणी की बिक्री में सालाना आधार पर आशातीत वृद्धि दर्ज की है। इस संबंध में टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ का कहना है कि सीएनजी के प्रति बढ़ता रुझान खरीद में बदलाव का संकेत है। वहीं इससे समग्र लाभप्रदता में भी वृद्धि होती है। यहां ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको किफायती ईंधन विकल्प,सीएनजी से संचालित होने वाले टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री और उत्पादन से संबंधित पूरी जानकारी दी जा रही है।
डीजल और सीएनजी वाहनों के बीच अंतर हुआ कम
यहां बता दें कि कमर्शियल वाहन निर्माताओं द्वारा विगत वर्षों में बीएस- 6 उत्सर्जन नियमों में बदलाव के बाद डीजल और सीएनजी सहित इलेक्ट्रिक सेगमेंट में प्रवेश किया गया है। एक तरफ इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए देशव्यापी लहर चल रही है तो दूसरी ओर सीएनजी वाहनों भी खासी डिमांड और बिक्री बढ़ रही है। अधिक सीनएजी वाहनों के संचालन से परिचालन लागत पर बचत से लाभ हुआ है। इसके अलावा देश के कई राज्यों में सीएनजी के उपयोग करने पर उपकर में छूट दी गई है।
रूस- यूक्रेन युद्ध से ऑटो उत्पादन पर पड़ रहा असर
हालांकि कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री को लेकर टाटा मोटर्स कंपनी उत्साहित है लेकिन उत्पादन पर पिछले करीब दो माह से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण विपरीत असर पड़ रहा है। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ का कहना है कि कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि विशेष रूप से स्टील और कीमती धातुओं की की बढ़ती कीमत लाभप्रदता के लिए चुनौती बनी हुई हैं। कंपनी विनिर्माण के कई चरणों में अपने ग्राहकों के लिए कीमत वृद्धि को रोकने का प्रयास करती है लेकिन यह भी सच है कि वर्तमान में रूस-यूक्रेन के युद्ध के कारण वाहन उत्पादन में जरूरी धातुओं की आपूर्ति एवं कीमत प्रभावित हो रही है। रूस में पैलेडियम का लगभग 40 प्रतिशत वैश्विक हिस्सा है जो सेमीकंडक्टर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण घटक है। इसके अलावा यूक्रेन नियान गैस के सबसे बड़े उत्पादकों में एक है जो सेमीकंडक्टर बनाने के लिए जरूरी है।
आर्थिक गतिविधियों से मांग बनी रहेगी
जहां तक कमर्शियल वाहनों की मांग और इनकी बिक्री में भविष्य में वृद्धि का सवाल है तो बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारों की आर्थिक गतिविधियों को लेकर सीवी निर्माता कंपनियां उत्साहित नजर आ रही हैं। इस संबंध में टाटा मोटर्स कंपनी के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ का कहना है कि हम समग्र मांग के बारे में सतर्क रूप से आशावादी हैं। उन्हे उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी गतिविधियों और खर्च बढ़ाए जाने से कमर्शियल वाहनों की मांग आगे इसी तरह भी बनी रहेगी। बता दें कि भारत के 2022 के केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 2023 के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को 25,000 किलोमीटर तक विस्तारित करने की महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा अन्य बुनियादी ढांचे पर सरकार बड़ा बजट खर्च करेगी।
टाटा मोटर्स का बाजार हिस्सेदारी का प्रदर्शन बेहतर रहा
यहां बता दें कि टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष से लेकर वर्तमान तक लगातार बढ़ी है। गत वर्ष 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो इससे पहले के वित्त वर्ष की तुलना में 2.5 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी को हासिल करने के लिए प्रेरित करती है। वहीं वर्तमान मेें कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 44.9 प्रतिशत है। टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी सभी श्रेणियों में बेहतर रही है। इस पर कंपनी के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ का कहना है कि बाजार हिस्सेदारी का प्रदर्शन देश के सभी उत्पाद खंडों एवं भौगोलिक क्षेत्रों में व्यापक तरीके से फैला हुआ है। गौरतलब है कि टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2022 में 80 से अधिक नये मॉडल और वेरिएंट पेश किए इनमें अक्टूबर 2021 में 21 मॉडल का एक साथ लांच करना भी शामिल है।
टाटा ट्रक के ये मॉडल रहे चर्चित
टाटा मोटर्स की जो बड़ी कामयाबियां रही हैं उनमें इसके कई ऐसे मॉडल हैं जो अनूठी पेशकश के कारण ग्राहकों के लिए उत्साहजनक प्रतिक्रियाओंं वाले रहे हैं। उदाहरण के तौर पर टाटा ने आरएमसी ट्रकों की नई पेशकश की जो रेप्टो रेंज के तौर पर थी इसे ग्राहकों ने परिचालन और लागत के लिए जम कर सराहा है। इसके अलावा अन्य मॉडल जो अधिक सेल हुए उनमें सिग्ना 2825 के. सिग्ना 4835 टीके और सिग्ना 5525 एस शामिल हैं। कंपनी ने यह भी कहा है कि सीएनजी मॉडल्स में इंटरमीडिएट और एलसीवी सेगमेंट में 407 जी एवं 709 जी जैसे मॉडल परिचालन लागत को कम करने के कारण लाभकारी रहे हैं। वहीं जिन मॉडल का अच्छा प्रदर्शन रहा है उनमें टाटा 1512 LPTऔर टाटा LPT 1109g शामिल हैं। इसके अलावा बस खंड में 13.5 टन के जीवीडब्ल्यू के साथ आईसीवी और एमसीवी बसों की भी अच्छी डिमांड रही है। टाटा मैग्ना भारत की पहली 13.5 मीटर सिंगल एक्सल बस, स्टारबस अल्ट्रा और विंगर परिवार के साथ बेस्टसेलर में एक रही है।
टाटा के सीवी उद्योग में वित्त वर्ष 2022 में 27 प्रतिशत की वृद्धि
वित्त वर्ष 2022 में भारत के समग्र सीवी उद्योग में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें एमएंड एचसीवी और आई एंड एलसीवी की बिक्री पिछले साल की तुलना में क्रमश: 50 और 40 प्रतिशत अधिक है। यह देश में सडक़ निर्माण में तेजी एवं खनन सहित अन्य बुनियादी ढांचे में सरकारों द्वारा बढ़ाए गए बजट के कारण संभव हो पाया। यहां यह भी उल्लेख करना चाहेंगे कि कमर्शियल सेगमेंट में कोविड 2019 के पहले ही मंदी का दौर शुरू हो गया था लेकिन वित्त वष 2020 और 2021 में वाणिज्यिक वाहनों की मांग और आपूर्ति में जो वॉल्यूम में गिरावट आई जो वित्त वर्ष 2022 में वापस सुधर कर वृद्धि में दर्ज हो गई।
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